बैतूल(हेडलाईन)/नवल-वर्मा । प्रस्तावित नवीन जिला जेल के लिए तीसरी बार जमीन आवंटन की प्रक्रिया हो रही है और इसमें भी नया बखेड़ा खड़ा हो गया है। जिस जमीन का आवंटन किया जा रहा है उसको लेकर कढ़ाई के ग्रामीणों ने सोमवार को जिला प्रशासन को एक ज्ञापन दिया है और कहा है कि उक्त जमीन पर वे वर्षों से काबिज हैं और शासन की नीति के अनुसार उन्हें पट्टा दिया जाना चाहिए न कि उन्हें उजाड़ा जाना चाहिए। ग्रामीणों ने कांग्रेस नेता अरूण गोठी के नेतृत्व में ज्ञापन देते हुए चेतावनी दी है कि यदि उनकी बात नहीं सुनी गई तो वे चक्काजाम करने सहित कोर्ट जाने में भी नहीं हिचकेंगे।  गौरतलब रहे कि सर्वप्रथम जो जमीन चयनित की गई थी उसमें छोटे-बड़े झाड़ जंगल मद का विवाद आया था । दूसरी बार जमीन चयनित की गई तो उसमें कृषि कॉलेज के लिए जमीन आरक्षित किया जाना सामने आया था। जिसकी वजह से तीसरी बार यह जमीन चयनित कर आवंटित की जा रही है। 

- वर्षों से है काबिज, चला रहे आजीविका ...
आपत्ति की वजह यह है कि उक्त खसरे और रकबे में अनेक आदिवासी, दलित परिवार काबिज है। वर्षों से उक्त जमीन उनकी आजीविका का साधन है। शासन की भू-अधिकार नीति के तहत ग्रामीणों को पट्टे मिलना चाहिए पर ऐसा न कर उन्हें उलझाने का काम किया जा रहा है, यह शासन की नीति के खिलाफ है। ग्रामीणों ने मांग की है कि नवीन जेल कढ़ाई की जगह किसी अन्यत्र पंचायत में बनाई जाए। जेल बनने से क्षेत्र का माहौल खराब होगा। इतना बड़ा रकबा जेल को जाने से ग्राम का विकास भी रुकेगा। 

- क्रय प्रक्रिया में नहीं हुआ नियमों का पालन...                                      
ग्रामीणों का कहना है कि वर्तमान जेल की जमीन औने पौने दाम में ठिकाने लगा कर जेल हमारे ऊपर थोपी जा रही है। यह घोर आपत्तिजनक है और हम इसका हर स्तर विरोध करते हैं। यदि हमारी मांग नहीं सुनी गई तो हम हाईवे पर चक्का जाम करेंगे और न्यायालय की भी शरण लेंगे। इसकी नैतिक जिम्मेदारी प्रशासन की होगी। 
जिला जेल और पुराने कलेक्ट्रेट की जमीन बेचा जाना ही नियम विरुद्ध है, इन जमीनों की क्रय प्रक्रिया में भी नियमों का पालन नहीं किया गया और पारदर्शिता का अभाव है। भविष्य में यह विक्रय और क्रय का मामला भी न्यायलय जायेगा। ग्रामीणों के जीवन यापन वाली जमीन जेल के लिए दिया जाना अन्याय पूर्ण है। ग्रामीणों ने आवंटन निरस्त करने के साथ ही काबिजों को पट्टे भी दिए जाने, जिला जेल और पुराने कलेक्ट्रेट की जमीन बेचने की प्रक्रिया और सौदे को भी रद्द करने की मांग की है। उनका कहना है कि मामले में न कोई जन सुनवाई हुई और न ही जन प्रतिनिधियों को भरोसे में लिया गया। जो कुछ हो रहा यह सब जन भावना के खिलाफ है।
वहीं ग्रामीणों ने कांग्रेस नेता अरूण गोठी के नेतृत्व में जो ज्ञापन दिया है उसमें आवंटित जमीन पर खुली आपत्ति दी है और आपत्ति की वजह बताते हुए स्पष्ट शब्दों में चेतावनी दी है। ग्रामीणों का कहना है कि यह अन्यायपूर्ण है और वे इसका हर स्तर पर विरोध करेंगे।
नवल-वर्मा-हेडलाईन-बैतूल 14 नवम्बर 2022