(बैतूल) संकुल केन्द्र खण्डारा में व्याप्त है भर्राशाही का आलम, - समयानुसार न खुलती और न ही बन्द होती है शालाएँ..?

- अटैचमेन्ट का जिन्न खेल रहा बच्चों के भविष्य से..!

- पालकों-ग्रामीणों ने जिलाधीश एवम् जिला शिक्षा अधिकारी से की सीधे हस्तक्षेप के साथ त्वरित और उचित कार्यवाही की माँग

बैतूल (हेडलाईन)/नवल-वर्मा । जिला मुख्यालय से महज़ 8 किमी दूर स्थित खंडारा संकुल के अंतर्गत आनेवाले भैसदेही ग्राम का सरकारी प्रायमरी स्कूल प्रतिदिन चार बजे के पूर्व ही बंद हो जाता है। जहाँ 90 से 95 हजार की मोटी तनख्वाह पाने वाले लापरवाह शिक्षकों के कारण यह स्कूल बंद होने की कगार पर आ गया है और दर्ज संख्या मात्र 14 रह गईं है। हमारे प्रतिनिधि ने विगत दिनों भ्रमण के दौरान भैसदेही ग्राम के प्राथमिक विद्यालय पर ताला लटका पाया गया। वहीं पढ़ने वाले बच्चों एवम् ग्रामवासियों ने बताया कि हमेशा ही चार बजे स्कूल बंद हो जाता है। ग्रामीणों ने बताया कि इस स्कूल में राजेन्द्र प्रसाद साहू और प्रेम लाल सुरजाहे दो सहायक शिक्षक पदस्थ हैं। राजेन्द्र प्रसाद साहू, जो कि समग्र शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष भी है, विगत सात वर्षों से संकुल कार्यालय खंडारा में अटैच हैं।

इतना ही नहीं ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि उनके द्वारा अपने स्थान पर बडोरा भाजपा मण्डल अध्यक्ष के ग्राम के स्कूल से अपने रिश्तेदार जगदीश बिसने सहायक अध्यापक को विगत छ: वर्षों से अटैच करवा कर रखा गया है। अब यदि इन बातों में सच्चाई है तो राजेन्द्र प्रसाद साहू का ट्रैक रिकॉर्ड निकालकर देखा जा सकता है कि इन्होंने अपने अब तक के करीब 33 वर्षों के कार्यकाल के दौरान आधे से अधिक समय तक विभिन्न कार्यालयों में अटैच रहकर बाबू गिरी का ही काम किया है। ये कार्यालय हमेशा 12 से 2 बजे तक ही आते हैं। ग्रामीणजन ने यह भी बताया कि इस तथ्य की पुष्टि इनके ही मोबाइल फोन लोकेशन व हमलापुर चौक पर लगे सीसीटीवी से भी किया जा सकता है। 

भैसदेही मिडिल स्कूल में बच्चे मात्र छह , पदस्थ शिक्षक तीन - दो अटैच
- इसी तरह बंद होने के मुहाने पर महज़ छ: दर्ज संख्या वाले गाँव से सुदूर स्थित भैसदेही मिडिल के तीनों शिक्षकों के तो आनंद ही आनंद है। इस शाला में पदस्थ तीन शिक्षकों में से विवादित क्षवि के दो शिक्षक कमल किशोर आर्य, सहायक शिक्षक व यामिनी खापेकर, माध्यमिक शिक्षक को विगत 7 वर्षों से अधिक अवधि से संकुल के अंतर्गत अन्यत्र शालाओं में अटैच करके रखा है। इनके स्थान पर ममता साहू माध्यमिक शिक्षक को बुण्डाला मिडिल स्कूल से और बीआर सराटकर प्रधान पाठक को प्राथमिक शाला खंडारा से अटैच करके रखा गया है। दोनों अटैच शिक्षक भी ज्यादातर स्कूल से नदारद रहते हैं । 

