(बैतूल) 10 सवाल कलेक्टर, ई ई जल संसाधन और मैेनेजर बंसल से पूछे गए पर जवाब नदारद,
- बंसल की चोरी छिपाने आनन-फानन में पैसे जमा कराने पर उठ रहे सवाल
बैतूल(हेडलाईन)/नवल-वर्मा । जल संसाधन विभाग ने जिस तरह से आनन-फानन में बंसल कंपनी से पैसा जमा करवाया और उसके बाद निर्माण पर लगी रोक हटाई गई। इस पर कई गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं ? ऐसा लग रहा है कि पूरा प्रशासनिक सिस्टम ही बंसल कंपनी के हितों की रक्षा के लिए सक्रिय है! नियम कानून कायदे और प्रक्रिया से किसी को लेना देना ही नहीं हो। आरोप लग रहा है कि बिना प्रक्रिया को पूरा किए जल संसाधन विभाग ने राशि का निर्धारण किया? यह गैर वाजिब है? वहीं सबसे बड़ी बात यह है कि हाईकोर्ट के स्पष्ट डायरेक्शन है कि सड़क निर्माण में भू-जल का दोहन नहीं कर सकते है। इसके बावजूद बंसल कंपनी ने किया है और इसकी चोरी को लीगल बनाने के लिए उससे थोड़ा सा पैसा वसूल कर लिया जा रहा है। जबकि हकीकत यह है कि सत्येन्द्र वर्सेस ओरिएंटल के माध्यम में हाईकोर्ट ने साफ शब्दों में कहा था कि भू-जल का उपयोग नहीं कर सकते।

- यह है सवाल, जिनका जवाब गायब...     
1 . बंसल कंपनी ने कब पानी की डिमांड के लिए एनएचएआई को पत्र लिखा और क्या डिमांड बताई?
2 . एनएचएआई ने कब जल संसाधन विभाग को डिमांड लेटर दिया ?
3 .जल संसाधन ने जल उपभोक्ता समिति की बैठक के लिए कब कलेक्टर को पत्र लिखा ?
4 . जल उपभोक्ता समिति की बैठक कब हुई उसके मिनिट्स क्या है ?
5 . किस डैम, नदी, नाले से पानी लेना तय किया गया और दर का निर्धारण कैसे हुआ ?
6 . उक्त बैठक में कौन कौन मौजूद थे उसमें क्या निर्णय लिए गए ?
7 . बंसल कंपनी ने किस डैम तालाब या नदी नाले से पानी लिया जिसका पैसा जल संसाधन बैतूल में जमा कराया जा रहा ?
8 . ग्राउंड वाटर में भी जल संसाधन विभाग को अनुमति देने या पैसा जमा करने के अधिकार हैं यह किस आदेश या सर्कुलर या कानून में लिखा है ?
9 . बंसल कंपनी को अर्थ वर्क या कांक्रीट में कितना पानी लग रहा इसका वेल्युवेशन कैसे किया गया ?
10 . अब तक कितना पानी लिया इसका निर्धारण कैसे कर जमा राशि का निर्धारण कैसे किया गया ?

- हमारे पास गजट नोटिफिकेशन और सर्कुलर है : डहेरिया
जल संसाधन विभाग के ईई अशोक डहेरिया का दावा है कि उन्होंने जो बंसल कंपनी पर चार्ज किया उसका उन्हें अधिकार है। कोई गजट नोटिफिकेशन है और उनके ईएनसी का सर्कुलर है कि जिसमें कहा गया है कि व्यवसायिक कार्यो में जल संसाधन विभाग भू-जल का पैसा वसूल कर सकता है।

- हाईकोर्ट डायरेक्शन भी ईई को पता कर लेना चाहिए : गुफरान
अधिवक्ता गुफरान खान का कहना है कि सत्येन्द्र वर्सेस ओरिएंटल के मामले में जो निर्देश दिए गए थे उसकी जानकारी जल संसाधन विभाग के ईई को होना चाहिए। उन्हें व्यवसायिक कार्य और सड़क निर्माण कार्य में भी अंतर मालूम होना चाहिए। घर की खेती नहीं है कि जैसा चाहे वैसा कर ले।
नवल-वर्मा-हेडलाईन-बैतूल 04 जून 2022