(बैतूल) रेत संकट के मामले को लेकर प्रशासन को जल्द खोजना होगा विकल्प , - रेत न मिलने से पीएम आवास बना नहीं पा रहे और सीएमओ आवास निरस्त करने की दे रहे चेतावनी..!
बैतूल(हेडलाईन)/नवल-वर्मा । रेत के संकट के मामले को डायवर्ट करने का प्रयास करने वालों को प्रधानमंत्री आवास योजना के हितग्राहियों से जरूर मिलना चाहिए। जिससे कि उन्हें पता चल सके कि रेत न मिलने के कारण उनके आवास बनना शुरू नहीं हो पा रहे बल्कि नगरपालिका भी मजबूरी में ही सही, लेकिन उन्हें आवास निरस्त करने की खुली चेतावनी दे रही है। बैतूल नगरपालिका क्षेत्र में लगभग 70 हितग्राहियों को अभी हाल में नगरपालिका ने नोटिस जारी किया और 15 दिन की मोहलत देते हुए कहा कि काम शुरू नहीं होने पर आपका प्रकरण निरस्त कर दिया जाएगा।
इधर हितग्राहियों का कहना है कि यदि रेत की उपलब्धता सुनिश्चित कर दी जाए तो वे काम शुरू कर सकते हैं। ग्रामीण क्षेत्र में तो आपदा रिकार्ड में पंचायतों को रेत की उपलब्धता का तरीका बता दिया गया है, लेकिन शहरी क्षेत्र में यह भी नहीं हो पा रहा है। जिसका नतीजा यह कि पूरी योजना को पलीता लग रहा है किसी के हाथ में कोई विकल्प नहीं है और यह स्थिति कब तक रहेगी यह किसी को नहीं पता।
- मार्च की डीपीआर वाले 234 में से अधिकांश का काम ही शुरू नहीं...
बैतूल नगरपालिका क्षेत्र में मार्च में जिस डीपीआर में 234 आवास को स्वीकृति मिली थी। उनमें से अधिकांश का काम ही शुरू नहीं हो पाया। वजह यह है कि रेत बहुत महंगी मिलती है और दूसरा कारण यह है कि पिछले पांच महीने से तो रेत खदानें बंद पड़ी है। वैध रूप से कहीं से भी रेत मिल ही नहीं पा रही इसलिए काम शुरू नहीं हो रहा है।
- करीब 70 हितग्राहियों को 15 दिन का दिया गया नपा ने अल्टीमेटम...
बैतूल नगरपालिका ने करीब 70 हितग्राहियों को पीएम आवास का काम शुरू न करने पर 15 दिन का अल्टीमेटम दिया है। जिसमें स्पष्ट रूप से सीएमओ ने लिखा है कि यदि वे 15 दिन में काम शुरू नहीं करते है तो जो उन्हें एक लाख रूपये की पहली किश्त दी है वह वापस लेने की कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी और आवास के प्रकरण को निरस्त कर दिया जाएगा।
- 132 आवास लेंटर हाईट पर आकर बनना बंद हो गए क्योंकि रेत ही नहीं मिल रही...
इधर बैतूल नगरपालिका क्षेत्र में 132 आवास ऐसे हैं जो लेंटर हाईट पर आ गए है, लेकिन उनका काम आगे नहीं बढ़ पा रहा। वजह एक ही है कि रेत नहीं मिल रही। पहले जो रेत 2 हजार रूपये ट्राली में मिलती फिर 4 हजार में मिलने लगी वहीं रेत अब 8 हजार रूपये ट्राली में मिल रही है। ऐसे में लोगों की रेत खरीदने के नाम पर सांस फूलने लगी है।
- इनका कहना...
- रेत को लेकर समस्या है, लेकिन लोगों के पास जो राशि है यदि उन्होंने काम शुरू नहीं किया तो वह कही और खर्च कर देंगे। इसलिए उनसे काम जल्द शुरू कराना है। कलेक्टर महोदय को भी इस संबंध में अवगत करा दिया है। पूर्व समीक्षा बैठक में भी मामले पर चर्चा हुई थी।
- अक्षत बुंदेला, सीएमओ, नपा, बैतूल।
- आंदोलन करने के पीछे हमारा मकसद यही था कि लोगों को हो रही तकलीफ और उसके दुष्प्रभाव से प्रशासन को अवगत कराए। कोर्ट में जो मामला है वह टेंडर का है खनन का नहीं। प्रशासन चाहे तो विकल्प निकाल सकता है। मगर राजनैतिक दबाव में कर नहीं रहे।
-हेमंत वागद्रे, कार्यवाहक अध्यक्ष, कांग्रेस।
नवल-वर्मा-हेडलाईन-बैतूल 15 अक्टूबर 2022