(बैतूल) बैतूल विधानसभा में जातिगत समीकरणों में उलझ रही कांग्रेस की आंतरिक राजनीति ,
- गुट विशेष की रणनीति और राजनीति को देखकर समाज विशेष से सोशल मीडिया पर अब आने लगी तीखी प्रतिक्रिया
बैतूल(हेडलाईन)/नवल-वर्मा । राजनीति में जाति, धर्म, समाज आदि का अपना रोल होता है। यह रोल बैतूल जिले की राजनीति में भी अपना अलग असर दिखाते आया है। वर्तमान में बहुसंख्यक समाज विशेष में एक बेचैनी देखी जा रही है। वजह यह है कि कांग्रेस की आंतरिक राजनीति और बैतूल विधानसभा के अंदर एक गुट विशेष उक्त बहुसंख्यक समाज के स्पेस को कम करने का प्रयास करता हुआ दिखाई दे रहा है। चूंकि राजनीति परसेप्शन पर ही होती है। इसलिए जो दिख रहा है उसी के आधार पर उक्त समाज में भारी चर्चा और प्रतिक्रियाएं सामने आ रही है। जैसे ग्रामीण क्षेत्र के बंटी कापसे ने सोशल मीडिया पर जो अपनी प्रतिक्रिया दी वह काफी तीखी है और एक संकेत भी है। वह बहुसंख्यक समाज बेहद जागरूक है और स्वाभिमानी भी है। उस समाज की खूबी यह है कि वह कभी भी लामबंद हो सकता है। इसके कई उदाहरण पहले भी और हाल फिलहाल भी में देखने में आए हैं। जिसका स्पष्ट असर भी चुनावी परिणामों पर दिखाई दिया। ऐसे में उक्त समाज में कांग्रेस की आंतरिक राजनीति में हो रही उठा पठक का असर होना स्वाभाविक है। क्योंकि यह समाज राजनैतिक रूप से जागृत और समाज के हित अहित को बखूबी समझने वाला है। वह अपने समाज के नेतृत्व के साथ हर जगह पूरी ताकत के साथ खड़ा नजर आता है। 

- समाज समय आने पर खामोशी से दिखाता हेै ताकत...               
कई चुनावों में उक्त बहुसंख्यक जागरूक समाज ने अपनी ताकत बखूबी दिखाई है। अभी हाल फिलहाल में उक्त समाज ने जिला पंचायत वार्ड क्रमांक 2 में जिस तरीके से मतदान कर अपने समाज के क्रियाशील उम्मीदवार को जिताया वह अपने आप में एक मैसेज है। जबकि उसी वार्ड से उसी समाज का एक अन्य गैर दलीय समर्थित उम्मीदवार भी था, लेकिन फिर भी उसके साथ समाज नहीं गया। इस समाज को बखूबी पता है कि किसके साथ समाज जाएगा तो समाज की ताकत दिखेगी।

- अब वार्ड क्रमांक 20 में भी ताकत दिखाने की तैयारी...                   
जो उक्त समाज में चर्चाएं चल रही है और जो तैयारियां नजर आ रही हैं। उससे साफ नजर आ रहा है कि वार्ड क्रमांक 20 में भी वार्ड क्रमांक 2 वाली स्थिति की पुनरावृत्ति हो सकती है। जिसको लेकर भारी सुगबुगाहट देखी जा रही है। इसके दो प्रमुख कारण है। एक तो वहां पर दल समर्थित उम्मीदवार समाज का एक ही है और दूसरा बड़ा कारण खेड़ी में सरपंच चुनाव में जो कुछ समाज को लेकर बातें कही सुनी गई है उसका असर भी उक्त वार्ड में चर्चा का विषय बना हुआ है। 

- अपनी राजनैतिक ताकत और महत्व दोनों समझता है समाज...
उक्त बहुसंख्यक समाज की खूबी यह है कि वह अपनी ताकत और महत्व दोनों को समझता है और यह भी समझता है कि समाज जब लामबंद होगा तभी उसकी ताकत को आंका जाएगा। यह समाज ऐसा है कि किसी को भी बैतूल विधानसभा में अर्श से फर्श पर पहुंचा सकता है।

- अब क्या दल विशेष से होने लगा है मोह भंग...           
पिछले विस चुनाव में भाजपा ने उक्त समाज के किसी भी व्यक्ति को टिकट नहीं दी तो यह समाज पूरे जिले में एक तरफा लामबंद हो गया और जिससे कि चार विस सीट पर कांग्रेस को बढ़त हासिल हुई, लेकिन अब जिस तरह की कांग्रेस में राजनीति हो रही है उससे समाज बिदग रहा है।
नवल-वर्मा-हेडलाईन-बैतूल  30 जून 2022