(बैतूल) शाहपुर में निर्दलीय शहर सरकार के शिल्पकार है अरूण तिवारी और अंबिका मिश्रा
बैतूल / शाहपुर ( हेडलाईन ) अंकुश मिश्रा/नवल-वर्मा । शाहपुर ग्राम पंचायत से नगर पंचायत बनी और पहली बार बतौर नगर पंचायत शहर सरकार का चुनाव हुआ। इस चुनाव में शाहपुर की राजनैतिक जागरूकता भी नजरआई। जिसमें दोनों दलों को चौंकाते हुए निर्दलयों को शहर सरकार बनाने का मौका दिया।
इस पूरे खेल में क्षेत्र के दो दिग्गज नेताओं ने अहम भूमिका अदा की। अरूण तिवारी और अंबिका मिश्रा ने व्यूह रचना ऐसी रची कि न कांग्रेस की दाल गल पाई और ही भाजपा की और एक निर्दलीय नगर पंचायत का पहला अध्यक्ष बन गया। सोमवार को संपन्न हुए शाहपुर के नगर परिषद चुनाव में मतदाताओं द्वारा मिले जनादेश को स्वीकारते हुए निर्दलीय प्रत्याशियों ने सरकार बनाने में सफलता हासिल कर भाजपा को करारी शिकस्त दी ।

अध्यक्ष पर के लिए निर्दलीय प्रत्याशियों में रोहित नायक एवम् भारतीय जनता पार्टी से वरिष्ठ नेता सूर्यकांत सोनी दावेदार थे जिसमें रोहित नायक को 8 वोट व सूर्यकांत सोनी को 6 वोट मिले तथा 1 वोट निरस्त हुआ । वहीं उपाध्यक्ष के लिए निर्दलीय प्रत्याशी पम्मी राठौर व भाजपा से अंकुर राठौर मैदान में थे जिसमें पम्मी राठौर को 8 और रिंकू राठौर को 7 वोट मिले। जिससे अध्यक्ष उपाध्यक्ष पर निर्दलीयों ने अपना कब्जा जमाया।

इस नगर परिषद के चुनाव में भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने साम दाम दण्ड भेद अपनाया और कुछ पार्षदों पर तो मतदान करने तक पुलिस के द्वारा दवाब भी बनवाए जाने तक की चर्चा भी चौंक चौराहों पर जोर शोर से हो रही है । परन्तु नगर परिषद शाहपुर में निर्दलीयों के खेवनहार अरुण तिवारी, अंबिका मिश्रा, कमल परसाई, आनंद शुक्ला की चाणक्य बुद्धि एवम् कुशल रणनीति बनाकर पार्षदों की मतगणना के बाद से ही अपने आठ  पार्षदों को तीर्थ दर्शन पर रवाना कर दिया था । जिससे उन पर किसी भी प्रकार का कोई दवाब नहीं बना पाए और समय पर सभी पार्षदों की इंट्री भीं महिलाओं के द्वारा घेराबंदी कर कराई गई।

 

वहीं निर्दलीय सरकार बनाने के लिए नगर की जनता भी भरपूर समर्थन में मैदान में उतर गई थी और परिणाम घोषित होने ने बाद निर्दलीय सरकार ने मूसलाधार बारिश में नगर के चौक चौराहों से विजय जूलुस निकालकर जनता का आशीर्वाद प्राप्त किया और इस तरह एकजुटता के लिये उनका आभार माना।
शाहपुर नगर में निर्दलीय सरकार बनाने में मुख्य भूमिका अरूण तिवारी, अंबिका मिश्रा, कमल किशोर परसाई, आनंद शुक्ला, मोहन तिवारी की कुशल रणनीति रही वहीं सहयोगी कार्यकर्ताओं में रमेश शैलू, खेमचंद, राजू पांडे, कैलाश यादव , राजेंद्र गढ़वाल, दावडें , विक्रम ठाकुर, लालजी चौरे, भूरा, प्रदीप परतें, मदन, अशोक बाजपेई, मल्लू चौधरी, संतोष शर्मा, शिवेंद्र कदम, संजीत अनमने, श्यामू नायक, आयुश शुक्ला, पप्पू शुक्ला, आजाद सिंह ठाकुर, अंकुश मिश्रा, छोटू राठौर, इत्यादि की भूमिका बडी़ अहम रही।
नवल-वर्मा-हेडलाईन-बैतूल 10 अगस्त 2022