(बैतूल) माहोरे पर कार्रवाई न होने को लेकर पूरा प्रशासन सवालों के घेरे में, - शासन को होने वाले राजस्व के नुकसान को लेकर भी प्रशासन अचेत
बैतूल(हेडलाईन)/नवल-वर्मा । आबकारी विभाग में महालेखाकार की रिपोर्ट में उजागार हुए 1 करोड़ 34 लाख के गबन को लेकर हर तरफ चर्चा हो रही है। इसके बावजूद प्रशासनिक स्तर पर मामले को दोषी अधिकारियों के खिलाफ किसी तरह से कोई कार्रवाई ही नहीं हो रही है। वहीं दूसरी तरफ दो वर्ष पुराने इस मामले में वर्तमान कलेक्टर की चुप्पी भी सवाल खड़े करती है। अब जब मामला पूरी तरह से सार्वजनिक हो चुका है ऐसे में कलेक्टर का कोई एक्शन न लेना उनकी प्रशासनिक दूरदृष्टि पर सवाल खड़े करता है। इस मामले में अब तक रिकवरी की कार्रवाई शुरू हो जानी चाहिए थी, लेकिन ऐसा कुछ हुआ ही नहीं है। सबसे आश्चर्यजनक है कि जिला आबकारी अधिकारी भी पूरे मामले में कुंडली मारकर बैठे है, लेकिन कोई एक्शन नहीं ले रहे है। बताया गया कि आबकारी आयुक्त भी अज्ञात कारणों से मामले को लेकर कार्रवाई से बच रहे हैं। वहीं दूसरी ओर समाजसेवी डॉ मनीष नामदेव इसे कोर्ट में चुनौती देने की तैयारी में है। उन्होंने अधिवक्ता गुफरान खान से चर्चा भी कर ली है।
- शराब अफरा-तफरी मामले में यह उठ रहे सवाल...
1 - जून 2020 के इस मामले में क्या आबकारी आयुक्त को जानकारी है या नहीं। यदि नहीं है तो क्यों, यदि है तो क्या एक्शन लिया?
2 - क्या जिला कलेक्टर भी पूरे मामले से अवगत नही है, यदि नहीं है तो क्यों, यदि अवगत है तो अभी तक उन्होंने रिकवरी के लिए क्या एक्शन लिया?
3 - यह पूरा मामला शासन को राजस्व के नुकसान है धोखाधड़ी का है। इस मामले में एफआईआर होनी चाहिए थी जो अब तक नहीं, ऐसा क्यों?
4 - क्या जिला आबकारी अधिकारी द्वारा अभी तक पूरे मामले में एफआईआर या रिकवरी के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया, यदि नहीं तो क्यों?
5 - एडीओ माहोरे या देवांगन जो भी जिम्मेदार हैं उनको क्या कारण बताओ नोटिस दिया गया और उन्होंने क्या जवाब दिया और इस जवाब के बाद क्या हुआ?
- क्या यह सही है...चिचोली के कांग्रेसी रिश्तेदार के भाजपाई कनेक्शन माहोरे के लिए बने वरदान..!
- पूरे विभाग में ही नहीं बल्कि पूरे आबकारी महकमे एवम् कुछ ठेकेदारों के बीच चर्चा का विषय है कि यदि माहोरे की जगह कोई ओर होता तो अब तक कब का नप गया होता। जो चर्चाएं हैं उसके मुताबिक चिचोली के कोई कद्दावार कांग्रेस नेता हैं जिनसे माहोरे की कोई रिश्तेदारी है और उक्त कद्दवार नेता के भाजपा के जिला स्तर के नेताओं से बड़े मधुर और पारिवारिक संबंध है इसलिए अभी तक माहोरे जी सुरक्षित बचे हुए हैं। उनसे न तो रिकवरी हो रही है और न ही उनके खिलाफ कोई एक्शन लिया जा रहा है।
नवल-वर्मा-हेडलाईन-बैतूल 28 अगस्त 2022