बैतूल(हेडलाईन)/नवल-वर्मा । राष्ट्रसंत महोपाध्याय ललितप्रभ सागर महाराज का शनिवार को चांदबेहड़ा में आगमन हुआ। इस दौरान श्रद्धालुओं ने संत प्रवर का स्वागत किया। श्रावक सतीश पारख और मुकेश गोठी ने बताया चांदबेहड़ा के पंचायत भवन में आयोजित प्रवचन कार्यक्रम में संत प्रवर ने श्रद्धालु, भाई-बहनों को संबोधित करते हुए कहा कि इंसान बोलना तो बचपन में सीख जाता है, पर क्या बोलना यह बचपन में भी सीख नहीं पाता है। अगर सास-बहू बोलना सीख जाए तो 40 साल तक भी उनके बीच प्यार रहेगा, नहीं तो 4 दिन में ही आपस में तकरार खड़ी हो जाएगी। अगर भाई-भाई जुदा होते हैं, पति-पत्नी में तलाक होता है तो उसके पीछे जमीन-जायदाद कम वाणी का रोल ज्यादा होता है। जुबान में जहर भी है और अमृत भी, इसमें लोकप्रियता का राज भी छिपा हुआ है और अपयश पाने का मार्ग भी बना हुआ है। अगर यह कैंची की तरह चले तो बने हुए रिश्ते भी तोड़ देती है और सुई-धागे की तरह चले तो टूटे हुए रिश्ते को भी जोड़ देती है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बोलना जानते हैं इसलिए वे पूरी दुनिया में छा गए और उन्होंने पूरे विश्व में भारत की साख ऊँची कर दी।

उन्होंने कहा जीभ में लगा घाव 7 दिन में ठीक हो जाता है, शरीर में लगा घाव 17 दिन में ठीक हो जाता है, पर जीभ से लगा घाव 17 सालों में भी ठीक नहीं होता है इसलिए जिंदगी में जितना महत्त्व स्मार्टनेस का है उससे भी ज्यादा महत्त्व स्वीटनेस का है। वाणी के चार प्रकार है - सामान्य वाणी, प्रभावी वाणी, सिद्ध वाणी और भागवत वाणी। अगर हम सदा सत्य बोलते हैं, अहिंसा का पालन करते हैं, दूसरों को सम्मान देते हैं, शास्त्रों और श्रेष्ठ किताबों का अध्ययन करते हैं, प्रभु की प्रार्थना और मंत्र-पाठ करते हैं तो हमारी वाणी प्रभावी और सिद्ध वाणी बनती चली जाएगी। राष्ट्र-संत ने कहा कि माता-पिता का नाम सम्मान के साथ लेवें। उनके नाम से पहले श्री और नाम के बाद जी लगावें। अपनी धर्मपत्नी को तुम कहने की बजाय आप कहें, ताकि लक्ष्मीजी सदा कृपावंत रहे। जब भी बोलें सम्मान से और आत्मविश्वास से बोलें, श्रेष्ठ बुद्धि पूर्वक बोलें और हमेशा बहू-बेटे, घरवालों व औरों की तारीफ करते हुए बोलें। इससे पूर्व राष्ट्र संत के पंचायत भवन पहुंचने पर श्रद्धालुओं ने धूमधाम से स्वागत किया। कार्यक्रम में विधायक निलय डागा, प्रशांत मरोठी, लोकेश पगारिया, मिथिलेश राजपूत, मुकेश गोठी, राकेश सुराना, सतीश पारख सहित अनेक श्रद्धालु मौजूद थे। संत प्रवर चिचोली, हरदा, टिमरनी होते हुए 29 दिसंबर को इंदौर पहुंचेंगे, जहां उनके तीन दिवसीय सत्संग माला होगी, जिसमें बैतूल जिले से अनेक श्रद्धालु भाग लेंगे।

नवल-वर्मा-हेडलाईन-बैतूल 17 दिसम्बर 2022