(बैतूल) धारा कम ज्यादा करने में ही हो जाते हैं बड़े-बड़े खेल..! - अवैध कालोनी में गंज टीआई ने चलाया अपना दिमाग और नहीं लगाई धारा 420..?
बैतूल(हेडलाईन)/नवल-वर्मा । बैतूल नगरपालिका क्षेत्र की करीब आधा दर्जन से ज्यादा अवैध कालोनियों पर बैतूल गंज थाना और कोतवाली क्षेत्र में एफआईआर दर्ज हुई है, जिसमें कालोनाईजरों पर धारा 420 भी लगाई गई, लेकिन वर्तमान में गंज थाना प्रभारी अनुराग प्रकाश ने नगरपालिका द्वारा प्रस्तुत दस्तावेज के आधार पर नगरपालिका अधिनियम की धारा 339 ग में प्रकरण दर्ज किया। इस मामले में जिस दिन से प्रकरण दर्ज हुआ है उसी दिन से लगातार सवाल उठ रहे हैं ? सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिर क्या कारण है कि पूर्व में कोतवाल के थाना प्रभारी और पूर्व के गंज थाना प्रभारियों ने अवैध कालोनियों के प्रकरण में धारा 420 लगाई, लेकिन इस बार वर्तमान थाना प्रभारी यह धारा लगाने से क्यों बच रहे हैं? इसको लेकर तरह-तरह की बातें हो रही है जिनका कोई ठोस जवाब न तो टीआई के पास है और न ही बैतूल अनुविभाग की एसडीओपी के पास।
- दो और कालोनियों पर एफआईआर को लेकर कोतवाली में नगरपालिका ने दिए हैं दस्तावेज...
नगरपालिका से बताया गया कि टिकारी क्षेत्र की दो अवैध कालोनियों को लेकर भी कोतवाली में आवेदन दिए गए हैं। जिन दो अवैध कालोनाईजरों को लेकर आवेदन दिए गए हैं उनका नाम संतोष पिता शेषराव और धर्मेन्द्र बताया गया है। उक्त दोनों कालोनाईजरों के खिलाफ मंगलवार को आवेदन दिया गया, लेकिन एफआईआर नहीं लिखी गई?
- इधर सीएम के अनुसार इन जिलों में मिलेगी राहत...
म. प्र. में अघोषित अवैध कॉलोनी में भी अब बिजली कनेक्शन मिल सकेंगे। इसके लिए 34 से 88 हजार रुपए तक चुकाने होंगे। नर्मदापुरम संभाग के नर्मदापुरम, हरदा और बैतूल जिले में यह राहत दी गई है।
- एडीएम का है आदेश नए एसओआर के आधार पर बनाई जाए अवैध कालोनियों की विकास योजना...
सभी नगरीय निकायों को एडीएम श्यामेन्द्र जायसवाल ने निर्देश दिए है कि जो भी अवैध कालोनियां है उनके विकास का प्लॉन नए एसओआर के आधार पर बनाया जाए। बैतूल जिले में सबसे ज्यादा अवैध कालोनियां बैतूल नगरीय क्षेत्र में है इसके बाद मुलताई और आमला नगरपालिका आती है। बताया गया कि पुराने एसओआर के आधार पर अब विकास प्लॉन मान्य नहीं होगा।
- इसलिए लगाई जाना चाहिए धारा 420...
वरिष्ठ अधिवक्ता अजय दुबे का कहना है कि अवैध कालोनी के मामले में नगरपालिका अधिनियम 1961 की धारा 339 ग के साथ-साथ धारा 420 और 120 बी भी लगाई जाना चाहिए। इसकी वजह यह है कि जो कालोनाईजर है उसने संबंधित निकाय को अंधेरे में रखा। नियम अनुसार टैक्स जमा नहीं किया। उसके द्वारा लोगों को गुमराह कर प्लॉट या मकान बेचे गए। यह सब उसने सुनियोजित तरीके से किया, इसलिए 420 और 120 बी भी लगाना चाहिए। यदि यह टीआई नहीं लगा रहा है तो माना जाएगा कि इनके पास ज्यादा अक्ल है।
नवल-वर्मा-हेडलाईन-बैतूल 16 दिसम्बर 2022