(बैतूल) कर्मठ वरिष्ठों की नजर अंदाजी का खमियाजा कांग्रेस को हुआ वहीं भाजपा को प्रत्याशी चयन पडा़ भारी,

- शाहपुर नगर परिषद के परिणाम बता रहे व्यक्ति विशेष होता है यह चुनाव ,

- अब परिषद में अपना अध्यक्ष-उपाध्यक्ष बनाने चल रहा खेल

बैतूल (हेडलाईन)/नवल-वर्मा । छोटे चुनाव पार्टी विशेष नहीं बल्कि व्यक्ति विशेष होते हैं इसका जीता जागता उदाहरण है शाहपुर नगर परिषद। ऐसा इसलिए कि वहाँ हाल ही में आये निकाय चुनाव के परिणाम बता रहे हैं और अब दोनों पार्टियां वहाँ अपना अध्यक्ष-उपाध्यक्ष बिठाने के लिये सारे दांव-पेंच अपनाते नज़र आ रही है।आजकल वहाँ ऐसी चर्चाओं का बाजार भी काफी गर्म है।
नगरीय निकाय चुनाव शाहपुर नगर परिषद में पहली मर्तबा हुए। इस निकाय चुनाव में मतदाताओं ने भाजपा व कांग्रेस दोनों ही राजनैतिक पार्टियों को सिरे से नकारते हुए निर्दलीय प्रत्याशीयों को बहुमत देकर अपना उनपर अपना भरोसा जताया है।  राजनैतिक जानकारों का मानना है कि भारतीय जनता पार्टी में टिकट बंटवारे को लेकर असंतुष्ट कार्यकर्ताओं ने बागी होकर अपनी ही पार्टी के प्रत्याशियों को निपटाने में कोई कसर नहीं छोड़ी तो कांग्रेस पार्टी में ब्लाक कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष एवम् विधायक प्रतिनिधि द्वारा नगर के वरिष्ठ नेताओं को नजर अंदाज करने का खामियाजा कांग्रेस पार्टी को भुगतना पड़ा। जहां कांग्रेस पार्टी से नाराज़ होकर नगर के आधा सैकड़ा से अधिक कार्यकर्ताओं ने अपना इस्तीफा सौंपकर नगरीय निकाय चुनाव में अपने निर्दलीय उम्मीदवार मैदान में उतारे थे जिनमें से अधिकतर निर्दलीय प्रत्याशी को सफलता भी मिली है और अब नगर परिषद में निर्दलीय अध्यक्ष, उपाध्यक्ष के पद पर काबिज होने के भी भरपूर प्रयास किए जा रहे हैं । अब नगर के चौक चौराहों पर चर्चा यह भी है कि नगर के 15 वार्डो में से अधिकतर वार्ड कांग्रेसी विचारधारा के हैं अगर कांग्रेस पार्टी आपसी सामंजस्य स्थापित कर चुनाव मैदान में उतरती तो निश्चित ही आज यहाँ कांग्रेस पार्टी का नगर परिषद में कब्जा हो सकता था। कांग्रेस पार्टी में नगरीय निकाय के लिए कुछ वार्डो में तो दमदार प्रत्याशी ही नहीं मिल रहे थे जिसके कारण राह चलते लोगों को मान-मनौव्वल कर मैदान में उतार दिया गया। लेकिन जब वार्ड में अधिकृत प्रत्याशी के लिए वार्ड में जनसंपर्क करने की बात आई तब उन्होंने ने ही प्रत्याशी को बीच मझधार में अकेला छोड़ दिया । खैर जो हुआ सो हुआ अब देखना होगा कि यहाँ भाजपा-कांग्रेस किस तरह से अपनी परिषद बनाने क्या दांव-पेंच खेलती है।
नवल-वर्मा-हेडलाईन-बैतूल  21 जुलाई 2022