प्राथमिक शाला। ग्यारसपुर के भी हाल बेहाल
 इसी संकुल केन्द्र के प्राथमिक शाला ग्यारसपुर में दो शिक्षक पदस्थ हैं। जिनमें से सहायक अध्यापक सतीश पल्लेवार ज्यादातर बीएलओ-बीएलओ खेलते हुए स्कूल से गायब रहते हैं वहीं ग्रामीणों ने बताया कि वे बैतूल आकाशवाणी केन्द्र में उद्घोषक का काम भी करते हैं। ग्रामीणजन ने आरोप लगाया कि इस स्कूल में पाँचवी के बाद बच्चे अन्य स्कूलों में पढ़ने जाते हैं, जिनमें से अधिकांश बच्चों का स्तर पहली कक्षा के समकक्ष भी नहीं है। इसका खुलासा तो जाँच-पड़ताल में होना ही चाहिये ऐसा ग्रामवासी चाहते हैं ।

- खण्डारा संकुल से दर्जनों शिक्षक - भृत्य ले रहे अटैचमेन्ट का मजा़ ... 


 संकुल केन्द्र खंडारा की यदि बात कर लें तो शायद यह जिले का एकमात्र ऐसा संकुल होगा जहाँ से दर्जनभर से अधिक शिक्षकों और भृत्यों को अन्यत्र स्कूलों व कार्यालयों में अटैच करके रखा गया है। सूत्रों से ज्ञात हुआ है कि अपनी साफगोई छवि के लिए जिले में पहचानें जाने वाले नियमित शिक्षक संगठन के प्रदेश महामंत्री रघुवर प्रसाद सोनी ने संकुल केन्द्र खंडारा में अटैच कर्मचारियों के संदर्भ में एक आरटीआई भी लगाई है। वहीं शा.उ.मा.वि. खंडारा में भी व्याप्त अनेकों लापरवाहियों से संबंधित जानकारियाँ प्राप्त हुई है।

- शासन की योजनाओं को पलीता लगाने से भी नहीं चूकते ...
ग्रामीणों ने बताया कि विगत कुछ वर्षों में यहाँ पदस्थ एक शिक्षक द्वारा शासन की योजनाओं के अनेकों लीपापोती युक्त कार्य करवाये गए थे। उनके द्वारा करवाये गए घटिया जीर्णोद्धार व अन्य कार्यों से नाराज जनप्रतिनिधियों ने उस शिक्षक का आमला ब्लॉक में प्रशासनिक ट्रांसफर करवा दिया था। लेकिन बाद में जोड़ जुगाड़ व मशक़्क़त से प्रशासनिक स्थानांतरण को संशोधित करवा कर वह शिक्षक इसी संकुल के अधीन हाई स्कूल खेड़ला पोस्टेड हो गया है। 

- हायर सेकेण्डरी स्कूल प्राचार्य विहीन...
इस संकुल के अंतर्गत प्राचार्य विहीन खण्डारा हायर सेकेण्डरी स्कूल में विभिन्न ग्रामों के लगभग पाँच सैकड़ा से अधिक बच्चे पढ़ने आते हैं। ग्रामवासी बताते हैं  कि पिछले वर्ष इस विद्यालय में 10 वीं व 12 वीं का रिजल्ट महज़ 10% से 20% के बीच लटककर रह गया। 

- करोड़ों के हुए निर्माण कार्य लेकिन गुणवत्ताहीन-अनुपयोगी ...
ग्रामवासियों ने बताया कि पूर्व विधायक के कार्यकाल के दौरान खंडारा के पूर्व सरपंच लक्षमण यादव जिनकी पत्नी वर्तमान में ग्राम पंचायत की सरपंच हैं उनके प्रयासों से स्वीकृत दो वर्ष पूर्व ही क्षेत्रीय सांसद द्वारा लोकार्पण की गई करीब दो करोड़ रुपये की लागत से निर्मित दो मंजिला हायर सेकेण्डरी भवन के सामने की सीढ़ी के बीच के पत्थर को तोड़ने के बाद एक पाइप लगाकर करीब छ: फिट गड्ढे में बनें पुराने अनुपयोगी अतिरिक्त कक्ष में उतरने के लिए नये भवन के सामने से जोखिम भरी असुरक्षित सीढ़ियाँ बनाई गई हैं, जो दूसरे किनारे पर बनतीं तो सुरक्षित होती। जिसकी लागत करीब 25 हजार बतायीं जा रहीं है।
ग्रामवासी एवम् पालकों ने निजप्रतिनिधि से चर्चा में बताया कि शासकीय राशि के दुरूपयोग करने का फण्डा इस स्कूल प्रबंधन से बेहतर शायद ही कोई जानता हो । सफाई कर्मी को बंद करने के कारण नये भवन सहित विद्यालय परिसर के शौचालयों में पूर्णतः सफाई का अभाव है। वहीं मिडिल स्कूल के स्टाफ़ सहित छात्र छात्राओं के लिए पूर्व में निर्मित सभी शौचालय जीर्ण शीर्ण हो चुकें है। जिस पुराने भवन में मिडिल स्कूल संचालित हो रहा है, वहाँ के कमरों की खिड़कियाँ व दरवाजे टूट फूट गये हैं। जो लगे हैं, वे एक या दो कब्जे के सहारे लटक रहे अथवा खड़े दिखाई दे रहे हैं।

