(बैतूल) वन विभाग के अलावा अब जिला प्रशासन को भी लेना चाहिए एक्शन, - पाथाखेड़ा के शराब ठेकेदार ने प्रशासन को किया गुमराह, बेदखली के साथ होना चाहिए एफआईआर
बैतूल (हेडलाईन)/नवल-वर्मा । शासकीय शराब की दुकान जो पाथाखेड़ा के राजीव चौक तिगड्डे पर संचालित हो रही है वह पूर्ण रुप से वन भूमि पर है, इसको लेकर अब वन विभाग के माध्यम से शराब की दुकान को बेदखली किए जाने की कार्रवाई तेज कर दी गई है। साथ ही जिला प्रशासन को अंग्रेजी एवं देसी शराब दुकान कंपोजिट सीएल के ठेकेदार सुनीता शिवहरे के माध्यम से गुमराह करने का कार्य किया गया है। ऐसी स्थिति में शराब ठेकेदार के खिलाफ भी धोखाधड़ी का मामला पंजीबद्ध किया जाने की मांग उठने लगी है।
बताया जाता है कि शराब ठेकेदार के माध्यम से जिला मुख्यालय से एक पत्र जारी किया गया था जिसमें यह दर्शाया गया था कि यह जो शराब की दुकान है वह डब्ल्यूसीएल की भूमि पर संचालित हो रही है लेकिन वेस्टर्न कोलफील्ड लिमिटेड पाथाखेड़ा के अधिकारियों के द्वारा वन विभाग को 22 अगस्त को पत्र लिखकर यह बताया गया कि जिस स्थान पर शराब की दुकान संचालित हो रही है वह दुकान डब्ल्यूसीएल की भूमि की पर नहीं है। वह पूर्ण रुप से वन विभाग की भूमि पर है। ऐसी स्थिति को देखते हुए और समाचारों के लगातार प्रकाशित होने के बाद पाथाखेड़ा के डिप्टी रेंजर के माध्यम से शराब दुकान जिनके आवास में संचालित हो रहा है उन्हें 3 दिनों में शराब की दुकान को खाली करने का नोटिस देने का कार्य किया गया है, यदि तीन दिन में शराब की दुकान हटाई नहीं जाती है तो वन विभाग के माध्यम से बेदखली की कार्रवाई की जाएगी।
- ठेकेदार पहुंचा रहा राजस्व का नुकसान...
प्रदेश सरकार के माध्यम से अंग्रेजी एवं देसी शराब दुकान कंपोजिट करने के बाद एक ही स्थान पर देशी और विदेशी शराब की बिक्री का कार्य शुरू हो गया है, लेकिन राजीव चौक तिगड्डे पर जो आहता संचालित किया जा रहा है वह आहता बिना अनुमति के संचालित हो रहा है। इसके अलावा शराब ठेकेदार के माध्यम से शराब की दुकान जो खोलने का कार्य किया जा रहा है वह जिला प्रशासन के नियम के विरुद्ध है। शराब की दुकान 9.30 बजे सुबह खुलनी है और रात में 11.30 बजे बंद की जानी है। लेकिन कोयलांचल क्षेत्र पाथाखेड़ा के राजीव चौक तिगड्डे की शासकीय देसी विदेशी शराब की दुकान सुबह 5 बजे से लेकर रात 2 बजे तक शराब बेचने का कार्य किया जाता है। जो कि शासन के नियम के विरुद्ध है। इसके अलावा आबकारी विभाग के नाक के नीचे शराब ठेकेदार शराब की पेटियों का परिवहन बिना परमिट के कर रहे हैं।जिसकी वजह से प्रतिदिन 20 से 30 हजार का राजस्व का नुकसान आबकारी विभाग को उठाना पड़ रहा है।
- इनका कहना...
वन भूमि पर शराब की दुकान संचालित हो रही है इसको बेदखली किए जाने की अनुमति मांगी गई है। एक सप्ताह के भीतर अनुमति मिलते ही वन भूमि से बेदखली की कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा शराब ठेकेदार के खिलाफ भी अपराध पंजीबद्ध किया जायेगा। इस संबंध में आबकारी विभाग एवं जिला कलेक्टर से पत्राचार किया गया है।
- विजय मौर्य एसडीओ ,
उत्तर वन परिक्षेत्र सारनी।
- इधर...लोगों को समझ नहीं आ रहा कि यह प्रभारी डीईओ है या प्रदेश के आबकारी मंत्री..!
जिले के प्रभारी आबकारी अधिकारी की वर्किंग स्टाईल और तौर तरीका इतना बिकट है कि लोगों को समझ ही नहीं आता कि यह बैतूल जिले के प्रभारी आबकारी अधिकारी है या प्रदेश के आबकारी मंत्री! आबकारी से जुड़ा हुआ कोई भी अनैतिक काम हो और आवाज उठती है तो उनके पास एक ही रटारटाया जवाब होता कि शासन को कमाकर देते हैं , बाकी से हमें मतलब नहीं है। शासन को राजस्व से नुकसान नहीं करवा सकते। पाथाखेड़ा में जो शराब दुकान का मामला है वह सीधे-सीधे जिला आबकारी अधिकारी की जिम्मेदारी है। फिर भी वे बात को टाल गए । इसके अलावा सबसे बड़ी बात यह है कि हर मंगलवार को होने वाली जनसुनवाई को लेकर वे संजीदा नहीं है। जनसुनवाई के दिशा निर्देश है उसके अनुसार मंगलवार को उन्हें कम्पोजिट कलेक्ट्रेट आकर जब तक जनसुनवाई चल रही होती है तब तक अपनी सीट पर बैठे रहना चाहिए, लेकिन वे ऐसा नहीं करते। आकर अपनी शक्ल दिखाते है और इसके बाद टहलते हुए इधर उधर निकल जाते है। जबकि अन्य अधिकारी कलेक्टर के उठने या जनसुनवाई चलने तक अपनी कुर्सी पर टिके रहते है। वर्तमान प्रभारी आबकारी अधिकारी के रहते में ही कई तरह के कर्मकांठ आबकारी में हो रही है। जिसकी विस्तृत जांच हो तो कई लोग नप जाएंगे, लेकिन जांच कोई करवाता नहीं है।
नवल-वर्मा-हेडलाईन-बैतूल 27 अगस्त 2022