(बैतूल) कायदे से एसपी और एएसपी ही चैक नहीं करते है रात की गश्त..?, इसलिए तो चोर मचाते हैं खूब शोर..!
- बैतूल वालों... जागते रहो...
- मोती वार्ड में महिलाओं की मोहल्ला गश्त की असली वजह की पड़ताल
बैतूल(हेडलाईन )/नवल-वर्मा । मोती वार्ड में महिलाओं की गश्त सामान्य घटना नहीं है। यदि इसके पीछे का सच जानने की कोशिश करें तो वजह यह है कि लोगों का पुलिस और उसके पुलिसिंग के सिस्टम से भरोसा उठ रहा है। मोहल्ला गश्त पुलिस के गश्त सिस्टम पर बड़ा सवाल है? पुलिस के आला अधिकारी इस बात को लेकर कोई ऐसा प्रयास नहीं करते हैं जिससे कि गश्त सिस्टम में सुधार हो और सही तरीके से पुलिसकर्मी गश्त करें ?कायदे से तो पुलिस अधीक्षक और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक दोनों को सप्ताह में कम से कम एक दिन गश्त का निरीक्षण करना चाहिए, लेकिन ऐसा बैतूल में हो नहीं रहा है! औचक तरीके से तो एसपी और एएसपी के अलावा आईजी और डीआईजी को भी गश्त निरीक्षण करने आना चाहिए पर इस स्तर से भी यह सब नहीं हो रहा है? गश्त के नाम पर केवल खानापूर्ति होती है और नतीजा सामने है कि चोर शोर मचा रहे है।

- बाबा आदम के जमाने के हिसाब से ही गश्त पाईंट चल रहे...
 बैतूल शहर में ही जो गश्त पाईंट है इनकी कब से समीक्षा नहीं हुई इसकी जानकारी कभी सामने नहीं आई है। वैसे जो लंबे समय से पुलिसकर्मी बैतूल में तैनात है उनका कहना है कि वर्षो से एक ही जैसे पाईंट पर गश्त चल रही है, जबकि शहर की सूरत, सिरत और फैलाव सब बदल चुका है, लेकिन गश्त पाइण्ट को लेकर कोई बदलाव नहीं हुआ!
नवल-वर्मा-हेडलाईन-बैतूल  28 अक्टूबर 2022