(बैतूल) 5 जनपद क्षेत्र में अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के लिए हुआ निर्वाचन,

- कांग्रेस के लिए डूबते को तिनका साबित हुई घोड़ाडोंगरी वहीं मुलताई आमला, बैतूल, शाहपुर में नहीं गली दाल

बैतूल(हेडलाईन)/नवल-वर्मा । जैसे कि कयास लगाए जा रहे थे कि बैतूल जनपद पंचायत में भाजपा का कब्जा बरकरार रहेगा। वैसा ही हुआ। बैतूल जनपद पंचायत के अध्यक्ष पद के लिए हुए निर्वाचन में बडोरा क्षेत्र से जनपद सदस्य चुनी गई श्रीमती इमलाबाई जावलकर ने 14 वोट प्राप्त कर जीत दर्ज कराई है। उनके विरोध में कांग्रेस ने श्रीमती कचराबाई भूमरकर को खड़ा किया था जिन्हें 11 वोट प्राप्त हुए हैं। गौरतलब है कि जनपद पंचायत बैतूल के सदस्य निर्वाचन में भाजपा ने दावा किया था कि 25 सदस्य में से उनके समर्थित सदस्य 18 निर्वाचित हुए हैं। उसी समय से माना जा रहा था कि भाजपा समर्थित अध्यक्ष निर्वाचित होगा। राजनैतिक सूत्र बताते हैं कि भाजपा के पास 17 सदस्य थे। लेकिन जब वोट डले तो तीन वोट क्रास की भी चर्चा है।
शाहपुर में भाजपा के शिवशंकर बने अध्यक्ष
शाहपुर जनपद पंचायत शाहपुर के अध्यक्ष-उपाध्यक्ष निर्वाचन में सर्वप्रथम अध्यक्ष के लिए हुए निर्वाचन में भाजपा समर्थित शिवशंकर मवासे और कांग्रेस समर्थित सोमतीबाई करोचे के बीच चुनाव हुआ जिसमें शिवशंकर मवासे को 11 वोट मिले। वहीं सोमवती बाई करोचे को 7 वोट मिले। मवासे ने 4 वोट से जीत दर्ज कराई। श्री मवासे बीजादेही क्षेत्र से निर्वाचित होकर आए थे और भाजपा शाहपुर मंडल के पूर्व महामंत्री हैं। पहली बार उन्हें एक बड़ी जिम्मेदारी मिली है। श्री मवासे ने सभी जनपद सदस्यों का आभार व्यक्त करते हुए संगठन का भी आभार व्यक्त किया है। उन्होंने भाजपा कार्यकर्ताओं का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि उन्हें जो जिम्मेदारी मिली है उसका बखूबी पालन करेंगे।

- मुलताई में नानी डहारे बनी अध्यक्ष, कमलेश रघुवंशी उपाध्यक्ष...
जनपद पंचायत मुलताई में अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष पद पर फिर एक बार भाजपा काबिज हो गई है। मुलताई जनपद अध्यक्ष के निर्वाचन में मुलताई जनपद अध्यक्ष में भाजपा समर्थित श्रीमती नानी पिरथीलाल डहारे अध्यक्ष बन गई है। यहां पर अध्यक्ष के लिए हुए निर्वाचन में भाजपा समर्थित श्रीमती नानी डहारे को 24 में से 15 मत प्राप्त हुए हैं। वहीं कांग्रेस समर्थित श्रीमती अंजनी जीवन डोंगरदिए को 9 मत प्राप्त हुए हैं। भाजपा समर्थित उम्मीदवार ने 9 मतों से जीत दर्ज कराई है। गौरतलब है कि मुलताई विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के विधायक सुखदेव पांसे हैं और यहां पर जनपद में भी कांग्रेस अध्यक्ष नहीं बना पाई है। श्रीमती नानी डहारे ने अपनी जीत का श्रेय भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के साथ संगठन को देते हुए कार्यकर्ताओं का एवं सभी जनपद सदस्यों का आभार व्यक्त किया है। गौरतलब है कि अंजली पूर्व जनपद अध्यक्ष बालाराम डोंगरदिए की बहू है। वही जनपद पंचायत उपाध्यक्ष के लिए भाजपा समर्थित जनपद सदस्य कमलेश रघुवंशी और कांग्रेस समर्थित युवराज भिकोंडे के बीच मुकाबला हुआ जिसमें भाजपा समर्थित कमलेश रघुवंशी ने जीत दर्ज की कमलेश रघुवंशी को भी 15 मत मिले जबकि युवराज भिकोंडे को 9 मत मिले।

- आमला में गणेश यादव बने जनपद अध्यक्ष, उपाध्यक्ष किसन सिंह...
आमला जनपद पंचायत के अध्यक्ष-उपाध्यक्ष के निर्वाचन में सर्वप्रथम अध्यक्ष का निर्वाचन हुआ जिसमें भाजपा समर्थित गणेश यादव  निर्विरोध अध्यक्ष चुने गए। आमला जनपद में 25 जनपद सदस्य हैं। जिसमें 19 सदस्य भाजपा समर्थित है। यही कारण है कि भाजपा संगठन ने रणनीति बनाकर सभी सदस्यों में तालमेल बैठाकर यहां पर अपना अध्यक्ष निर्विरोध निर्वाचित करा लिया। आमला विकासखंड के क्षेत्र क्रं. 13 से चुनाव लड़े गणेश यादव का यह मूल क्षेत्र नहीं था। वह बाहर से आकर यहां चुनाव लड़े थे और अच्छे मतों से चुनाव जीते। 25 जनपद सदस्यों वाले जनपद पंचायत आमला में 19 सदस्य भाजपा समर्थित जीतकर आए थे और 6 सदस्य कांग्रेस एवं गोंडवाना समर्थित जीते हैं। जिससे लग रहा था कि यहां भाजपा का ही जनपद अध्यक्ष निर्वाचित होगा। गणेश यादव भाजपा के ऐसे कार्यकर्ता हैं जिन्हें अभी तक कोई बड़ा पद नहीं मिला और सीधे तौर पर उन्हें एक बड़ी जिम्मेदारी के रूप में जनपद अध्यक्ष का पद मिला। बताया जाता है कि गणेश यादव का राजनैतिक सफर स्व. विजय खण्डेलवाल जब सांसद थे उस समय से हुआ था। श्री यादव खण्डेलवाल परिवार से भी जुड़े हैं। उनको अध्यक्ष बनाने के लिए खण्डेलवाल परिवार का भी योगदान माना जा रहा है।

