(बैतूल) जिला प्रभागीय वन अधिकारी कर रहे हीरादेही जेसीबी मामले में लीपापोती, - वन विभाग के अधिकारियों पर लग रहे आरोप
मामला दक्षिण वन मंडल के मोर्शी रेंज का, जहां अधिकारियों का है जुदा अंदाज
बैतूल(हेडलाईन) /नवल-वर्मा । जिला प्रभागीय वन अधिकारी वन विभाग में एक बहुत बड़ा पद है। पद की गरिमा को बनाए रखना, ऐसा बहुत कम अधिकारियों को देखा गया है। पिछले माह मोर्शी रेंज के हीरादेही वन विभाग मे सीपीटी का(ब्रोक लोडर) जेसीबी से अवैध निर्माण के चलते विभागीय अधिकारी एवं कर्मचारियों को बचाने के लिए घमासान का माहौल, साथ ही स्टोरी कवरेज करने गए पत्रकारों को वन विभाग ने अपनी गलती छुपाने के लिए निशाने पर लिया गया था। जोकि संविधान के अनुसार अनुच्छेद 19 का उल्लंघन जिले में बैठे गरिमामय पद पर जिला वन प्रभागीय अधिकारी द्वारा देखा गया। प्राप्त जानकारी के अनुसार बैतूल वन विभाग के दक्षिण वन मंडल मोर्शी रेंज के अंतर्गत आने वाली हीरादेही सर्किल रिजर्व फारेस्ट में विगत एक माह पूर्व 20 नवम्बर को बिना अनुमति जेसीबी मशीन के द्वारा सीपीटी (नाली) खुदाई का कार्य किया जा रहा था। सूचना मिलने पर वन विभाग के उच्च अधिकारियों ने जाँच टीम के द्वारा इस मामले की जाँच करवाई। जाँच में 160 मीटर जेसीबी मशीन से खुदाई होना पाया गया एवम् यह भी बताया गया की एक स्वीकृत कार्य रिजर्व फारेस्ट में मजदूरों द्वारा करवाया जाना था, जिसे नियम विरुद्ध जेसीबी मशीन से करवाया गया। जिसमें एकमात्र शोकास नोटिस सिर्फ और सिर्फ बीट गार्ड को दिया गया, उसका जवाब भी हो गया, फिर समय खींचते हुए जिला वन प्रभागीय अधिकारी अपने अधीनस्थ एसडीओ से अभिमत लेने का इंतजार कर रहें हैं । इस तरह से उल्टी गंगा बैतूल दक्षिण वन मंडल में ही बह सकती है, जबकि यह स्पष्ट है कि गलत तरीके से कार्य हो रहा था। किन्तु पूरे मामले को डीएफओ दक्षिण ने एसडीओ वन मुलताई, मोर्शी रेंज के रेंजर, डिप्टी रेंजर व बीट गार्ड को बचाने के चक्कर में कर्मचारी एवं अधिकारी से साँठ-गाँठ कर पूरे मामले को दबाने की नाकाम कोशिश की जा रही है। जांच हो गई, पूरा एक महीना से ज्यादा समय बीत जाने पर भी किसी तरह की कार्यवाही डीएफओ द्वारा नहीं किया जाना, इसी ओर इशारा कर रहा है, की सांठगांठ हो चुकी है। इस विषय में बैतूल से एक दल जल्द ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एवम् वनमंत्री से मुलाक़ात कर, पूरे मामले की शिकायत करने भोपाल पहुंचने वाला है। दक्षिण वन मंडल के मोर्शी रेंज का यह कोई पहला मामला नहीं है, इससे पहले भी मोर्शी रेंज में वन विभाग के अधिकारी वन उजाड़ने में लिप्त पाए गये है। जिला मुख्यालय से दूरी अधिक होने का लाभ उठा कर वन विभाग के कुछ कर्मचारी वन को लूटने में लगे हुऐ हैं । जहाँ उच्च अधिकारियों की निष्क्रिय कार्यप्रणाली से भ्रष्टाचार करने वालों को बढ़ावा मिल रहा है। वन विभाग के एक पुराने जानकार ने बताया कि ऊपर से नीचे तक चेन मिली हुई है, इसलिये अधिकारी कार्यवाही करने से बचते हैं । उन्होंने सलाह दी है कि वनमंत्री एवम् मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मिलने पर ही इस मामले में कुछ हो सकता है।
- इनका कहना ...
जाँच मुलताई एसडीओ वन विभाग को सौपी गई है, मैं आज जांच रिपोर्ट मंगवा लेता हूं, फिर बताता हूं।
विजयानाथम टी. आर. डीएफओ, दक्षिण वन मंडल बैतूल।
- मैंने जांच रिपोर्ट डीएफओ साहब को कब की सौंप दी है, अब उन्हें ही कार्यवाही करना है।
एसडीओ, वन विभाग मुलताई।
गौरतलब है कि एसडीओ मुलताई का अजीबोगरीब अंदाज कथन में कहा है कि मैंने जांच रिपोर्ट जिला वन प्रभागीय अधिकारी को सौंप दी है, जो भी कार्यवाही करनी हो वह जिला वन प्रभागीय अधिकारी ही करेंगे, वही जिला प्रभागीय वन अधिकारी विजयानाथम टी आर का कहना है कि मैं जांच रिपोर्ट मंगवा लेता हूं, आने के बाद जानकारी देंगे, जिला एवं तहसील में बैठे वन विभाग के आका एक सब्जी विक्रेता की तरह बोली बोल रहे हैं... यहां पर यह कहना गलत नहीं होगा, "मकतब्रे इश्क के अंदाज निराले देखें, उसे छुट्टी न मिली, जिसने सब की याद किया" या यह भी कह सकते हैं एक तो चोरी ऊपर से सीना जोरी दक्षिण वन मंडल मोर्शी रेंज का जुदा अंदाज, जिला वन प्रभागीय अधिकारी का इन दिनों जिला वासियों को देखने मिल रहा है।
नवल-वर्मा-हेडलाईन-बैतूल 24 दिसम्बर 2022