(नईदिल्ली) फास्टैग भी होगा बंद, - क्या होगा नया विकल्प, - ‘ऑटोमोबाइल नंबर प्लेट’ या जीपीएस
भोपाल / नईदिल्ली (हेडलाईन )। हाइवे पर सफर करने वालों के लिए बड़ी खबर है। हाइवे पर सफर करने वालों को टोल टैक्स देना पड़ता है। जहाँ टोल वसूलने के लिए सरकार नई तकनीक लाने जा रही है। सरकार की ओर से साल 2020 में फास्टैग को शुरू किया गया था। देशभर के वाहनों में फास्टैग लगने के बाद किसी भी टोल पर टैक्स वसूलने में पहले की अपेक्षा अब बहुत कम समय लगता है। इसी क्रम में सरकार फिर से एक नई तकनीक लाने जा रही है जिसके संकेत केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी की ओर से दिए जा चुके हैं। नितिन गडकरी ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया की जल्द ही टोल टैक्स से संबधित एक विधेयक लाने का प्लान बन रहा है। गडकरी ने पिछले महीने कहा था कि सरकार अब दो विकल्पों पर विचार कर रही है। पहला उपग्रह आधारित टोल प्रणाली जहां एक कार में जीपीएस होगा और टोल सीधे यात्री के बैंक खाते से लिया जाएगा और दूसरा विकल्प नंबर प्लेट पहचान के जरिए शुल्क लेना है।
- अब और भी समय की होगी बचत...
सरकार की कोशिशों के कारण ही टोल प्लाजा पर टोल वसूलने की प्रक्रिया में बड़ा सुधार हुआ है। साल 2018 और 2019 के दौरान टोल प्लाजा पर वाहनों से टोल लेने में औसतन आठ मिनट लगते थे। देशभर के वाहनों में फास्टैग साल 2020 में फास्टैग लगने के बाद किसी भी टोल पर टैक्स वसूलने में सिर्फ 47 सेकेंड का समय लगता है।
- क्या है ये ‘ऑटोमोबाइल नंबर प्लेट’...
गडकरी ने कहा, ’हम अब ऑटोमोबाइल नंबर प्लेट तकनीक या ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रीडर कैमरा पेश करने जा रहे हैं। सरकार इस बात की तैयारी कर रही है कि हाइवे और एक्सप्रेस-वे पर टोल प्लाजा को हटाया जाए और इनकी जगह पर कैमरे लगाए जाएं। ऐसा होने के बाद टोल प्लाजा पर कैश पेमेंट करने की जरूरत ही खत्म हो जाएगी। हाइवे और एक्सप्रेस-वे पर चलने वाले वाहनों से टोल टैक्स को ऑटोमैटिक तरीके से वसूला जाएगा। सरकार की ओर से नई व्यवस्था शुरू होने के बाद कैमरे के जरिए टोल लेने पर ना तो प्लाजा पर लाइन लगेगी और ना ही टोल वसूलने में समय लगेगा। इसका फायदा ये भी होगा कि वाहन को अपनी स्पीड कम करने की या कहीं पर रूकने की जरूरत भी नहीं होगी। एक निश्चित स्पीड में वाहन के चलने पर भी कैमरे के जरिए टोल वसूला जाएगा जिससे वाहन मालिक का समय बचेगा।
- गाड़ियों में लगेंगी नई नंबर प्लेट...
इसके लिए गाड़ियों में हाई-सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट यानी HSRP लगेंगी। इस तरह के नंबर प्लेट्स से गाड़ी से जुड़ी सभी जानकारी मिल जाती है। सरकार इन विशेष नंबर प्लेट को लगाने की शुरुआत 2019 में ही कर चुकी है। सरकार ने तब सभी पैसेंजर व्हीकल को कंपनी फिटेड नंबर प्लेट्स लगाने को कहा था। सरकार की जल्द ही सभी गाड़ियों से पुराने नंबर प्लेट्स को HSPR यानी नए नंबर प्लेट्स से रिप्लेस करने की योजना है।
- दो विकल्पों पर विचार कर रही सरकार ...
इसके अलावा भी सरकार के पास हैं एक विकल्प और
गडकरी ने पिछले महीने कहा था कि सरकार अब दो विकल्पों पर विचार कर रही है। पहला उपग्रह आधारित टोल प्रणाली जहां एक कार में जीपीएस होगा और टोल सीधे यात्री के बैंक खाते से लिया जाएगा और दूसरा विकल्प नंबर प्लेट पहचान के जरिए शुल्क लेना है। उन्होंने कहा, ’हम उपग्रह का इस्तेमाल करते समय फास्टैग की जगह जीपीएस लगाने की प्रक्रिया में हैं। वहीं देश में नंबर प्लेट पर भी अच्छी तकनीक उपलब्ध है।
- फायदा : जितनी दूरी उतना ही देना होगा टेक्स...
टोल नाकों पर जल्द ही फिक्स चार्ज सिस्टम से राहत मिलने वाली है, जिससे टोल हाइवे का इस्तेमाल जल्द ही सस्ता हो जाएगा. दरअसल हाइवे पर छोटी दूरी हो या लंबी दूरी टोल नाके पर सबको बराबर रकम चुकानी पड़ती है. यानी जो लोग 10 किलोमीटर का सफर करते हैं और जो 50 किलोमीटर का सफर करते हुए, दोनों को ही बराबर रकम चुकानी पड़ती है. अभी अगर कोई व्यक्ति टोल रोड पर 10 किलोमीटर की दूरी भी तय करता है तो उसे 75 किलोमीटर का शुल्क देना पड़ता है ऐसे में कम दूरी का सफर करने वाले लोग अपने आपको ठगा हुआ महसूस करते हैं.
- विधेयक लाने की हो रही तैयारी...
केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने आगे कहा है कि कहा कि अब तक टोल नहीं देने पर सजा का प्रावधान नहीं है, लेकिन टोल के संबंध में एक विधेयक लाने की तैयारी चल रही है. अब टोल टैक्स सीधा आपके बैंक खाते से काटा जाएगा. इसके लिए कोई अलग से कार्रवाई नहीं होगी. नितिन गडकरी ने यह भी साफ किया था कि अब जल्द ही टोल टैक्स नहीं देने वालों के खिलाफ भी कानून लाने की तैयारी है. सरकार ऐसे वाहनों के लिए भी नया नियम ला सकती है, जो नंबर प्लेट से छेड़छाड़ करते हैं. इस तरह के वाहनों को तय समय के भीतर नंबर प्लेट लगाने के लिए कहा जाएगा.
नवल-वर्मा-हेडलाईन-बैतूल , ई-पेपर www.rashtriyadivyaduniya.com 26 नवम्बर 2022