(बैतूल) एक गुट विशेष के प्रति प्रभारी की निष्ठाएं कांग्रेस पर पड़ रही भारी , - बैतूल कांग्रेस में मची अन्तर्कलह के लिए प्रभारी सविता दीवान को माना जा रहा जिम्मेदार..!
(बैतूल) एक गुट विशेष के प्रति प्रभारी की निष्ठाएं कांग्रेस पर पड़ रही भारी ,
- बैतूल कांग्रेस में मची अन्तर्कलह के लिए प्रभारी सविता दीवान को माना जा रहा जिम्मेदार..!
बैतूल (हेडलाईन) /नवल-वर्मा । बैतूल जिले में कांग्रेस लोकसभा जैसा चुनाव भारी अंतर से हारी, लेकिन कोई अंतर्कलह नहीं हुई, लेकिन इस बार स्थानीय निकायों के चुनवों के बाद जो कलह मची है और जिस तरह से ठीकरा फोडो़ अभियान और विरोधी को निपटाओ का खेल चल रहा है। उसकी वजह बैतूल जिले की प्रभारी सविता दीवान की रणनीति को माना जा रहा है। कहा जा रहा है कि उन्होंने बैतूल की कांग्रेस की राजनीति में एक गुट विशेष के प्रति एक तरफा निष्ठा का प्रदर्शन किया जिसकी वजह से कांग्रेसी गुटों में एका होने की जगह आपसी प्रतिद्वंदिता और द्वेष इस कदर बढ़ गया कि टिकिट वितरण से लेकर रिजल्ट आने तक निपटाओ अभियान शुरू हो गया। जबकि कमलनाथ चाहते है कि बैतूल जिले की कांग्रेस के सारे गुट एक हों और भविष्य में विधानसभा चुनाव की तैयारी करें पर ऐसा हो नहीं पा रहा है। यहाँ हार की नैतिकता की जिम्मेदारी कोई लेने को तैयार नहीं है एकदूसरे पर ठीकरा फोडऩे का खेल चल रहा है जिसमें निपटो निपटाओं का अभियान चल रहा है।
- अब सुखदेव पांसे को आकर संभालना चाहिए कांग्रेस की बिगड़ती स्थिति...
कांग्रेस में एक बड़ा धड़ा है जिसका मानना है कि जिस तरह से कांग्रेस में अंतर्कलह मची हुई है और जिले की प्रभारी इस कलह को शांत करने और संभालने सामने ही नहीं आ रही है। ऐसी स्थिति में पूर्व मंत्री मुलताई विधायक सुखदेव पांसे एकमात्र ऐसे व्यक्ति हैं जो सभी गुटों को साधकर पिछले विधानसभा चुनाव के पहले की तरह एका करा सकते है और कांग्रेस को पटरी पर ला सकते हैं।
- कांग्रेस की इस कलह का सबसे बड़ा नुकसान बैतूल विधानसभा में...
बैतूल विधायक के सामने भी बड़ी परेशानी यह है कि कलह का पूरा अखाड़ा बैतूल विधानसभा बना हुआ है और वे कतई नहीं चाहते कि इस तरह की कलह मचे और भविष्य में होने वाले विधानसभा चुनाव पर इस कलह का असर पड़े। वैसे ही नगरपालिका और जिला पंचायत, जनपद पंचायत चुनाव में कांग्रेस का प्रदर्शन उनके लिए तनाव का विषय बना हुआ है।
- वर्तमान में मची कलह की सबसे बड़ी वजह कांग्रेस का मौसम वैज्ञानिक...
शहर के एक नेता को मौसम वैज्ञानिक माना जाता है और वे समय के साथ कांग्रेस के अंदर पावर सेंटर के साथ सांठ-गांठ करने में एक्सपर्ट है। अंदरखाने जारी चर्चाओं के अनुसार यह मौसम वैज्ञानिक ही इस कलह को पूरी हवा दे रहा है। क्योंकि उसे पता है कि जीवन में उसे कोई चुनाव तो लडऩा है नहीं। कोई पार्टी से बाहर हो या किसी को नोटिस मिले पर हाथ इस मौसम वैज्ञानिक का ही होता है।
नवल-वर्मा-हेडलाईन-बैतूल 27 जुलाई 2022