- घोड़ाडोंगरी में भाजपा को झटका, कांग्रेस के राहुल उइके बने अध्यक्ष...
घोड़ाडोंगरी जनपद पंचायत में भाजपा को बड़ा झटका लगा है। यहां से कांग्रेस के युवा नेता राहुल उइके जनपद अध्यक्ष बने हैं। आज जनपद पंचायत अध्यक्ष के निर्वाचन में कांग्रेस समर्थित राहुल उइके और भाजपा समर्थित फग्गन मर्सकोले के बीच चुनाव हुआ जिसमें राहुल उइके को 15 वोट प्राप्त हुए। वहीं फग्गन मर्सकोले को 10 वोट मिले। राहुल उइके ने 5 वोट से जीत दर्ज कराई। घोड़ाडोंगरी जनपद पंचायत में 25 सदस्य हैं और सातलदेही क्षेत्र से पूर्व मंत्री प्रताप सिंह उइके के भतीजे जो कि पूर्व में जिला पंचायत सदस्य भी रहे हैं। राहुल उइके चुनाव लड़े थे और जीतने के बाद उन्होंने अध्यक्ष की दावेदारी की थी। कांग्रेस ने दावा किया था कि उनके साथ 16 सदस्य हैं। राहुल के अध्यक्ष बनने की जानकारी मिलते ही कांग्रेसियों में खुशी की लहर दौड़ गई। जिला कांग्रेस अध्यक्ष सुनील शर्मा, घोड़ाडोंगरी विधायक ब्रम्हा भलावी, कांग्रेस नेता हेमंत वागद्रे, शांतिलाल तातेड़, डॉ. राजेंद्र देशमुख, नवनीत मालवीय, राहुल लुहाडिय़ा सहित अन्य नेता घोड़ाडोंगरी पहुंच गए और कांग्रेस की इस जीत पर उन्होंने कार्यकर्ताओं को बधाई शुभकामनाएं दी।

- पांसे पॉलिटिक्स के आगे सब ढेर ...
जिले की कांग्रेस में मचे जबरन के घमासान में आखिरकार सुखदेव पांसे एंट्री करते हैं और तथाकथित षडय़ंत्र की बाजी ही पलट देते हैं। जहां सोमवार को जारी अरूण गोठी का शोकाज नोटिस मंगलवार को जग जाहिर होता है। वहीं मंगलवार शाम को ब्रम्हा भलावी अरूण गोठी को घोड़ाडोंगरी जनपद चुनाव का प्रभारी बनाते हैं। जैसे ही घोड़ाडोंगरी जनपद में कांग्रेस का अध्यक्ष, उपाध्यक्ष निर्वाचित होता है। वैसे ही जिलाध्यक्ष सुनील शर्मा एक पत्र जारी करते हैं जिसमें वे अरूण गोठी के लिए जारी शोकाज नोटिस वापस लेने का ऐलान करते हैं और कांग्रेस को मजबूत करने की अपील करते है। 
इस पूरे राजनैतिक ड्रामे में कांग्रेस मजाक बनकर रह गई है और जिस तरह से पांसे ग्रुप को साईड लाईन कर चोट करने की कोशिश की गई थी उस पर पूरी तरह से पानी फिर गया है और पांसे ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि बैतूल जिले की कांग्रेस में उनकी मर्जी के बगैर पत्ता भी नहीं खड़क सकता। यदि कोई उनके करीबी लोगों के खिलाफ षडय़ंत्र करेगा तो उसे इसी तरह का माकूल जवाब मिलेगा। कहा जा रहा है कि जल्द ही हेमंत पगारिया भी पूरे जोश के साथ वापसी करने वाले है। कांग्रेस में जो कुछ चल रहा है उसके पीछे किसी तथाकथित मौसम वैज्ञानिक कांग्रेसी का बड़ा रोल माना जा रहा है। अपने आप को चाणक्य के समकक्ष मानने वाले इस मौसम वैज्ञानिक ने ही अपनी सुविधा और अपनी राजनैतिक ठसन के लिए दाने डालकर मुर्गा लड़ाने का खेल रचा है और इस खेल में बैतूल जिले  की प्रभारी सविता दीवान की निष्क्रियता और एक तरफा निष्ठा आग में घी का काम कर रही है। जबकि कायदे से उन्हें स्थानीय चुनाव से लेकर अब तक सभी कांग्रेसी गुटों में सामंजस्य बनाना चाहिए था, लेकिन वे ऐसा कुछ कर रही ही नहीं रही है। जो भी हो लेकिन माना जा रहा है कि कांग्रेस में अब बड़े उलटफेर आने वाले समय में देखने को मिलेेंगे क्योंकि सोये हुए शेर को जगा दिया गया है।
नवल-वर्मा-हेडलाईन-बैतूल 28 जुलाई 2022