(बैतूल) बंसल कंपनी के गोधना डेम में अवैध उत्खनन में जलसंसाधन के एसडीओ और उपयंत्री निलंबित ,

- अब सबकी नजर इस पर है कि बंसल कंपनी पर एफआईआर होती है या नहीं...

- कायदे से खनिज अधिकारी ज्ञानेश्वर तिवारी और खनिज निरीक्षक बीके नागवंशी पर भी होना चाहिए थी कार्रवाई

बैतूल (हेडलाईन)/नवल-वर्मा । बंसल कंपनी के द्वारा गोधना डेम में किये गये अवैध उत्खनन का मामला जल संसाधन विभाग के दो अधिकारियों पर भारी पड़ गया है। बताया गया कि जलसंसाधन विभाग के चीफ इंजीनियर मदन सिंह डाबर ने चिचोली के एसडीओ प्रदीप भुमरकर और एक सब इंजीनियर राजू बागड़े को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है और उन्हें मुख्य अभियंता बैन गंगा कछार सिवनी अटैच करने के आदेश कर दिए हैं। बताया गया कि उक्त अधिकारियों पर इस अवैध उत्खनन को लेकर तत्काल संज्ञान लेकर वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत न कराने के मामले में दोषी पाया गया है। उन पर गंभीर अनियमितता और कार्य के प्रति उदासीनता का आरोप लगा है। 23 जून को जो आदेश जारी हुआ उसमें बताया कि गोधना जलाशय बेसिन में बंसल कंपनी द्वारा अवैध उत्खनन से बांध की सुरक्षा को खतरा उत्पन्न हो गया है। उक्त उत्खनन कार्य विभाग से कोई स्वीकृति प्राप्त नहीं की गई। इसलिए उक्त दोनों अधिकारियों को मध्यप्रदेश सिविल सेवा नियम 1966 के नियम 9 (1) (क) के तहत तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया।

- जल संसाधन के अधिकारियों से ज्यादा जिम्मेदार तो खनिज विभाग के अधिकारियों को माना जा रहा...
बंसल कंपनी जिस पैमाने पर बैतूल से हरदा के मध्य अंधाधुन्ध अवैध उत्खनन कर रही है उसके लिए यदि कोई जिम्मेदार है तो वह जिले के खनिज अधिकारी ज्ञानेश्वर तिवारी और उनके इंस्पेक्टर बीके नागवंशी है। खनिज विभाग और नियमों को जानने वाले अधिवक्ता भारत सेन का कहना है कि इन दोनों द्वारा जानबूझकर बंसल कंपनी के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जाती थी। सूचना और जानकारी मिल जाने पर भी कार्रवाई करने से बचा जाता रहा था, इसलिए बंसल कंपनी के हौंसले बुलंद थे, और जहां मर्जी होती है वहां अवैध उत्खनन करती है। यही कारण है कि गोधना डेम मामले में कलेक्टर ने जब एडीएम को निगरानी के लिए तैनात किया तब इन्होंने मामले को लेकर प्रकरण बनाया, अन्यथा हर स्तर पर टालमटोल कर रहे थे और तथ्यों को छिपाने का प्रयास कर रहे थे।

- एसडीएम ने बंसल की अवैध गतिविधियों को खूब दिया संरक्षण...
बंसल कंपनी जिस तरह की मनमानी कर रही थी उसकी शिकायतें होने पर जांच भी हुई। आरआई पटवारी ने जांच प्रतिवेदन दिए, लेकिन इसके बावजूद बैतूल एसडीएम ने किसी भी मामले में बंसल के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। चाहे वह कलेक्टर के आदेश पर हुए कनारा के अवैध खनन की जांच हो या फिर करंजी नाले में अवैध बोर खनन का मामला हो। इन प्रकरणों से दिखता है कि बैतूल एसडीएम ने भी बंसल की अवैध गतिविधियों को संरक्षण दिया है।
नवल-वर्मा-हेडलाईन-बैतूल  25 जून 2022