गोमती लखनऊ की जीवन रेखा है, इसे सजल व निर्मल रखने की महती आवश्यकता  -जय शंकर मिश्र 

गोमती एक्शन परिवार कार्यकारिणी परिषद की बैठक में लिए गए महत्वपूर्ण निर्णय

लखनऊ 7 अगस्त। गोमती नदी राजधानी लखनऊ की जीवन रेखा है। लखनऊवासियों के जीवन को सुख, समृद्धि एवं शांति से युक्त बनाने के लिए बहुत आवश्यक है कि गोमती को सजल, निर्मल तथा अविरल रखा जाए। इसके लिए गोमती के सभी तटों सहित नगर के विभिन्न अंचलों में वृक्षारोपण अभियान को खूब तेज करना होगा। 

यह बात आज गोमती एक्शन परिवार के अध्यक्ष एवं पूर्व आईएएस अधिकारी जय शंकर मिश्र ने गोमतीनगर में कही। वह गोमती एक्शन परिवार कार्यकारिणी परिषद की 12 वीं बैठक को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने पर्यावरण विशेषज्ञों एवं जल विशेषज्ञों से गोमती की सजलता और निर्मलता बनाने व बढ़ाने के सम्बन्ध में सुझाव भी मांगे। वरिष्ठ पर्यावरण वैज्ञानिक डॉक्टर आर.के.सिंह ने पीलीभीत से गाजीपुर तक 14 जिलों से गुजरते हुए 960 किलोमीटर की यात्रा करने वाली गोमती नदी के दोनों किनारों के सरोवरों को सजल बनाने तथा भूगर्भ जल में वृद्धि करने सहित कई महत्वपूर्ण सुझाव दिए। विश्व साइकिल यात्री एवं युवा पर्यावरणविद अभिषेक कुमार शर्मा ने नयी पीढ़ी को जल, वायु एवं पर्यावरण के प्रति संवेदनशील बनाने के लिए उनके बीच जागरूकता संगोष्ठियां करने पर बल दिया। साधक आचार्य प्रमिल द्विवेदी ने इस अभियान में सोशल मीडिया नेटवर्क का सहयोग लेने का सुझाव दिया। 

शिक्षाविद डॉ.आर.के.पाण्डेय ने विद्यार्थियों के बीच संगोष्ठियां आयोजित करने का सुझाव दिया। डॉ. पाण्डेय स्कूल-कालेजों के इस कार्यक्रम के आयोजक होंगे। पूर्व मुख्य अभियंता (विद्युत) ई.गोपाल सिन्हा ने कला एवं संस्कृति का सहारा लेने तथा थियेटर के जरिये बाल पीढ़ी में गहरी पैठ बनाने और उनके मनो-मस्तिष्क में जल और हवा के प्रति जागरूकता बढ़ाने की बात कही, गोएप अध्यक्ष द्वारा उन्हें इस काम की जिम्मेदारी सौंपी गई।

बैठक में उत्तर प्रदेश विधानसभा के पूर्व विशेष सचिव दिनेश चंद्र अवस्थी, पूर्व बैंक अफसर एम.पी.सिंह, वरिष्ठ मनोवैज्ञानिक एवं चिकित्सक डॉ. हरीश अग्रवाल आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किए। सभा का संयोजन एवं समन्वयन महासचिव राम महेश मिश्र ने किया।  बैठक में एडवोकेट कर्मवीर त्रिपाठी एवं बृजेंद्र यादव सहित विभिन्न लोकसेवी कार्यकर्ता भी उपस्थित रहे।