(बैतूल) पानी चोरी पकड़ाने के बाद बंसल कंपनी पर एफआईआर कराने की जगह पैसा जमा कराकर निर्माण पर लगाया प्रतिबंध हटाया,
- घनघोर आभार... कलेक्टर साब..!
बैतूल(हेडलाईन)/नवल-वर्मा । फोरलेन बना रही बंसल कंपनी मनमानी तो लगातार कर रही है, लेकिन पहली बार कंपनी की मनमानी पर ब्रेक लगाने की कोशिश की गई। बोरवेल से पानी चोरी करने के मामले में कलेक्टर ने संज्ञान लेते हुए कंपनी के निर्माण कार्य पर बैन लगा दिया। जबकि कायदे से बैन लगाने के साथ-साथ बंसल कंपनी और एनएचएआई पर पानी चोरी की एफआईआर दर्ज होना था। कलेक्टर के आदेश पर एसडीएम द्वारा लगाया गया बैन भी औपचारिक ही साबित हुआ। महज 5 लाख रूपये जमा करवाकर प्रतिबंध से मुक्त कर दिया। हालांकि प्रतिबंध के दौरान भी बंसल कंपनी ने बोरवेल से पानी भी उठाया और जगह-जगह निर्माण कार्य भी जारी रखा। बंसल कंपनी की यह चालाकी कलेक्टर के संज्ञान में जाने के बाद कंपनी ने मीडिया मैनेजमेंट किया और गुरूवार सुबह विभिन्न मीडिया प्लेटफार्म पर यह खबर प्लांट करवाई कि प्रतिबंध के कारण निर्माण कार्य बंद है, जबकि हकीकत कुछ और थी। जिसके वीडियो उपलब्ध है।

- बैन हटने के पहले भी कंपनी ने बोरवेल से लिया पानी...
 बुधवार और गुरूवार के जो वीडियो उपलब्ध हैं वे बता रहे है कि कंपनी ने प्रतिबंध आदेश के बावजूद भी बोरवेल से पानी उठाया, अपने अर्थवर्क और सीमेंटीकरण के काम में उपयोग किया। दिन भर टैंकर बैतूल से चिचोली और हरदा के बीच नजर आए।

- बैन के बावजूद चलता रहा कंपनी का निर्माण कार्य...
 मंगलवार रात को एसडीएम ने बैन का आदेश जारी किया। इसके बाद भी मंगलवार रात भर, बुधवार दिन भर बंसल कंपनी का निर्माण कार्य चलते रहा। गुरूवार को बैतूल से चिचोली तक काम बंद रहा, लेकिन चिचोली से हरदा के बीच काम जारी रहा है। इसके वीडियो कलेक्टर के पास भी है।

- जल संसाधन विभाग को भू-जल का पैसा लेने का ही अधिकार नहीं ...        
जो एक्सपर्ट है उनका स्पष्ट रूप से कहना है कि भू-जल के मामले में जल संसाधन विभाग को पैसा जमा कराने का कोई अधिकार नहीं है। यदि बंसल या कोई सड़क निर्माण कंपनी डेम, तालाब या नदी, नाले से पानी लेती तो जलसंसाधन विभाग पैसा ले सकता था। अब यदि उसके पास पैसा जमा कराकर पानी ले रहे हैं तो चोरी है।

- सेन्ट्रल ग्राउंड वाटर बोर्ड की अनुमति के बगैर पानी लेना अपराध...   
यदि सड़क निर्माण के लिए भू-जल का उपयोग किया जा रहा है तो उसके लिए सेन्ट्रल ग्राउंड वाटर बोर्ड की अनुमति अनिवार्य होगी। इस अनुमति को देने के पहले बोर्ड जिले का वाटर लेबल आदि की विस्तृत जानकारी लेगा और तय करेगा कि कितना पानी ले सकते हैं फिर उतना पैसा जमा किया जाएगा।

- पानी का पैसा जमा कराने से चोरी में एफआईआर से नहीं बचा जा सकता...
जिस तरह से बंसल कंपनी ने जल संसाधन विभाग में पैसा जमा कराने की सहमति दे दी है उसके द्वारा अभी तक चोरी किए गए पानी की चोरी का अपराध कम नहीं हो जाएगा। कायदे से एफआईआर भी होना चाहिए। यदि प्रशासन ऐसा नहीं करता है तो प्रशासन को पार्टी बनाकर कोई भी हाईकोर्ट जा सकता है।
नवल-वर्मा-हेडलाईन-बैतूल 03 जून 2022