(बैतूल) सीईओ अभिलाष मिश्रा को पता ही नहीं कि भीमपुर के पंचायत इंस्पेक्टर को सजा हो गई और इसलिए अभी तक उसे निलंबित ही नहीं किया , - क्या खाक तेज तर्रार हैं साहब..!
बैतूल(हेडलाईन)/नवल-वर्मा । जनपद भीमपुर में पदस्थ पंचायत समन्वयक एवम् पंचायत इंस्पेक्टर के अतिरिक्त चार्ज वाले विरेन्द्र मानकर को धोखाधड़ी के मामले में न्यायालय ने सजा सुना दी। फैसले के बाद वीरेन्द्र मानकर का जेल वारंट भी कट गया, लेकिन इसके बाद भी उनको शासकीय दायित्व से मुक्त नहीं किया गया। नियम अनुसार उन्हें निलंबित कर दिया जाना था, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। पूरे मामले में घोर आश्चर्य का विषय है कि भयंकर तेज तर्रार माने जाने वाले जिला पंचायत सीईओ अभिलाष मिश्र के रहते में ऐसा हो रहा है। एक दो दिन की बात होती तो भी मान लेते कि भूल चूक हो गई होगी, लगभग 25 दिन से ज्यादा हो गए मानकर को जेल गए हुए, लेकिन अब तक उसका निलंबन ही नहीं हुआ है। अब जब तेज तर्रार साहब से पूछा गया कि उन्होंने आश्चर्य जताया और प्रशासनिक सिस्टम के अनुसार जवाब दिया कि दिखवाता हूं।
- क्या है जेल जाने का पूरा मामला...
विगत 30 अगस्त को द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश बैतूल ने 5 आरोपियों के विरूद्ध भादवि की धारा 420/511, 447 सहपठित, 120 बी, 468 सहपठित, 120 बी, 193 सहपठित 120 बी में सजा सुनाई। जिन आरोपियों को सजा सुनाई उसमें भीमपुर में पदस्थ पंचायत इंस्पेक्टर और पंचायत समन्वायक वीरेन्द्र मानकर भी शामिल हैं जिन्हें जमानत नहीं मिली और जेल भेज दिया गया।
- किस लिए भेजा गया जेल...
आरोपी वीरेन्द्र पिता भीमराव मानकर सहित अन्य पांच द्वारा भू-अर्जन के मामले में कूटरचना करते हुए जीवित व्यक्ति फतेहसिंह पिता तुकलाल के नाम से फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनाया गया। इसके लिए फतेसिंह पिता खुन्नी की जगह जनपद पंचायत शाहपुर की मृत्यु पंजी में पिता के कॉलम में जहां खुन्नी लिखा गया था उसके आगे तुकलाल अंकित कराया गया। इस तरह की धोखाधड़ी किए जाने पर मामला दर्ज हुआ था।
- नियम है फिर भी निलंबन नहीं हुआ...
वीरेन्द्र मानकर को जेल भेजे हुए 25 दिन से ज्यादा हो चुके हैं और उसका अभी तक निलंबन नहीं किया गया। जनपद पंचायत भीमपुर की सीईओ का कहना है कि उन्होंने प्रस्ताव बनाकर भेज दिया था। वहीं जिला पंचायत सीईओ का कहना है कि उन्हें पता ही नहीं है। अब ऐसे में पूरे मामले में पंचायत प्रकोष्ठ का बोझ उठा रहे प्रभारी और पंचायत समन्वयक उमेश महाले का खेल सामने आ रहा है? क्या उमेश महाले ने ही अभी तक निलंबन नहीं होने दिया क्या उसने जिला पंचायत सीईओ को भी गुमराह किया? आखिर निलंबन न होने के लिए कौन जिम्मेदार है?
- जिला पंचायत में बड़े-बड़े खेल हो जाते और हवा भी नहीं लगती...
जिला पंचायत में पंचायत सचिवों की पदस्थापना सहित बड़े-बड़े खेल होते हैं और किसी को हवा तक नहीं लगती? यहां तक की जनपद सीईओ को भी पता नहीं रहता कि चल क्या रहा है उनके बगैर प्रस्ताव के ही पंचायत सचिवों तक के तबादले तक हो जाते हैं!
नवल-वर्मा-हेडलाईन-बैतूल 08 अक्टूबर 2022