(बैतूल) नगरपालिका के वीर सावरकर तरणताल में कतिपय नौकरशाह बिना शुल्क चुकाएं बिंदास लगा रहे गोते..!, - पब्लिक से अन्याय...छपाक..?
(बैतूल) नगरपालिका के वीर सावरकर तरणताल में कतिपय नौकरशाह बिना शुल्क चुकाएं बिंदास लगा रहे गोते..!,
- पब्लिक से अन्याय...छपाक?
बैतूल(हेडलाईन)/नवल-वर्मा । शहर के वीर सावरकर तरणताल का उपयोग करने वाले आम नागरिक इन दिनों अपने आपको ठगा सा महसूस कर रहे हैं। उनका मानना है कि उन लोगों से तो पूरा पैसा वसूल किया जा रहा है, लेकिन कतिपय अधिकारी आकर मुफ्त में तैराकी का लुत्फ उठा रहे हैं और घंटो तक नहा रहे हैं। उनका कहना है कि इनके लिए फुल सुविधा है और दोनों ट्रेनर हाथ बांधकर सेवा में खड़े रहते हैं। समय की भी कोई बंदिश नहीं है। जो अधिकारी यहां तैराकी करने आ रहे है वे हाईप्रोफाईल हैं और किसी की हिम्मत नहीं है कि यह पूछ ले कि पैसा दिया या नहीं। कार्ड है या नहीं। यह बात पूरे शहर में चर्चा का विषय है कि कौन-कौन अधिकारी शाम को 7 से 8 के बैच में अपना तैराकी का शौक पूरा करने जाते हैं। हालांकि जो लोग अधिकारियों की मुफ्त तैराकी को लेकर नाखुश हैं उनका कहना हेै कि अधिकारी की भरपूर कमाई है कहीं कोई कमी नहीं है पर उनसे पैसा नहीं लिए जा रहे है। हो सकता है कि नगरपालिका ही उन पर मेहरबान हो गई हो और मुफ्त में तैराकी करा रही हो।
- अभी तक नहीं बना अफसरों का तैराकी की अनुमति वाला कार्ड...
जब नगरपालिका के वीर सावरकर तरणताल की होलसोल व्यवस्था देखने वाले तमाम कर्मचारियों से बारी-बारी से चर्चा की गई और पूछा गया कि जो अधिकारी तैराकी करने आते हैं क्या उनकी कोई रसीद कटी है या नहीं? उनका कोई कार्ड बना है या नहीं? तो जवाब यही आया कि किसी अधिकारी का कुछ नहीं है।
- मुफ्त में तैर रहे हैं तो कम से कम टपकता हुआ शेड ही बदलवा देते...
जो वहां नियमित तैराकी करने जाते हैं उन्होंने बताया कि तरणताल का शेड जगह-जगह से टपक रहा है वहाँ जो ट्रेनर तैनात हैं उनके खड़े रहने तक की जगह नहीं रहती है। जो अधिकारी यहां मुफ्त में तैराकी करने आ रहे है वे इतने पावरफूल है कि चुटकी बजाते हुए शेड बदलवा सकते हैं।
- पहले कलेक्टर बी चन्द्रशेखर भी तरणताल में लगा चुके गोते...
वर्ष 2011-12 में बैतूल कलेक्टर रहे आईएएस बी चन्द्रशेखर भी इस तरणताल का भरपूर उपयोग कर चुके हैं। वे रात में 8 से 9 वाले बैच में सपत्निक तैराकी के लिए जाते थे। एक बार उनके लौटते समय सांई मंदिर में आरती को लेकर लगी भीड़ को देखकर उन्होंने खासी नाराजगी भी जाहिर की थी।
- स्पेशल बैच और स्पेशल टाईमिंग का लगना चाहिए स्पेशल चार्ज ...
एक बैच में औसतन 40 लोग रहते है। यदि वयस्क है तो 750 रूपये और अवयस्क है तो 450 रूपये शुल्क लगता है। ऐसे में इस शाम के 7 से 8 बजे वाले बैच में जो अफसरों के लिए रिजर्व किया गया है। उसमें औसतन 20 लोगों के हिसाब से पैसा इनसे वसूल किया जाना चाहिए। वजह यह है कि इन्हें स्पेशल टाईम दिया जा रहा है तो चार्ज भी स्पेशल लिया जाना चाहिए नहीं तो यह पब्लिक के साथ अन्याय है और ये अधिकारी इतने आर्थिक रूप से मजबूत हैं कि उनके लिए यह मामूली बात है।
नवल-वर्मा-हेडलाईन-बैतूल 24 जुलाई 2022