- करोड़ों की संपत्ति के इस तरह खण्डहर होने से जिले के जिम्मेदारों से आम लोगों ने कार्रवाई की उठाई माँग... 

- लगभग 15 से 20 वर्ष पहले बने गुणवत्ताहीन भवन हो रहे जर्जर...

बैतूल ( हेडलाईन )/नवल-वर्मा । जिला मुख्यालय से महज़ 8 किमी की दूरी पर स्थित शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय खंडारा के चर्चें जिले भर में मशहूर हो रहे हैं। यहाँ पर 10 से 25 वर्षों के बीच निर्मित सभी भवन गुणवत्ता हीन जीर्णोद्धार कार्य कराने के चलते खंडहरों में तब्दील होने लगे हैं। लोगों का कहना है कि कई बार इन भवनों के जीर्णोद्धार कार्यों के लिए महज़ औपचारिकता निभाते हुए भारी भरकम राशि खर्च की जा चुकी है। 

- टूटे - फूटे खिड़की-दरवाजे , चौखट फर्श खुद बयां कर रहे सच्चाई ...
- यहाँ कक्षा 9 से 12 तक के विद्यार्थी नवनिर्मित भवन में पढ़ते हैं। हायर सेकेंडरी एवं कार्यालयीन स्टाफ़ के लिए भी नये भवन में ही व्यवस्था है। परन्तु मिडिल स्कूल के विद्यार्थी व मिडिल स्टाफ़ के लिए पुराने भवनों में ही व्यवस्था है। जिन कमरों में मिडिल स्कूल में अध्ययनरत विद्यार्थी तथा स्टाफ़ बैठते हैं, उनमें अधिकांशतः खिड़कियां व दरवाजे टूटे फूटे है व एक या दो कब्जों के सहारे लटक रहें हैं। फर्शों में दरारें पड़ चुकीं है। बारिश के दौरान खिड़कियों से पानी कमरों में घुस जाता है। छतों से भी पानी टपकाने लगता है। दो कक्षाओं के छात्रों के लिए तो फर्नीचर की भी व्यवस्था नहीं है। जो फटी पुरानी चटाईयों पर ही बैठने के लिए मजबूर है। शिक्षकों का बैठक कक्ष भी सीलन युक्त है, साथ ही दीवार की जगह जगह से दरक चुकीं है। विद्यालय के चारों ओर साफ़ सफ़ाई का अभाव है। जिस कारण अनेकों मर्तबा जहरीले साँप बिच्छू निकल आते हैं। 

- शौचालय को भी तरसते विद्यार्थी ...
उचित देखरेख के अभाव में पुराने शौचालय अपनी जीर्ण शीर्ण व्यथा को स्वयंमेव ही बयां कर रहे हैं। शौचालय न तो मिडिल स्कूल के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध है और न स्टाफ़ के ही लिए। इसी तरह मध्याह्न भोजन कक्ष की भी समुचित व्यवस्था नहीं होने के कारण मजबूरी वश स्कूल के पुराने जीर्ण शीर्ण कक्ष में संचालित किया जा रहा है।  

- कागज़ में रखरखाव के नाम पर किये लाखों खर्च ...
विद्यालय प्रमुख द्वारा शासन के से विद्यालय रखरखाव के लिए प्रति वर्ष प्राप्त हो रहे फण्ड की राशि का समुचित उपयोग किया जाकर गुणवत्तायुक्त जीर्णोद्धार कार्यों को अंजाम दिया गया होता, तो आज करोड़ों की लागत से निर्मित ये भवन इस तरह जर्जर और दयनीय स्थिति में तब्दील नहीं हुये होते। इसी कारण अमानत में खयानत से अच्छे खासे नाराज़  ग्रामवासी एवं जनप्रतिनिधि जीर्णोद्धार सहित अन्य कार्यों में फर्ज़ीवाड़ा के चलते पिछले वर्ष एक जिम्मेदार शिक्षक का प्रशासनिक स्थानांतरण भी करवा चुके हैं । कागजों में किये गये जीर्णोद्धार करने वाले जिम्मेदारों के विरूद्ध जाँच-पड़ताल कर कार्रवाई करने की मांग की है।

- भैसदेही का भवन बना कांजीहाऊस ..!
इसी तरह खण्डारा जन शिक्षा केन्द्र अंतर्गत स्थित शासकीय प्राथमिक शाला भैसदेही के भवन भी दुर्दशा किसी कांजी हाउस से कम नहीं है। जिला प्रशासन से करोड़ों की सम्पत्ति की इस दुर्दशा के लिए जिम्मेदारों पर विभागीय सख़्त कार्रवाई की नितान्त आवश्यकता है।
नवल-वर्मा-हेडलाईन-बैतूल  10 अक्टूबर 2022