(बैतूल) जिला कांग्रेस के वाट्सअप ग्रुप पर... - बैतूल नगरपालिका चुनाव में हुई कांग्रेस की हार को लेकर नेताओं में हो रहा सोशल वार, - हार पर हो रही तकरार...
(बैतूल) जिला कांग्रेस के वाट्सअप ग्रुप पर...
- बैतूल नगरपालिका चुनाव में हुई कांग्रेस की हार को लेकर नेताओं में हो रहा सोशल वार,
- हार पर हो रही तकरार...
बैतूल(हेडलाईन)/नवल-वर्मा । बैतूल नगरपालिका में कांग्रेस की हार के बाद कांग्रेसियों में आपस में ही हार को लेकर तकरार देखी जा रही है। जिला कांग्रेस के अधिकारिक वाट्सअप ग्रुप में कुछ कांग्रेस पदाधिकारी हार को लेकर दाएं बाए होकर ठीकरा फोड़ते हाय-तौबा करते नजर आ रहे हैं। वहीं दूसरी ओर कतिपय कांग्रेसी हार को स्वीकार करने की जगह यह कहते हुए नजर आ रहे है कि क्या हुआ 10 सीट आई पिछले बार से तो दो ज्यादा है। कुछ तो हमने बढ़ती की है। कांग्रेसियों को यह समझ नहीं आ रहा है कि विधानसभा में जो लीड शहरी क्षेत्र में कांग्रेस को मिली थी वह ऐसे कैसे गायब हो गई। जबकि विधायक ने कांग्रेस प्रत्याशियों को संसाधन की कमी ही महसूस नहीं होने दी और अपनी पूरी ताकत भी लगाई। जो कांग्रेस को बेहतर तरीके से समझते है उनका मानना है कि दरअसल कांग्रेस में भाजपा जैसा मजबूत संगठन नहीं है और न ही उसके कार्यकर्ताओं में भाजपा जैसा लडऩे का जज्बा है।
इस तरह व्हाट्सअप समूह में मचा घमासान ...
- ऋषि दीक्षित...
1 - हमें तो मालूम है कुछ सांप हमें डसने वाले हैं। क्या करें ऐसे जहरीले सांप हमने अपने आस्तिन में पाले हैं।
2 - कुछ तथाकथित जयचंदों के कारण कांग्रेस नगरपालिका में अपना अध्यक्ष नहीं बना पाई...
- रमेश भाटिया...
1 - अपना कर्म खुद देख लें कांग्रेस के कर्णधार कौन सच्चा है कौन मक्कार दिल से देखो...
2 - पहले उन बड़े सांपों को अलग कर दे फिर सब ठीक हो जायेगा। खिलाफत के लिए बाध्य करने वाले दोषी है। संभलना इनसे..
- मोनू वाघ...
1 - हार का बड़ा कारण टिकिट वितरण है। किसके कहने पर टिकिट वितरण किया गया।
2 - शिवाजी वार्ड में किस आधर पर टिकिट दी गई। भाजपा के दो बड़े पदाधिकारी निर्दलीय लड़ रहे थे फिर भी कांग्रेस तीसरे पर...
- यह कांग्रेस है यहां ठीकरा फोड़ा जाता है जिम्मेदारी नहीं ली जाती...खरी-खरी ...
कांग्रेस हारी और हारने के बीच बहुत ज्यादा नहीं गिनती के कारण है पर इन कारणों को लेकर कोई बात करने को तैयार नहीं है। हर जिम्मेदार हार का ठीकरा किसी और पर फोडऩे को तैयार है। जबकि सच्चाई यह है कि कांग्रेस की बैतूल शहर में कोई इकाई नजर ही नहीं आती है। कांग्रेस में नेताओं की भीड़ नजर आती है। कार्यकर्ता तो दिखाई ही नहीं देता। जो पद पर वर्षों से जमे जकड़े बैठे है। उनकी भूमिका केवल पद बचाने तक ही है। कांग्रेस को बड़ा करने की नहीं है। कांग्रेस में सिर फुट्व्वल इसलिए है कि वहां पर किसी पर भरोसा नहीं करता। हर नेता दूसरे नेता के साथ ही अपनी पूरी नेतागिरी कर रहा है। भाजपा को निपटाने से ज्यादा अपनी ही पार्टी को निपटाने में ताकत लगाते हैं। जो कांग्रेस में एक नेता को सपोर्ट करते है वो दूसरे नेता को लेकर सोशल मीडिया पर अनाप-शनाप लिखने से नहीं चूकते और जिस नेता के सपोटर है वह उसे रोकता नहीं बल्कि प्रोत्साहित करता है। कांग्रेस पिछला विधानसभा चुनाव इसलिए नहीं जीती कि बहुत अच्छा चुनाव लड़ी थी। उस समय भाजपा के खिलाफ पूरे प्रदेश में माहौल था। लोकल लेबल पर दो बड़े फेक्टर कांग्रेस के फेवर में काम कर रहे थे। पहला फेक्टर यह था कि भाजपा ने किसी कुन्बी उम्मीदवार को विधानसभा में टिकिट नहीं दी तो पूरा समाज विरोध में पोलराईज हुआ। दूसरा बड़ा कारण यह है कि किसानों के 2 लाख तक कर्जमाफी का ऐलान कांग्रेस फेवर में गया था।
नवल-वर्मा-हेडलाईन-बैतूल 19 जुलाई 2022