(बैतूल) चिचोली तहसीलदार ने बंसल के जिस अवैध भंडारण का प्रतिवेदन दिया अब कलेक्टर ने फिर बैतूल नायब तहसीलदार से कराई जांच फिर भी एसडीएम कार्रवाई नहीं करेगी? 
- ठंडे बस्ते में एक और प्रतिवेदन होगा जमा!
बैतूल(हेडलाईन)/नवल-वर्मा । गिट्टी के अवैध भंडारण को लेकर चिचोली तहसीलदार ने जो प्रतिवेदन सितम्बर माह में दिया था उस पर न तो एसडीएम बैतूल ने कार्रवाई की और न ही कभी खनिज विभाग ने कार्रवाई करना जरूरी समझा, जबकि दोनों के पास यह प्रतिवेदन लंबित रहा। अब किसी ने कलेक्टर को स्पेशली याद दिलाया कि ऐसा भी एक प्रतिवेदन पेडिंग है तो उन्होंने नायब तहसीलदार डॉली रैकवार को जांच करने के लिए मौके पर भेजा। जबकि यह प्रतिवेदन चिचोली तहसीलदार का है तो इसमें जांच की जगह प्रकरण दर्ज हो जाना चाहिए था, लेकिन बंसल का मामला है इसलिए टाल मटोल का खेल जारी है। अब इसके साथ यह भी सवाल है कि कलेक्टर के ही आदेश पर कनारा के जिस अवैध खनन की जांच डॉली रैकवार ने की थी उसका प्रतिवेदन भी एसडीएम के पास पेडिंग है उसमें भी एसडीएम ने कुछ नहीं किया। अब ऐसे में फिर बड़ा सवाल यह है कि डॉली रैकवार का यह प्रतिवेदन भी एसडीएम के ठंडे बस्ते में जमा हो जाएगा या इसमें कुछ होगा। वैसे जो बैतूल एसडीएम की वर्किग है  वह तो यह खुलकर बता रही है कि होना जाना कुछ नहीं है जबरन की एक्सरसाईज है।

- यह है वह मामला जिसमें 8 सितम्बर 2021 को तहसीलदार चिचोली ने दिया था प्रतिवेदन...
चिचोली तहसीलदार के प्रतिवेदन के अनुसार 8 सितम्बर 2021 को जो भी स्थित भूमि खसरा नं 22/1, रकबा 0.720 हेक्टेयर भूमि में गिट्टी का भंडारण पाया गया। जिसका मौके पर पंचनामा बनाया गया। यहां पर राष्ट्रीय राजमार्ग के फोरलेन निर्माण करने वाली बंसल कंपनी के डम्पिग मैनेजर नरेश पिता विजय सिंह राजपूत निवासी सागर हाल मुकाम गढ़ा कैम्प जिला बैतूल द्वारा बताया गया कि उक्त डम्प की गई गिट्टी फोरलेन निर्माण कर रही बंसल कंपनी की है और मैनेजर के पास डम्पिग के संबंध में आवश्यक अनुमति की कोई जानकारी या दस्तावेज नहीं था। उपरोक्त मामले में तहसीलदार चिचोली में जिला खनिज अधिकारी से नियम अनुसार कार्रवाई के लिए निवेदन किया था। पांच महीने गुजर जाने के बाद भी इस मामले में किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं हुई है। जिला खनिज अधिकारी का कहना है कि कलेक्टर ने राजस्व अधिकारियों को पावर डेलीगेट कर रखे हैं इसलिए वे भी प्रकरण बना सकते है। जब वे खुद प्रकरण बना सकते हैं तो खनिज विभाग को प्रतिवेदन क्यों भेज रहे है?
नवल-वर्मा-हेडलाईन-बैतूल 28 मई 2022