आमला(हेडलाईन)/नवल-वर्मा । नेशनल हाइवे पंखा पर अवैध उत्खनन का मामला प्रकाश में आया है। जहाँ खनिज विभाग के अधिकारियों द्वारा मौके पर पहुंचकर मुरुम का अवैध उत्खनन कर रही पोकलेण्ड मशीन और एक डंफर को जप्त किया गया है। 
पंखा से मुलताई हाइवे किनारे नागदेव मन्दिर के जलाशय के पीछे पिछले कई दिनों से पोकलेण्ड मशीन से मुरुम का उत्खनन कर मुरुम का बेरोकटोक परिवहन किया जा रहा था । आज ग्रामीणों की शिकायत के बाद मंगलवार दोपहर 3 बजे खनिज अधिकारियों की टीम जाँच करने मौके पर पहुंची जहा पर मुरुम खुदाई करते हुए सड़क ठेकेदार की 1 पोकलेण्ड मशीन और डंफर पाया गया। जिसके बाद खनिज निरीक्षक भगवत नागवंशी द्वारा तालाब में खुदाई व परिवहन की अनुमति पूछने पर चालकों द्वारा कोई दस्तावेज नहीं दिखाए गए । जिसके बाद डंफर व पोकलेण्ड की जप्ती के साथ 297 घनमीटर मुरुम उत्खनन एवम् परिवहन का मामला बनाया गया।

- ससुन्द्रा से बेलमण्डई सडक निर्माण में उपयोग हो रही थी मुरुम ...
गौरतलब है कि रोजाना आधा दर्जन से अधिक डंफरो के माध्यम से मुरुम खुदाई कर ससुन्द्रा से बेलमण्डई तक निर्माण होने वाली सड़क के लिए इस मुरुम का परिवहन किया जा रहा था । खनिज अधिकारियों ने उत्खनन स्थल और निर्माण स्थल की खनिज सामग्री का मिलान भी किया है। वहीं मौक़े पर ठेकेदार के लोगो से भी पूछताछ की गई । 

- पंचायत की मिलीभगत से चल रहा था अवैध उत्खनन ...
उल्लेखनीय है कि सड़क निर्माण अम्बाडा ग्राम पंचायत के ग्राम बेलमण्डई से ससुन्द्रा तक किया जा रहा था। जिसमें ठेकेदार को ग्राम पंचायत द्वारा अनुमति दिए जाने की बात सामने आ रही है। पंचायत सचिव रूसिलाल यादव की भूमिका उत्खनन के मामले में संदिग्ध है? क्योंकि जब सवाल पूछे जाने लगे तो सचिव द्वारा तालाब गहरीकरण पंचायत के द्वारा करवाए जाने की बात बताकर लोगों को गुमराह किया गया । जबकि पंचायत द्वारा तालाब का गहरीकरण किया जाता तो पंचायत से मजदूरों के द्वारा करवाया जाता और मनरेगा अंतर्गत मजदूरों को रोजगार भी प्राप्त होता ? वैसे ही बारिश के मौसम गए हुए अभी कुछ ही दिन हुए ऐसे में तालाब गहरीकरण वह भी पोकलेण्ड मशीन व आधा दर्जन डंफरो के उपयोग से यह समझ से परे है? वहीं  खनिज निरीक्षक ने बताया ग्राम बेलमण्डई में भी अवैध खुदाई होते पाया गया है। इससे स्पस्ट होता है की ग्राम पंचायत की मिलीभगत से सड़क ठेकेदार को लाभ दिया जा रहा था।

- इस अवैध उत्खनन से मंदिर के तालाब को भी हो सकता है नुकसान ...
जिस जगह पोकलेण्ड मशीन  से यह अवैध उत्खनन किया गया है उसके सामने वर्षों पुराना नागदेव मन्दिर का तालाब है जहाँ हर कार्तिक मास व अन्य पर्वों पर मेला लगता है। इस उत्खनन से तालाब में वर्षाकाल का संग्रहित जल सीपेज हो सकता है। जिससे तालाब में रुका हुआ संचित जल नीचे  उत्खनन होने से सीपेज हो सकता है।
नवल-वर्मा-हेडलाईन-बैतूल  23 नवम्बर 2022