बैतूल(हेडलाईन)/नवल-वर्मा । राजीव तिगड्डा पाथाखेड़ा की शराब दुकान के मामले में शराब ठेेकेदार न तो अपना लाईसेंस दिखा रहा है और न ही दुकान संचालन के लिए किरायानामा। ठेकेदार को लगता है कि उसका लिफाफा सिस्टम हर जगह काम करेगा। इसलिए वह पूरी हठधर्मिता कर रहा है। दुकान बेदखली का नोटिस मिलने के बाद भी टस से मस होने को तैयार नहीं है। बताया गया कि एसडीओ और रेंजर सारनी ने वन कानून के तहत दुकान बेदखली के साथ-साथ आबकारी अधिकारी को नोटिस दिया है। जिसमें उन्होंने शराब ठेकेदार के लाईसेंस की छायाप्रति और दुकान का किरायानामा तथा भूमि संबंधित अनुमतियों के दस्तावेजों की छायाप्रति मांगी है। इसके लिए तीन दिन की मोहलत दी गई है। यदि ठेकेदार यह उपलब्ध नहीं कराता है तो उसके खिलाफ एफआईआर जैसी कार्रवाई भी की जा सकती है।  बताया गया कि सारनी के वन विभाग ने अपने वरिष्ठ अधिकारी डीएफओ से बेदखली की कार्रवाई के लिए दिशा निर्देश प्राप्त करने भी अनुमोदन के लिए पत्र लिखा है। जैसे ही अनुमोदन मिलेगा कार्रवाई कर दी जाएगी।

- ठेकेदार को भरोसा पुलिस तक गया मामला तो सब सेट कर लेंगे ...                                     
राजीव तिगड्डे की शराब दुकान के मामले में ठेकेदार को लगता है कि यदि मामला पुलिस तक गया तो पुलिस ही सब सेट कर देगी। उसके इस भरोसे को लेकर उसके करीबी सूत्र का कहना है कि भाई साहब के लिफाफों का पुलिस विभाग में अच्छा रसूख और दखल है। इसलिए तो उनकी इतनी मनमानी चलती है। उक्त सूत्र का दावा है कि अफसरों के बंगलों तक भाईसाहब का रूतबा है। एक फोन पर जो चाहे वह करवा लेते है। अब इस बात में कितनी सच्चाई है यह तो भविष्य की जांच में ही सामने आएगा।

- ठेकेदार की एक और करतूत परमिट में भी कर रहा राजस्व की चोरी...
नगर पालिका परिषद सारनी के अंतर्गत संचालित होने वाली सभी देसी विदेशी शराब दुकान के ठेकेदारों के माध्यम से आबकारी अनुबंध नियम के विपरीत बिना परमिट के ग्रामीण क्षेत्रों में शराब पहुंचाने का गोरखधंधा बेखौफ होकर संचालित किया जा रहा है। शाहपुर , सारनी की देसी विदेशी शराब दुकान हो या राजीव चौक के तिगड्डे की सभी दुकानों में बिना परमिट के शराब बेखौफ होकर ग्रामीण क्षेत्रों में पहुंचाने के अलावा अनेकों स्थानों पर अवैध तरीके से शराब की बिक्री कराने का काम शराब ठेकेदार के माध्यम से किया जा रहा है। बताया जाता है कि बगडोना में संचालित होने वाली देसी विदेशी शराब की दुकान से प्रतिदिन 50 हजार से लेकर 85 हजार रुपये के परमिट को नुकसान पहुंचाने का कार्य किया जा रहा है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि जब बोलना कि दुकान से प्रतिदिन 50 से 85 हजार का नुकसान बिना परमिट के शराब पहुंचाने पर आबकारी विभाग को पहुंच रहा है तो नगरपालिका क्षेत्र में संचालित होने वाली सभी देसी विदेशी शराब की दुकान की क्या स्थिति होगी इसके अलावा शराब ठेकेदार के माध्यम से असामाजिक तत्वों को संरक्षण दे रखा गया है ग्रामीण क्षेत्र से जुड़ी महिला व पुरुष घास या फिर हरी सब्जी बेचने के लिए शहरी क्षेत्र में आते हैं तो शराब जांच के नाम पर शराब ठेकेदार के कर्मचारी उनके साथ बदसलूकी और गुंडागर्दी करते हैं। जिसका जीता जागता उदाहरण गुणवंत मंदिर के पास राजीव तिगड्डा और अन्य स्थानों पर बड़े आसानी के साथ देखा जा सकता है। अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि आबकारी विभाग सारनी, बैतूल के सभी अधिकारियों कर्मचारियों को इसकी जानकारी है कि बिना परमिट के शराब ग्रामीण क्षेत्र में कैसे पहुंच रही है। यदि देशी-विदेशी शराब ग्रामीण क्षेत्र में पहुंच रही है और उसका परमिट नहीं काटा जा रहा है तो ऐसा लगता है कि आबकारी विभाग के जिम्मेदार अधिकारी अपना कार्य इमानदारी से करने के बजाय लिफाफा पद्धति पर ज्यादा विश्वास कर रहे हैं।
नवल-वर्मा-हेडलाईन-बैतूल  30 अगस्त 2022