बैतूलबाजार (हेडलाईन)/नवल-वर्मा । बैतूल बाजार में अखिल विश्व गायत्री परिवार के कथा व्यास से सूरत सिंह अमृते जी के द्वारा श्रीमद् प्रज्ञा पुराण की पावन कथा का श्रीगणेश हुआ । जिसमें संगीत की टीम में जय सिंह बादन में अभय सिहं एवं  गणेश चांद वंशी ने मंत्र कर्मकांड से श्रीमद् प्रज्ञा  पुराण कथा का पूजन किया। 
कथा व्यास  श्री अमृते जी ने बताया कि समस्त दुखों का कारण अज्ञान है और अज्ञान के कारण ही व्यक्ति को जो खाना चाहिए वह नहीं खाता है जो पीना चाहिए वह नहीं पीता है जो सोचना चाहिए वह नहीं सोचता है जो नहीं करना चाहिए वह करता है। इसीलिए उसके जीवन में नाना प्रकार की बीमारी अज्ञान के कारण आदमी भटक रहा है। संसार में सुख खोजता है । धन और दौलत मे लेकिन वास्तविक सुख जो है। वह आत्मज्ञान में ज्ञान का प्रकाश होते ही रत्नाकर वाल्मिक ऋषि बन जाते है। अंगुलिमाल बौद्ध भिक्षुक बन जाते है और जिस आदमी को पता चल जाए कि कल फांसी होनी है तो उसके बाल रात भर में काले से सफेद हो जाते हैं । लेकिन ज्ञान के बल पर ही एक युवा जेल में भगत सिंह दंड बैठक मारता है और उनका वजन बढ़ जाता है ।
कथा जीवन की व्यथा को हर लेती है । दुख ज्ञान के बल पर समाप्त हो जाते हैं। ज्ञान ही था जिसके कारण हमारा देश जगत गुरु था । इसीलिए तुलसीदास महाराज ने लिखा है चौपाई में, दैहिक दैविक भौतिक तापा, रामराज काहू नहीं व्यापा। दैहिक दैविक किसी प्रकार की बीमारी हमारे यहां नहीं होती थी और आदमी 100 वर्ष तक स्वस्थ जीवन जीता था किसी प्रकार का अनाचार पापा चार नहीं होता था। इस कारण से यहां पर कोई भी पापी नहीं थे। ज्ञान के बल पर रामराज्य था। गृह गृह सबके होई पुराना सबके घर घर में ज्ञान की कहानी पढ़ी जाती थी। सबके घर घर में रामायण और  गीता  पुराण  पढ़ी जाती हर बच्चा ज्ञान से ओतप्रोत रहता था। आज की कथा में कथा व्यास ने बताया कि अपने बच्चों को अज्ञान से बचाना है तो कम से कम 10 मिनट 15 मिनट उसको आध्यात्मिक ज्ञान  दें। माता-पिता उनके साथ बैठे और छोटी-छोटी कहानियों के माध्यम से उनको मोटिवेट करें। इसी के साथ आज की कथा का समापन हुआ। जिसमें बड़ी संख्या में भाई बहनों ने हिस्सा लिया।
 इसके पूर्व बैतूल हरदा हरसूद के लोकप्रिय सांसद व गायत्री परिवार के पूर्व जिला युवा संयोजक डीडी उईके, भारत भारती के सचिव जलपुरुष मोहन नागर व गायत्री परिवार के जिला समन्वयक डॉ कैलाश वर्मा ने धर्म की पताका का ध्वजारोहण किया। इस अवसर पर बरगद, पीपल और नीम की त्रिवेणी का रोपण किया गया।  
कल की कथा मे विशेष 'पारिवारिक जीवन कैसे जिए" जीवन साधना के व्यावहारिक सूत्र पर कथा होनी है और परिवार में प्रेम  प्यार और सहकार कैसे बड़े जिसके लिए  न घर छोड़ना पड़े ना परिवार छोड़ना पड़े। ना नौकरी छोड़ना पड़े। श्रीमद् भागवत प्रज्ञा पुराण की पावन कथा में कथा व्यास के द्वारा बहुत ही मार्मिक प्रसंग होने वाला है इसलिए सभी भाइयों बहनों से निवेदन है कि प्रातः 8:30 से 24 कुंडीय गायत्री महायज्ञ एवं शाम 6:00 से 8:00  श्रीमद् भागवत प्रज्ञा पुराण की कथा होगी कल कथा मंडप में पहुंचने का कष्ट करें । ऐसी कथा  जिसे भाव तरणी कहते हैं जो पार लगाने वाली उद्धार करने वाली है । इसलिए पुनः समस्त धर्मप्रेमियों से निवेदन है कि आप इस कथा में ज्यादा से ज्यादा संख्या में आकर पुण्यलाभ अर्जित करने का कष्ट करें।
नवल-वर्मा-हेडलाईन-बैतूल  28 नवम्बर 2022