(बैतूल) जयस की आक्रामक राजनीति के सामने भाजपा-कांग्रेस स्थानीय चुनाव में पस्त,
- भाजपा के शीर्ष नेतृत्व को अब आदिवासी ताकत पर नए सिरे से करना होगा मंथन,
- पंचायत चुनाव में जयस एक ताकत बनकर उभरी  भाजपा और कांग्रेस के लिए अब बढ़ गया खतरा,
- जनपद में वार्ड 19 से रामचरण इरपाचे और जिला पंचायत में वार्ड 23 से संदीप धुर्वे की जीत में जयस का बड़ा रोल
बैतूल (हेडलाईन)/नवल-वर्मा । जिले में जयस की ताकत को भाजपा और कांग्रेस हल्के में लेते आ रही थी और प्रशासन ने भी जयस के मूवमेंट को ठीक से टेकल नहीं किया। नतीजा यह है कि आदिवासी विधानसभा क्षेत्र भैंसदेही में जयस एक ताकत बनकर उभर गई है। हालत यह है कि भैंसदेही विधानसभा में आने वाली भीमपुर की जिला पंचायत सीट 23 नंबर से जयस के संदीप धुर्वे 10 हजार से अधिक मतों से चुनाव जीते है। वहीं जनपद में वार्ड 19 से रामचरण इरपाचे चुनाव जीते हैं उसमें भी जयस की बड़ी भूमिका है। हालांकि संदीप की तरह रामचरण शुद्ध रूप से जयस के नहीं है, लेकिन जयस ने उस क्षेत्र में भी अपना होल्ड दिखाया। जिला पंचायत क्षेत्र क्रमांक 18 में जयस के रामचरण कुमरे ने भी अपनी ताकत दिखाई है। यह सब बता रहा है कि भाजपा और कांग्रेस के लिए अब आदिवासी बेल्ट में जयस एक खतरा बनकर उभरी है और आने वाले समय में यह खतरा कई राजनैतिक उलट फेर दिखायेगा।

- जयस का प्रभाव : 5 मार्च भीमपुर घटनाक्रम...
मार्च के पहले हफ्ते में भीमपुर में जो उपद्रव हुआ उसका पूरा फायदा जयस को स्थानीय निकाय के चुनाव में मिला है और संदीप की बड़ी जीत के रूप में सामने आया है। यहां से जयस से समर्थित जनपद सदस्य भी चुनाव जीते है। इन तमाम स्थितियों का कारण यह है कि इस घटनाक्रम के बाद प्रशासन ने चीजों को ठीक से मैनेज नहीं किया और राजनैतिक दल तो टोटल फैल हो गए।

- जयस के तेवर : 30 अगस्त रंभा का घटनाक्रम...
रंभा में जो घटनाक्रम हुआ था वह सामान्य घटनाक्रम नहीं था और उस घटनाक्रम के बाद ही भीमपुर ब्लॉक में जयस के बढ़ते प्रभाव का बड़ा प्रमाण सामने आया था। जयस की भूमिका को देखते हुए भी प्रशासन और राजनैतिक दलों ने उस क्षेत्र में आदिवासी तबके की मानसिकता और नजरिए को समझने की कोशिश नहीं की। नतीजा यह रहा कि वहां पर आदिवासी तबका जयस के साथ लामबंद होना शुरू हो गया है।
नवल-वर्मा-हेडलाईन-बैतूल  10 जुलाई 2022