(बैतूल) अवैध कालोनी में 4 लाख रूपये लुटा चुके फरियादी की एफआईआर लिखने को तैयार नहीं गंज टीआई..! - दस दिन पहले दिया था आवेदन पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं..?
बैतूल(हेडलाईन)/नवल-वर्मा । अवैध कालोनी के मामले में धारा 420 और 120 लगाने से बच रहे हैं गंज थाना प्रभारी! उस मामले में भी एफआईआर नहीं लिख रहे हैं जिसमें अवैध कालोनी के चक्कर में एक व्यक्ति 4 लाख रूपये से लुट गया है। उसके द्वारा 7 दिसम्बर को गंज थाने में आवेदन दिया गया, लेकिन अभी तक एफआईआर नहीं लिखी गई है। पूरा मसला यह है कि टिकारी निवासी संजय भारोत ने अपने मित्र राहुल वड़कुले और कमलकांत अड़लक के साथ ग्राम भैंसदेही खसरा नं 79/2 में करीब 12 हजार वर्गफुट जमीन का सौदा अरविंद गंगारे और योगेश धामोड़े से किया था। यह सौदा अप्रैल माह 2019 में किया गया। बाद में यह कालोनी प्रबंधन में चली गई और रजिस्ट्री होना बंद हो गई। जब संजय भारोत ने अपना बयाने में दिया गया 4 लाख रूपया वापस मांगा तो उन्हें एक चैक दे दिया गया और वह भी बाउंस हो गया। इस मामले में उनके द्वारा गंज थाने में आवेदन दिया गया, लेकिन एफआईआर नहीं हुई।
- मेडम एसपी ध्यान दें...
- यह उदाहरण है कि क्यों लगना चाहिए धारा 420...
कानून के जानकारों का कहना है कि यह प्रकरण इस बात का दृष्टांत है कि अवैध कालोनियों के मामले में किस तरह से लोगों के साथ धोखाधड़ी होती है और इस धोखाधड़ी को देखते हुए धारा 420 और 120 बी भी लगाई जाना चाहिए। जिन 6 मामलों में गंज टीआई धारा 420 लगाने से बच रहे है उनमें इस प्रकरण को देखते हुए तत्काल धारा 420 लगाना चाहिए।
- इस तरह कालोनी प्रबंधन में जाने से धोखाधड़ी का शिकार बने कई लोग...
फरियादी संजय भरोत ने बताया कि अप्रैल 2019 में उनका जो सौदा हुआ था उसमें भूमि स्वामी अरविंद गंगारे द्वारा बताया गया कि योगेश धामोड़े और वो कालोनी विकसित कर रहे हैं जिसमें सौदे के अनुसार उन्होंने 11 अप्रैल 2019 को अरविंद गंगारे को बयाना चिट्ठी के लिए 1 लाख रूपये नगद और तीन लाख रूपये योगेश धामोड़े के खाते में आरटीजीएस के द्वारा डाले गए थे। शेष बची राशि रजिस्ट्री के वक्त दी जाना थी। बयाना चिट्ठी के अनुसार 16 जून 2019 को रजिस्ट्री कराने का कहा गया था। जब हमारे द्वारा 10 जून 2019 को रजिस्ट्री के लिए कहा गया तो योगेश धामोड़े ने बताया कि कालोनी प्रबंधन में चली गई है। अनुमति मिलने के बाद रजिस्ट्री करवा देंगे और इसके बाद लगातार बहाना करते रहे। उनके द्वारा फोन उठाना भी बंद कर दिया गया था। जब उनके द्वारा एफआईआर की धमकी दी गई तो योगेश धामोड़े ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया का एक चैक दिया, जो 21 नवम्बर 2022 को बैंक में लगाया गया तो बाउंस हो गया। इस तरह से इन लोगों द्वारा धोखाधड़ी की गई।
नवल-वर्मा-हेडलाईन-बैतूल 18 दिसम्बर 2022