- दुर्घटना को आमंत्रित करते खिड़की-दरवाजे, पेड़ ...
यहाँ जिस तरह से खिड़की एवम् दरवाजों की हालत है उसे देखकर लगता है कि यदि अचानक गिर जाये, तो छात्रों को चोट पहुँच सकतीं है। पालकों एवम् छात्रों ने बताया कि वर्तमान में टूटी खिड़कियों से कमरों में पानी की बौछारें आने से टूटाफूटा फर्श भी गीला हो जाता है। साथ छतों का पानी सीलिंग से टपकने लगता है। बरामदे के चैनल गेट के घिसा चुके चक्रियों के कारण बमुश्किल खींचकर बंद किया जाता है। स्कूल की बाउंड्री पर हादसों के इंतजार में खड़े पेड़ों की जड़ें उखड़ चुकीं है। 

- बैटरी-इन्वरटर हुआ चोरी नहीं लगा सुराग, आरटीई के नियमों को ताक पर रखने में है महारत हासिल...
ग्रामवासियों का कहना है कि यहाँ प्रबंधन की लापरवाही से करीब 25 हजार मूल्य की इनवर्टर बैटरी चोरी हो चुकी है जिसका आज तक कोई सुराग नहीं लगा। वहीं आरटीई के नियमों-कायदों को ताकपर रखने में माहिर व्यक्तिगत लाभकारी धंधों में रमें हर महीने मोटी तनख्वाह पाने वाले बेहद लापरवाह शिक्षकों के कार्यालयीन बाबू गिरी में लगे शिक्षकों के कारण ही सरकारी स्कूलों की दशा और दिशा बदलने के बजाय बदतर होती जा रहीं है, और मजबूरीवश सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले गरीब नौनिहालों के भविष्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है। 

ग्रामीण-पालकों ने की कलेक्टर एवम् जिला शिक्षा अधिकारी से सीधे हस्तक्षेप की मांग ...
ग्रामीणों एवम्  पालकों ने इस पूरे मामले में जिलाधीश एवम् जिला शिक्षा अधिकारी से सीधे हस्तक्षेप की मांग की है। उनका कहना है कि जिला मुख्यालय से लगे इन स्कूलों में जिस तरह की भर्राशाही व्याप्त है, तो आप अंदाजा लगा सकते हैं कि दूर दराज़ के ग्रामों के हालात कैसे होंगे? शासन-प्रशासन के लिये भी यह बेहद चिंतनीय विषय है।

- जिम्मेदार जनप्रतिनिधि सहित विभाग अविलम्ब उठाये उचित कदम...
पालकों एवम् ग्रामवासियों ने शासन-प्रशासन के साथ ही जागरूक जनप्रतिनिधि, विभागीय अधिकारियों से त्वरित कार्यवाही करते हुए मांग की है कि उनके बच्चों के भविष्य निर्माण में लगे हुए लापरवाह शिक्षकों एवम् जिम्मेदारों की सतत् और सघन मानिटरिंग पर ध्यान दें ताकि उनके गरीब परिवारों के नौनिहालों के भविष्य से खिलवाड़ न हो सकें।
नवल-वर्मा-हेडलाईन-बैतूल  28 सितम्बर 2022