(बैतूल) बैतूल के वैष्णवी हॉस्पिटल का लाईसेंस निरस्त इधर मुलताई का अनमोल हॉस्पिटल भी जांच के लपेटे में , - मामला आयुष्मान योजना में गड़बड़झाले का
बैतूल ( हेडलाईन )/नवल-वर्मा । बैतूल जिले में जिन अस्पतालों में आयुष्मान योजना का संचालन होता है उन पर सवाल उठते और आरोप लगते हैं, लेकिन पहली बार आयुष्मान योजना में फर्जीवाड़े को लेकर वैष्णवी हॉस्टिपटल पर कार्रवाई हुई है और उसका लाईसेंस निरस्त कर दिया गया है। बताया गया कि अभी इसी तरह आयुष्मान योजना में फर्जीवाड़े को लेकर मुलताई के अनमोल हॉस्पिटल की जांच चल रही है और आने वाले दिनों में उस पर भी इसी तरह की कार्रवाई हो सकती है। सीएमएचओ डॉ ए के तिवारी का कहना है कि जिस मामले में शिकायत आती है उसमें जांच कर कार्रवाई की जाती है। उन्होंने बताया कि आयुष्मान योजना में अस्पतालों को लेकर भोपाल से एक टीम आती है। अभी दो-तीन माह पहले ही टीम विजिट करके बैतूल से गई है। अब सवाल यह है कि दो-तीन माह पूर्व विजिट करके गई थी तो उसे यह वैष्णवी वाला फर्जीवाड़ा बिना शिकायत के क्यों नहीं पकड़ाया?
बैतूल आयुष्मान भारत योजना में अनियमितता किए जाने के मामले में शहर के वैष्णवी हॉस्पिटल का लायसेंस निरस्त कर दिया गया है। बड़ी खामी सामने आने पर कलेक्टर अमनबीर सिंह बैंस के निर्देश पर सीएमएचओ ए के तिवारी ने कार्यवाही की है। सीएमएचओ श्री तिवारी ने बताया कि वैष्णवी हॉस्पिटल में आयुष्मान भारत योजना के तहत अनियमितता किए जाने की शिकायत मिली थी। शिकायत के आधार पर टीम ने मौके पर पहुंचकर 19 अक्टूबर को निरीक्षण किया था। जांच के दौरान प्रथम दृष्टया शिकायत सही पाई गई और अनियमितता मामले की जांच शुरू की। जब जांच पूरी हुई तो अस्पताल द्वारा आयुष्मान योजना में अनियमितता किए जाने की बात सामने आई।
सीएमएचओ श्री तिवारी ने बताया कि अस्पताल द्वारा आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत 19 मरीजों को भर्ती दिखाया था जबकि मौके पर जाकर निरीक्षण किया तो अस्पताल में केवल 7 मरीज भर्ती मिले। जिसमें 4 मरीज आईसीयू में और 3 मरीज जनरल वार्ड में भर्ती थे। अस्पताल प्रबंधन द्वारा कई डॉक्टरों द्वारा उपचार करने की बात कही जा रही थी। जबकि यह बात भी गलत साबित हुई। जिन डॉक्टरों के नाम उपचार करवाने के लिए लिखे गए थे वे डॉक्टर अस्पताल में मिले ही नहीं। अस्पताल प्रबंधन द्वारा आयुष्मान योजना के तहत गलत जानकारी देते हुए फर्जीवाड़ा किया जा रहा था। आयुष्मान योजना में गड़बड़ी पाए जाने पर अस्पताल के खिलाफ कार्यवाही करते हुए लायसेंस निरस्त कर दिया है।
- आयुष्मान में भी बड़ा खेल...मरीज से भी पैसे लो और सरकार से भी ...
आयुष्मान योजना और प्रायवेट हॉस्पिटल के खेल को जानने वाले चिकित्सा जगत के एक जानकार ने बताया कि इसमें सबसे बड़ा खेल यह है कि जांच आदि के नाम पर मरीज से अच्छा खासा पैसा वसूल कर लिया जाता है और इसके बाद आयुष्मान योजना से भी पैसा ले लिया जाता है। यह खेल इतना बढिय़ा है कि बिना सीएमएचओ कार्यालय की जांच के भोपाल की कोई टीम नहीं पकड़ सकती। कायदे से तो रेंडम जांच होना चाहिए वह भी नहीं होती है।
नवल-वर्मा-हेडलाईन-बैतूल 10 नवम्बर 2022