बैतूल(हेडलाईन)/नवल-वर्मा । रेत जिले में बड़ा मुद्दा बन चुका है। लोगों को भ्रमित करने के लिए प्रशासनिक तौर पर अलग ही तरीके भी अपनाएं जा रहे हैं, लेकिन बड़ा सवाल यह है कि लीगल खदानें क्यों नहीं खुल रही। जो नियम कायदे के जानकार है उनका स्पष्ट रूप से कहना है कि प्रशासन यदि चाहे तो हाईकोर्ट के आदेश के इंतजार के पहले ही खदान खोल सकता है। वजह यह है कि कोर्ट में जो मामला लंबित है वह टेंडर  प्रक्रिया से संबंधित है न कि खनन से। इसलिए खदानों का संचालन तब तक किया जा सकता है कि जब तक कोर्ट का कोई फैसला नहीं आ जाता, लेकिन अज्ञात कारणों से प्रशासन किसी दबाव में ऐसा कदम नहीं उठा पा रहा है। खदानें न खुलने से अर्थव्यवस्था चौपट हो रही है। निर्माण कार्य लंबित हो रहे हैं। जिससे निर्माण कार्य की लागत भी बढ़ रही है। सबकुछ जानते समझते हुए प्रशासन का रवैया सवाल खड़े करता है।

- लीगल तौर पर रेत खरीदी करने कलेक्ट्रेट जाएंगे कांग्रेसी...
कांग्रेस फिर रेत केें मुददे को लेकर मुखर हो रही है। शुक्रवार को कांग्रेसी रेत खरीदने कलेक्टर के पास जाएंगे और कहेगें कि आप यही रायल्टी काटे हम लीगल तरीके से रेत खरीदने को तैयार हैं। कांग्रेस के कार्यवाहक अध्यक्ष हेमंत वागद्रे ने बताया कि पूर्व में भी कांग्रेस ने प्रशासन को चेताया था कि रेत की उपलब्धता जल्द सुनिश्चित करने के लिए ठोस कदम उठाये, लेकिन देखने में आ रहा है कि प्रशासन सत्ता पक्ष के दबाव में कोई कदम नहीं उठा रहा है। वहीं नगर पालिका बैतूल तो पीएम आवास में काम शुरू न करने पर आवास निरस्त करने की धमकी दे रही है, जबकि रेत न मिलने से ही लोग काम शुरू नहीं कर पा रहे हैं। उनका कहना है कि बाजार की हालत जो हो चुकी है उसका नमुना पुष्य नक्षत्र पर देखा गया। उनका कहना है कि रेत खदाने कोर्ट कचहरी में उलझने का बड़ा कारण खनिज विभाग है, जिसने ठेकेदार को कोर्ट जाने की सहुलियत उपलब्ध कराई। उनका कहना है कि खनिज अधिकारियों की गलती के कारण शासन को जो नुकसान हो रहा है उसकी रिकवरी खनिज अधिकारी एवं ठेकेदार से व्यक्तिगत की जानी चाहिए। श्री वागद्रे ने कांग्रेसियों एवं आम जनता से 21 अक्टूबर शुक्रवार को अम्बेडकर चौक पर प्रात: 11.30 बजे एकत्र होने की अपील की है, जिससे कि प्रशासन के पास रेत खरीदी करने पहुंचा जा सके।

- खनिज अधिकारी और निरीक्षक की वर्किंग हमेशा संदेहास्पद ...            
बैतूल में जो खनिज अधिकारी और खनिज निरीक्षक है इनकी वर्किंग को लेकर हमेशा आरोप प्रत्यारोप लगते हैं। उनके कार्यकाल में जिस तरह से अवैध खनन को बढ़ावा मिला और कार्रवाईयां नहीं हुई। वह अपने आप में बड़ा सवाल है। रेत खनन के मामले में भी इन पर खुला आरोप है कि इनके सपोर्ट की वजह से ही ठेेकेदार को न्यायालय जाने का पूरा मौका मिला।
नवल-वर्मा-हेडलाईन-बैतूल  , 21 अक्टूबर 2022