(बैतूल) पंचायत चुनाव में शराब लोकतंत्र पर पड़ रही भारी,
- शाहपुर, सारनी, बैतूलबाजार, पीसाजोड़ी और आठनेर के शराब ठेकेदार ने गांव-गांव डम्प करवा रखी है चुनाव के लिए शराब..!
बैतूल(हेडलाईन)/नवल-वर्मा । त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में शराब का भरपूर उपयोग हो रहा है और मतदान को लेकर भी होगा। यह बात पंचायत चुनाव पर नजर रख रही एक सामाजिक संस्था के सदस्य ने कही है। बैतूल जिले के विभिन्न क्षेत्रों का दौरा करने के बाद आरटीआई एक्टिवीविस्ट और सामाजिक कार्यकर्ता भोपाल के नितिन सक्सेना ने बताया कि बैतूलबाजार, शाहपुर, आठनेर, पीसाजोड़ी, सारनी के शराब ठेकेदार ने गांव-गांव में अपना जाल बिछा रखा है और उसके माध्यम से पंचायत चुनाव में शराब की खपत हो रही है। साथ ही मतदान को लेकर भी भारी मात्रा में अलग-अलग जगह पर प्रत्याशियों के हिसाब से शराब डम्प कराई जा रही है। उनका कहना है कि कायदे से आबकारी विभाग को इनके स्टॉक को चेक करना चाहिए, लेकिन आबकारी विभाग यह जहमत नहीं उठा रहा है। वहीं संबंधित थाना क्षेत्र की पुलिस भी इनके अवैध शराब विक्रय के अड्डों की जानकारी होने के बावजूद भी धरपकड़ नहीं कर रही है।
बताया गया कि अधिकांश पंचायत और गांव में शराब बड़े पैमाने पर डंप की गई है, क्योंकि सरपंच चुनाव लडऩे वाला हो या जनपद का चुनाव लडऩे वाला या जिला पंचायत का चुनाव लड़ऩे वाला हो सबको पता है कि एक बड़ा तबका होता है जो चुनाव को उत्सव मानता है और उत्सव में बिना शराब के पत्ता भी नहीं हिलता। इन स्थितियों में प्रशासन को चाहिए कि मतदान के पहले गांव गांव को एक ड्राइव चलवाएँ जिसमें आबकारी पुलिस के साथ-साथ निगरानी के लिए अन्य विभाग के लोगों को लगाया जाए। ग्राम कोटवार और पटवारी के माध्यम से यह पता करवाा जाए कि कहां कहां पर शराब ठेकेदार द्वारा अवैध रूप से शराब बिक्री करवाई जाती है। इसके अलावा राजनैतिक पार्टियों से भी मदद ली जाए कि वे अपने कार्यकर्ताओं के माध्यम से प्रशासन को बताए कि शराब कहा पर डंप है। 

- विधायक ने तो शाहपुर ठेकेदार और उसके सिंडीकेट को लेकर की थी लिखित शिकायत... 
घोड़ाडोंंगरी क्षेत्र के विधायक बह्मा भलावी ने अभी हाल ही में शाहपुर क्षेत्र के एसडीओपी को पत्र लिखकर बताया था कि आदिवासी क्षेत्र में शराब ठेकेदार ही अवैध रूप से शराब बिकवा रहा है। उनके इस पत्र के बाद भी शराब ठेकेदार के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो सकी। बताया गया कि जो शाहपुर का शराब ठेकेदार है उसका ही सिंडीकेट बाकी अन्य ओव्हर स्टाक वाली दुकानों का संचालक है। इस स्थिति में यह साफ होता है कि विधायक का पत्र भी लिफाफे में तो नहीं छिप गया। सिस्टम में लिफाफे को लेकर आरोप लगाते हुए कांग्रेस नेता राजा सोनी का कहना है कि शराब ठेकेदार इतनी हिम्मत इसलिए कर पाते हैं कि सिस्टम में कहीं न कहीं उनके लिफाफे की घुसपैठ रहती है और अच्छे स्तर पर रहती है। यदि मैदानी अमला कहीं हलचल भी करें तो ठेकेदार का लिफाफा इस हलचल को रोक देता है। विधायक जैसे व्यक्ति के पत्र लिखने के बावजूद यदि ठेकेदार की मनमानी को नहीं रोका गया और उसके शराब विक्रय के तौर तरीकों को नियंत्रित नहीं किया गया तो इससे समझ आता है कि यह सब चल क्या रहा है।
नवल-वर्मा-हेडलाईन-बैतूल  21 जून 2022