(बैतूल) अवैध राख स्नोस्फिलिया परिवहन मामले में निष्पक्ष जाँच से खुलेगी मिलीभगत कर हेराफेरी करने वालों की पोल  , 

- पुलिस ने किया प्रकरण दर्ज कर की जाँच जारी ,

मामला - सारणी से अवैध रूप से स्नोस्फिलिया राख ले जा रहा ट्रक पुलिस ने किया जप्त 

 आमला (हेडलाईन)/नवल-वर्मा  ।  सत्तापक्ष के नेताओ के भारी दबाब के बाद भी पुलिस ने मीडिया की सीधी  दखलन्दाजी के बाद आखिरकार ट्रक चालक के खिलाफ आईपीसी की धारा 102 के तहत प्रकरण दर्ज कर लिया, वहीं वाहन मालिक को भी पूछताछ और जाँच के लिए तलब किया है। गौरतलब है कि  2 नवम्बर की सुबह तड़के 4 बजे बोड़खी चौकी पुलिस ने पंखा नेशनल हाइवे के पास एक आइसर कंपनी के ट्रक को पकड़ा। जिसके बाद चालक और हेल्पर से राख परिवहन एवम् वाहन से सम्बन्धित कागजात पूछे। कागजात नहीं होने पर पुलिस द्वारा ट्रक को जप्त कर बोड़खी चौकी में जाँच हेतु खड़ा करवा दिया था। लेकिन सत्तापक्ष के सारणी सहित बैतूल के बडे़ नेता पुलिस को वाहन छोड़ने के लिए भरसक दबाब बना रहे थे ।लेकिन स्थानीय मीडिया के सीधे दख़ल के बाद पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है ।


चौकी प्रभारी पुरषोत्तम गौर ने बताया कि सारणी से राख भरकर परिवहन करते सुबह 04 बजे के लगभग पंखा पर ट्रक क्रमांक एम एच 40 सीडी 8768 को जप्त कर चौकी में खड़ा करवाया था । ट्रक में स्नोस्फिलिया है या स्नोफेयर राख इसके लिए विद्युत मंडल सारणी के अधिकारियों को जाँच हेतु संपर्क किया गया । ट्रक से राख भरकर सारणी से महाराष्ट्र ले जाया जा रहा था इसकी भी पूछताछ हेल्पर, ड्राइवर से की गई। लेकिन  दोनों ने सही जवाब नहीं दिये एवम् आवश्यक दस्तावेज नहीं दिखाए । जिसके बाद वाहन चालक सौरभ साहू निवासी पाथाखेड़ा सारणी के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया गया है।

- फ्लाईएश के नाम पर स्नोस्फिलिया राख हो रही थी परिवहन ..


गौरतलब है कि आमतौर पर सारणी से ईंट निर्माण हेतु फ्लाईएश राख ईट प्लांट पर लाई जाती है लेकिंन ट्रक में फ्लाईएश स्नोफेयर राख की जगह स्नोस्फिलिया राख अवैध तरीके से परिवहन का कार्य किया जा रहा था। बताया गया कि उक्त राख फ्लाईएश से हजार गुणा महंगी है । वहीं इस तरह चोरी व परिवहन जाँच का विषय है । उक्ताशय में विधुत मंडल सारणी के सिविल अधीक्षक शेलेन्द्र वागद्रे ने बताया यह 2018 के टेंडर की पुरानी स्टाक से चोरी का मामला हो सकता है वहीं उनका कहना है कि डेम से ग्रामीण भी इस राख को उठाते हैं हो सकता है उनके द्वारा इस तरह अवैध परिवहन करवाया गया हो। उन्होंने बताया कि हमारे यहां 2018 से टेंडर बंद है पूर्व में 11 इकाई संचालित थी अब महज 2 इकाई चल रही हैं तो इतनी मात्रा में राख उपलब्ध नहीं हो सकती है वहीं जब राख का टेंडर रहा हो उस समय के पुराने स्टाक की हो सकती है।
अब अगर पुलिस स्नोस्फीयर या स्नोस्फिलिया की जांच के लिए सेम्पल भेजे भी तो हमारे यहां कोई लेबोरेटरी तो है नहीं जो हम इसकी जाँच करेंगें । 
यहाँ जिम्मेदार अधिकारी के इस तरह से सफाई देकर पूरे प्रकरण से पल्ला झाड़ने का मतलब साफ प्रतीत हो रहा है कि कहीं ना कहीं मामले को दबाकर जिम्मेदार भी अपने आकाओं को यह बताने में गुरेज नहीं कर रहे कि वे उनके इस काले काम में बराबर के भागीदार हैं ।
खैर जो भी हो इस मामले की तह तक पुलिस जरूर पहुँचने में कामयाब होगी ऐसा प्रबुद्धजन का मानना है।
( - आमला से रोहित दुबे की रिपोर्ट )
नवल-वर्मा-ईएमएस-बैतूल 02 नवम्बर 2022 , ई-पेपर www.rashtriyadivyaduniya,com