(बैतूल) कलेक्टर के दबाव में आखिरकार खनिज विभाग को बंसल पर बनाना पड़ा 9 करोड़ से अधिक का गोधना मामले में अवैध खनन का प्रकरण,
- अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे..!
बैतूल (हेडलाईन)/नवल-वर्मा । चिचोली विकासखण्ड के गोधना जलाशय में अवैध खनन के मामले में खनिज विभाग ने करीब साढ़े नौ करोड़ का अवैध खनन का मामला बनाकर कलेक्टर को प्रस्तुत किया है। इस अवैध खनन के मामले में खास बात यह है कि यह प्रकरण केवल इसलिए बन पाया है कि इसमें कलेक्टर ने स्वयं रूचि ली और पूरे मामले की  मानीटरिंग की जिम्मेदारी एडीएम को दे रखी थी। बताया जा रहा है कि इस प्रकरण में जलसंरचना को नुकसान पहुंचाने को लेकर जल संसाधन विभाग अलग से एफआईआर भी दर्ज कराएगा ।  खनिज निरीक्षक नागवंशी के अनुसार खनिज विभाग ने जो मूल्यांकन किया है। उसके आधार पर करीब साठ हजार घनमीटर मुरम और कोपरा का अवैध खनन होना पाया है और इसके आधार पर यह प्रकरण बनाया है। मामले को लेकर खनिज अधिकारी कोई भी स्पष्ट जानकारी देने से बच रहे हैं। अब ऐसा क्यों है। यह शोध का विषय है। दरअसल पहली बार बंसल कंपनी पर इतनी ठोस और बड़ी कार्रवाई हुई है। 

- अब सवाल यह है कि जो अन्य प्रकरणों में जांच प्रतिवेदन है क्या उनमें भी कोई कार्रवाई होगी या नहीं... गौरतलब रहे कि बंसल कंपनी द्वारा फोरलेन निर्माण के लिए मिट्टी और मुरम खनन गोधना जलाशय के अंदर किया जा रहा था। मामला कलेक्टर के संज्ञान में आने के साथ ही अवैध खनन के वीडियो पहुंचने के बाद उन्होंने खनिज विभाग और जल संसाधन विभाग को तत्काल एक्शन लेने के निर्देश दिए थे। उनके निर्देश के बाद भी जब मामले में उक्त विभाग द्वारा हीला-हवाली किया जाना सामने आया तो उन्होंने जांच दल में एसडीएम को शामिल किया और पूरे मामले की मानीटरिंग करने के लिए एडीएम को जिम्मेदारी दी। उसी का नतीजा है कि बंसल जैसी कंपनी के खिलाफ यह प्रकरण बन पाया है।
नवल-वर्मा-हेडलाईन-बैतूल  23 जून 2022