(बैतूल) बारिश के साईड इफेक्ट आ रहे नजर, कहीं पुलिया ध्वस्त, कहीं डेम सीपेज ,
- जगधर डेम में सीपेज, माडू डेम की दीवार ध्वस्त
बैतूल (हेडलाईन)/नवल-वर्मा । जल संसाधन  विभाग द्वारा  2001 में बनाए गए करीब एक एमसीएफ क्षमता वाला जगधर जलाशय सीपेज होने का मामला सामने आया है। जलसंसाधन विभाग ने वहां पर टाईम कीपर को तैनात कर दिया है।  बताया गया कि डेम सीपेज होने से  किसानों के खेत में फसल तबाह होने का खतरा पैदा हो गा है। जलसंसाधन विभाग के ई ई ने बताया कि कई बार केकड़ों की वजह से दीवार में छेद हो जाते है। जिससे इस तरह के सीपेज की नौबत आती है। उन्होंने बताया कि करीब पांच वर्ष बाद पहली बार यह डेम इस तरह से भरा है। नहीं तो इसके पहले लगातार पांच वर्ष से डेम पूरी तरह से भर ही नहीं रहा था। उनका कहना है कि सीपेज रोकने के लिए पानी खुलने पर बोरियाँ रखकर प्रबंध किया जाएगा। उनका कहना है कि उनके विभाग के दो इंजीनिर और एक एसडीओ ने मौका मुआयना कर लिया है और वस्तुस्थिति देख ली है। स्थिति पर पूरी नजर है वैसे खतरे की कोई बात नहीं है।

- टेमनी-धावड़ी में दस लाख में बना परकोलेशन टैंक फूटा... 
इस साल बारिश का मौसम आरईएस विभाग द्वारा किए गए निर्माण कार्यों की जमकर पोल खोल रहा है। तीन दिन पहले गांव भीवपुर कोयलारी का डैम फूटने से किसानों को खासा नुकसान हुआ था। अब ग्राम धावडी़ में बनाया गया परकोलेशन टैंक बह गया है। बताया जा रहा है कि वर्ष 2020-21 में कोरोना काल में यह परकोलेशन टैंक बनाया था। तकनीकी अमले ने नियमों की धज्जियां उड़ाकर इसका निर्माण किया था। मनरेगा योजना अंतर्गत 10 लाख से अधिक की स्वीकृत राशि से बनाया गया यह डैम बह गया है। डैम फूटने से किसानों की फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई है। 

- खैरवाड़ा के पास 10 वर्ष पहले बने माडू डेम में दीवार टूटकर बह गई...
जिले में रात को एक बार फिर भारी बारिश हुई है। सबसे ज्यादा बारिश प्रभातपट्टन और आठनेर ब्लॉक में हुई है। इसके चलते इन दोनों ही ब्लॉकों में भारी नुकसान पहुंचा है। खैरवाड़ा के पास 10 साल पहले जल संसाधन विभाग द्वारा बनाए गए डैम की दीवार बह गई है। इससे खेतों की फसलों को भारी नुकसान पहुंचा। यही नहीं खैरवाड़ा से पाटादा तक जाने वाली पीएम सड़क और उस पर बनी पुलिया भी बह गई। आष्टी से हिड़ली गांव को जोडऩे वाली पुलिया भी बह गई। उधर मुलताई-भैंसदेही स्टेट हाईवे पर स्थित अंभोरा नदी की पुलिया भी बह गई। इससे आवागमन ठप हो गया है। खैरवाड़ा गांव के पास जल संसाधन विभाग ने 10 साल पहले डैम बनाया था। माडू नदी पर बनाए गए इस डैम की दीवार आज सुबह टूट कर बह गई है। डैम की दीवार बहने से खैरवाड़ा से धावड़ी, टेमनी और पाटादा को जोडऩे वाली पीएम सड़क पूरी तरह बह गई। इस सड़क पर स्थित पुलिया भी बह गई है। यही नहीं फसलों को भी भारी नुकसान पहुंचा है। किसान गुणवंत गव्हाड़े ने बताया कि डैम का पानी खेतों में आने से फसलें पूरी तरह से तबाह हो गई है। भारी बारिश और भीषण बाढ़ में मुलताई-भैंसदेही स्टेट हाईवे पर अंभोरा नदी पर स्थित पुरानी पुलिया भी बह गई है। यहां बीते 3 सालों से नए पुल का काम चल रहा है। लेकिन, वह आज तक पूरा नहीं हो सका है। पुलिया बहने से वाहनों की यहां कतार लग गई। इसमें कई यात्री बसें भी शामिल हैं। पुरानी पुलिया के भी बह जाने के कारण अब वाहनों को इकलहरा, डोलहन, हिड़ली, हिवरखेड़ होते हुए आष्टा, रायआमला पहुंचना होगा। इसमें लगभग 9 किलोमीटर का अतिरिक्त फेरा काटना होगा।

- ताप्ती बैराज में ग्रेबियन जाली वॉल बह गई...
इधर शहर में पेयजल आपूर्ति के लिए खेड़ी में ताप्ती नदी पर बनाया गया बैराज एक बार फिर बाढ़ के चलते बह गया है और नदी में बाढ़ का पानी बैराज के पास स्थित किसान के खेत में घुस गया। इससे उसकी फसल तबाह हो गई। मिली जानकारी के अनुसार खेड़ी में ब्रिज के पास लाखो की लागत से बने अमृत सिटी बैराज के बीते वर्ष एक हिस्सा डहने के बाद रायपुर की चंद्रा कंपनी द्वारा टूटे हिस्से की एक माह पूर्व मरम्मत कर ग्रेबियन जाली की वाल बनाई गई थी। यह वाल पहली बाढ़ में तो नही बही, लेकिन 7 अगस्त की रात हुई अंधड़ बरसात से आयी ताप्ती की बाढ़ से बह गई। बाढ़ से बैराज के पास के किसान सुभाष बडौदे का खेत बुरी तरह कटाव से नष्ट हो गया हैं। अब की बार किसान की एक एकड़ खेत कटाव से खाई में बदल गया। ताप्ती नदी में पारसडोह और चन्दोरा डेम के फ्लो से पानी लगातार बढ़ रहा है। किसान सुभाष बडौदे ने जांच की मांग कर कलेक्टर से मुआवजे की गुहार लगाई हैं। पूरे मामले में चन्द्रा कम्पनी के अलावा निगरानी करने वाले नगरपालिका के जिम्मेदारों की भी पोल खुल गई हैं।

- जिले में हो चुकी इतनी बारिश...                                    
जिले में बीते 24 घंटे में आज सुबह तक 30.6 मिलीमीटर बारिश हो चुकी है। बैतूल में 34.4, घोड़ाडोंगरी में 12, चिचोली में 10.4, शाहपुर में 39, मुलताई में 35, प्रभातपट्टन में 92.4, आमला में 7, भैंसदेही में 14, आठनेर में 57.1 और भीमपुर में 5 मिलीमीटर बारिश हुई है। अभी तक कुल 948.4 मिलीमीटर बारिश हो चुकी है। यह औसत से थोड़ा ही कम है। पिछले साल अभी तक 630.6 मिलीमीटर बारिश हुई थी।
नवल-वर्मा-हेडलाईन-बैतूल  10 अगस्त 2022