बैतूल(हेडलाईन)/नवल-वर्मा । उच्च न्यायालय के आदेश थे कि संपूर्ण मध्यप्रदेश में वन भूमि पर कहीं पर भी शासकीय शराब की दुकान संचालित नहीं होगी। आदेश आने के बाद वन भूमि पर संचालित होने वाले शासकीय शराब की दुकानों को ताबड़तोड़ हटाने का काम किया गया। लेकिन पाथाखेड़ा के राजीव चौक तिगड्डा पर संचालित होने वाली शराब की दुकान को अभी तक बंद नहीं किया गया है। बैतूल जिले में यह देखने में आ रहा है कि अधिकारियों को वन भूमि और उससे जुड़े कानून की कतई परवाह नहीं है। इसके कुछ और उदाहरण सामने आए हैं। जैसे सारनी में सूखाढाना औद्योगिक प्रोजेक्ट प्रमुख रूप से शामिल है जो कि छोटा बड़ा झाड़ जंगलमद के कारण उलझ गया है। वहीं कोसमी में प्रस्तावित नवीन जेल का मामला वन भूमि के चक्कर में ही विवादों में आ गया है। इसके अलावा डूडा बोरगांव में छोटा, बड़ा झाड़ जंगल मद के कारण ही वुडन क्लस्टर का मामला फेल हो गया है। यह सब देखने के बाद बड़ा सवाल यह है कि वन भूमि पर शराब दुकान कैसे संचालित हो सकती है।
वन भूमि को डब्ल्यूसीएल की भूमि बताकर शराब ठेकेदार के माध्यम से पाथाखेड़ा के राजीव चौक पर बेखौफ होकर शासकीय शराब की दुकान संचालित की जा रही है। इससे भी आश्चर्य की बात यह है कि आबकारी विभाग को सब पता होने के बाद भी शराब ठेकेदार का खुलकर सहयोग किया जा रहा है जिससे न्यायालय के आदेशों की अवहेलना मानी जा रही है। यह शराब का ठेका सुनीता शिवहरे के नाम पर वर्तमान समय में संचालित किया जा रहा है और राजीव चौक तिगड्डे पर अंग्रेजी एवं देसी शराब दुकान कंपोजिट सी एल के अंतर्गत संचालित हो रही है। ऐसे में आबकारी विभाग के माध्यम से शराब ठेकेदार सुनीता शिवहरे के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज किया जाएगा कि नहीं यह सबसे बड़ा बहस का सवाल खड़ा हो गया है। 
कोयलांचल क्षेत्र पाथाखेड़ा में वार्ड क्रमांक 22 में संचालित होने वाली पुरानी शराब की दुकान जिससे वन भूमि पर संचालित होना पाया गया था जिसके तहत तात्कालीन आबकारी अधिकारी के माध्यम से शराब ठेकेदार के खिलाफ अपराधिक प्रकरण दर्ज किया गया था। राजीव चौक तिगड्डे पर शराब की दुकान संचालित हो रही है यह वनभूमि होना बताया जा रहा है। ऐसे में ठेकेदार के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज किया जाना चाहिए। वेस्टर्न कोलफील्ड लिमिटेड पाथाखेड़ा के माध्यम से वन विभाग से भूमि को लीज पर लेकर यहां पर भूमिगत खदानों का संचालन किया जा रहा है और कालोनियों का निर्माण किया गया है। ऐसे में राजीव चौक तिगड्डे की वह भूमि जहां पर शासकीय शराब की दुकान संचालित हो रही है उसे डब्ल्यूसीएल की भूमि बताई जा रही है एक व्यक्ति को डब्ल्यूसीएल के माध्यम से यह भूमि आवंटित किया जाना बताया जा रहा है जबकि इस भूमि को लेकर वन विभाग सहित अन्य विभागों को शिकायत की गई है और वन विभाग के माध्यम से डब्ल्यूसीएल प्रबंधन को पत्र लिखकर इस भूमि के संबंध में जानकारी एकत्रित करने का कार्य किया जा रहा है। 


- डब्ल्यूसीएल प्रबंधन के माध्यम से पत्र देने के बाद ही  वन विभाग के माध्यम से कार्रवाई की जाएगी...

डब्ल्यूसीएल के अधिकारियों का कहना है कि उनके माध्यम से खुद वन विभाग से जमीन को लीज पर लेकर कॉलोनी कार्यालय एवं भूमिगत खदानों का संचालन किया जा रहा है ऐसी स्थिति में उनके माध्यम से किसी दूसरे व्यक्ति को कमर्शियल रूप से भूमि किराए पर नहीं दी जा सकती है डब्ल्यूसीएल के माध्यम से किसी को भी इस तरह का पत्र लिखकर भूमि आवंटन किए जाने की प्रक्रिया नहीं की गई है।

नवल-वर्मा-हेडलाईन-बैतूल  19 अगस्त 2022