(लखनऊ) जीविका जीवन के लिए होती है, जीवन केवल जीविका के लिए नहीं होता : रविराज सिंह, - विकल्प संकल्प की हत्या कर देता है, विद्यार्थियों तुम्हारा निर्णय संशय विहीन हो
- राजधानी के विद्यालयों में भाग्योदय फाउंडेशन की उद्बोधश्रृंखला जारी,
- एसआर इंस्टीट्यूट, दयानन्द कॉलेज एवं रजत डिग्री कॉलेज में किया विद्यार्थियों एवं शिक्षकों का सशक्त मार्गदर्शन,
- भाग्योदय प्रमुख आचार्य राम महेश मिश्र की विशिष्ट उपस्थिति में भाग्योदय निदेशक रविराज सिंह की वक्तृत्व श्रृंखला,
- अध्यात्म व शिक्षा विभाग प्रमुख रविराज सिंह राजधानी लखनऊ के साप्ताहिक प्रवास पर
लखनऊ (हेडलाईन)/राम महेश मिश्र। भारत भाग्योदय एवं वैश्विक अभ्युदय के उच्च लक्ष्य के साथ प्रकृति एवं मानवता को समर्पित आध्यात्मिक व सामाजिक संस्था 'भाग्योदय फाउंडेशन' के तत्वावधान में राजधानी लखनऊ के किशोर व युवा नौनिहालों की मार्गदर्शन श्रृंखला सतत जारी है। भाग्योदय फाउंडेशन में अध्यात्म एवं शिक्षा प्रभाग के निदेशक एडवोकेट रविराज सिंह के द्वारा विगत 24 घंटों में 3 बड़े शिक्षा संस्थानों में भारी संख्या में विद्यार्थियों को संबोधित किया गया। भाग्योदय प्रमुख आचार्य राम महेश मिश्र की विशिष्ट उपस्थिति में बख्शी का तालाब स्थित एसआर ग्रुप आफ एजुकेशनल इंस्टीट्यूशंस के विशाल सभागार में प्रबंधन एवं इंजीनियरिंग के विद्यार्थियों से बात करते हुए भाग्योदय निदेशक ने विद्यार्थियों को जीवन विज्ञान, व्यक्तित्व विकास, चरित्र निर्माण, जीवन लक्ष्य की प्राप्ति की विधियां, अंतर्निहित शक्तियों के विकास संबंधी अध्यात्ममूलक विज्ञान इत्यादि विषयों पर युवा पीढ़ी से गहरी बातें कीं और उनका समुचित मार्गदर्शन किया। श्री सिंह ने शिक्षा, दीक्षा, विद्या और कला के मध्य का अंतर स्पष्ट करते हुए कहा कि शिक्षा व्यक्तित्व विकास का माध्यम है, विद्या जीवन में मुक्ति की भूमिका का निर्माण करती है, दीक्षा जीवन में पवित्रता और पूर्णता लाती है तथा कला व्यक्ति के जीवन में आजीविका का सृजन करती है। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि आपके जीवन का लक्ष्य और आदर्श स्पष्ट होने चाहिए।
संस्था प्रमुख एवं एमएलसी पवन कुमार सिंह चौहान की उपस्थिति में श्री सिंह ने छात्र-छात्राओं से कहा कि जीविका जीवन के लिए होती है, जीवन केवल जीविका के लिए नहीं होता। मानव जीवन के बहुत बड़े उद्देश्य एवं लक्ष्य होते हैं। आज शिक्षा का मुख्य लक्ष्य जीविका को बना देने की भारतीय अवधारणा पर प्रहार करते हुए श्री सिंह ने देश की नई पीढ़ी से अज्ञान और अकर्मण्यता को उखाड़ फेंकने का आह्वान किया। आध्यात्मिक शिक्षा को अपरिहार्य बताते हुए श्री सिंह ने अभयता को सबसे बड़ा आध्यात्मिक गुण कहा। एसआर ग्रुप के चेयरमैन श्री पवन सिंह चौहान ने भाग्योदय फाउंडेशन के छात्र हितैषी कार्यक्रमों की सराहना करते हुए श्री रविराज सिंह के तेजस्वी उद्बोधन को देश की युवा पीढ़ी के लिए हितकारी बताया।
इंदिरानगर के सेक्टर-9 स्थित दयानन्द इंटर कॉलेज परिसर में विद्यार्थियों से बात करते हुए भाग्योदय निदेशक ने कहा कि छात्र के अंदर छिपी अनंत शक्तियों को जागृत करना ही शिक्षा का उद्देश्य होता है। उन्होंने कहा कि खुद में विश्वास किए बिना जीवन में कोई प्रगति संभव नहीं होती। एकाग्रता को छात्र जीवन में बेहद जरूरी बताते हुए श्री सिंह ने कहा कि एकाग्रता और अभ्यास के बिना कोई भी विद्या प्राप्त नहीं की जा सकती। उन्होंने कुछ कहानियों के माध्यम से विद्यार्थियों को नदी के पुल के आधार स्तम्भों की तरह जीवन के झंझावातों का सामना करने की प्रेरणा विद्यार्थियों को दी। दयानंद इंटर कॉलेज के संस्थापक अध्यक्ष व प्रबंधक राम उजागर शुक्ल ने भाग्योदय फाउंडेशन की शिक्षा व विद्या विस्तार संबंधी गतिविधियों की सराहना की तथा अध्यात्म एवं शिक्षा विभाग के कार्यक्रमों से उनके विद्यालय को जोड़ने के लिए भाग्योदय फाउंडेशन के प्रति आभार जताया।
अयोध्या रोड पर कमता ग्राम स्थित रजत डिग्री कॉलेज में विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए भाग्योदय निदेशक ने कहा कि शिक्षा आर्थिक दृष्टि से आत्मनिर्भर बनाने के अलावा चरित्र निर्माण का कार्य भी करती है। चरित्र निर्माण का बीज 'विचार' को बताते हुए उन्होंने एक कहानी के माध्यम से विचारों की महिमा को रेखांकित किया। रजत कॉलेज समूह के चेयरमैन डॉ आर.जे.सिंह चौहान ने भाग्योदय प्रमुख आचार्य राम महेश मिश्र का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि कालेज समूह इस प्रकार की वक्तृता श्रंखला की व्यवस्था करेगा, जिससे विद्यार्थियों को जीवन निर्माण की विद्या के विभिन्न पक्षों से अवगत कराया जा सके।
भाग्योदय फाउंडेशन के अध्यक्ष श्री मिश्र ने अपने वक्तव्य में विचार एवं संकल्प की अपरिमित शक्ति पर प्रकाश डाला और विद्यार्थियों से अनुशासित एवं मर्यादापूर्ण जीवन के ऋषि प्रदत आध्यात्मिक सूत्रों से जुड़े रहने की अपील की। उन्होंने भाग्योदय परिवार द्वारा रचित साहित्य का भी उल्लेख किया और उच्च मूल्यों वाले आदर्श जीवन के निर्माण में उन पुस्तकों का सहयोग लेने को कहा। विभिन्न कार्यक्रमों में भाग्योदय फाउंडेशन के निदेशक (जनसंपर्क) मृगांक मोहन अग्निहोत्री विशेष रूप से उपस्थित रहे।
🖋️ अतिथि संपादक श्री राम महेश मिश्र लखनऊ हेडलाईन