(बैतूल) आखिर विज्ञान द्वारा दिया गया समय ही हुआ सत्य साबित : सारिका घारू, - ग्रहण के वैज्ञानिक तथ्यों पर नहीं लगा ग्रहण : सारिका घारू
- ग्रहण का वैज्ञानिक ज्ञान दिया सारिका घारू ने,
- ग्रहण के बाद खगोलविद्यादान किया सारिका घारू ने,
- सारिका घारू ने टेलिस्कोप की मदद से आंशिक एवं उपछाया ग्रहण को दिखाया,
बैतूल (हेडलाईन)/नवल-वर्मा । मंगलवार शाम को पूर्णिमा का चंद्रमा मध्यप्रदेश में आंशिक एवं उपछाया ग्रहण के साथ उदित हुआ। ग्रहण के विभिन्न प्रकारों को दिखाने एवं इसके वैज्ञानिक तथ्य बताने नेशनल अवार्ड प्राप्त विज्ञान प्रसाकर सारिका घारू ने टेलिस्कोप की मदद से चंद्रमा पर पड़ रही पृथ्वी की छाया को दिखाया।
सारिका ने बताया कि नर्मदापुरम में पूर्वी आकाश में 5 बजकर 37 मिनिट पर जब चन्द्रमा क्षितिज से मात्र 0.2 डिग्री उपर था तब वह अधिकतम आंशिक ग्रहण की स्थिति में था। इसके बाद उपर उठते हुये 6 बजकर 19 मिनिट पर जब 8.7 डिग्री उंचाई पर पहुंचा तो यह आंशिक ग्रहण समाप्त होकर उपछाया ग्रहण आरंभ हो गया। यह उपछाया ग्रहण भी 7 बजकर 26 मिनिट पर समाप्त हो गया जबकि चंद्रमा आकाश में 23.4 डिग्री की उंचाई प्राप्त कर चुका था। अधिकतम ग्रहण की स्थिति में चंद्रमा की पृथ्वी से दूरी लगभग 3 लाख 90 हजार किमी थी। इस तरह 1 घंटे 51 मिनिट की अवधि तक चंद्रमा ग्रहण के साये में रहा।
सारिका ने बताया कि अब 2023 में कुल चार ग्रहण होंगे जिनमें से दो सूर्य और 2 चंद्र ग्रहण होंगे।
20 अप्रैल 2023
पूर्ण सूर्यग्रहण मध्यप्रदेश में नहीं दिखेगा।
5 मई 2023 उपछाया चंद्रग्रहण मध्यप्रदेश में दिखेगा।
14 अक्टूबर 2023 वलयाकार सूर्यग्रहण मध्यप्रदेश में नहीं दिखेगा।
28 अक्टूबर 2023 आंशिक चंद्रग्रहण मध्य प्रदेश में दिखेगा।
नवल-वर्मा-हेडलाईन-बैतूल 08 नवम्बर 2022