बैतूल (हेडलाईन )/नवल-वर्मा । जिले के आबकारी विभाग में महालेखाकार की आडिट रिपोर्ट से जिस घपले का खुलासा हुआ है उसका रोचक पक्ष यह है कि 1 करोड़ 34 लाख की शराब महज 24 घंटे के अंदर खुर्दबुर्द कर दी गई। यह सब शहर में स्थित प्रताप वार्ड शराब दुकान समूह और गंज शराब दुकान समूह में हुआ है।  जो ऑडिट रिपोर्ट है वह बता रही है कि जब 8 जून को आबकारी आयुक्त के आदेश के अनुसार शराब दुकान का अधिग्रहण किया गया तो वहां पर 1 करोड़ 34 लाख की शराब  का स्टॉक उपलब्ध था, लेकिन 9 जून को जब यह दुकानें विभागीय संचालन के लिए दी गई तो यहां पर स्टॉक निरंक बता दिया गया। अब सवाल यह बता दिया कि इतनी बड़ी मात्रा में उपलब्ध शराब रातों रात कौन पी गया और किसने आनन-फानन में ठिकाने लगा दिया। इस मामले में एडीओ माहोरे से संभवत जवाब तलब किया गया था, लेकिन कोई ठोस जवाब सामने नहीं आया। पूरे मामले में विस्तृत जांच की जरूरत है, लेकिन जांच के पहले जिम्मेदार को सस्पेंड किया जाना चाहिए
प्रताप वार्ड दुकान से करीब 89 लाख की शराब रात भर में गटक गए
कलेक्टर बैतूल के आदेश पर 39 देशी और 25 विदेशी का अधिग्रहण किया गया। इस अधिग्रहण में प्रताप वार्ड टिकारी में अधिग्रहण के दौरान लेखा परीक्षण में अंतिम स्टॉक के रूप में 8 जून को 88 लाख 43 हजार 354 रूपये की शराब का स्टॉक होना पाया गया। वहीं 9 जून 2020 को यह स्टॉक निरंक बता दिया गया। जो स्टॉक में शराब बताई जा रही थी उसका पूरा हिसाब उपलब्ध है।
गंज दुकान में 48 लाख का स्टॉक में से 9 लाख की शराब उपलब्ध बताई
इधर गंज शराब दुकान को लेकर जो ऑडिट रिपोर्ट में सामने आ रहा है उसके अनुसार आबकारी विभाग के अधिकारियों द्वारा यहां पर 4803595 रूपये की शराब का स्टॉक होना और अधिग्रहित किया जाना बताया था। वहीं 9 जून को यहां पर 957650 रूपये की शराब उपलब्ध होना ही बताया गया। अब ऐसी स्थिति में सवाल यह है कि 3845945 रूपये की शराब रातों रात कौन पी गया और किसने ठिकाने लगा दी।
लगातार: इधर पाथाखेड़ा शराब दुकान मामले में ठेकेदार से वन विभाग ने मांगे दस्तावेज
राजीव तिग्ड्डे की शराब दुकान का मामला तूल पकड़ते जा रहा है। ठेकेदार की मनमानी और हठधर्मिता कुछ भी हो, लेकिन सच्चाई यह है कि वह दुकान वन भूमि पर ही संचालित हो रही है। जहां पर यह दुकान संचालित हो रही है उसी क्षेत्र में 2011 में भी वन भूमि पर शराब दुकान संचालन को लेकर वन अपराध पंजीबद्ध किया गया था। बताया गया कि अब वन विभाग शराब दुकान की स्थिति को लेकर रिकार्ड खंगाल रहा है और ठेकेदार सभी दस्तावेज मांगे है और बताया जा रहा है कि ठेकेदार दस्तावेज नहीं दे रहा।
नवल-वर्मा-हेडलाईन-बैतूल 23 अगस्त 2022