(बैतूल) 2020 के कोविड और लॉकडाउन की तरह रिकार्ड स्तर पर जा सकते हैं भाव , - पिछले 15 दिनों में सोना पहुंचा 53 हजार पर
- सराफा की ग्राहकी में तेजी नहीं पर रूपया गिर रहा और सोना चढ़ रहा
बैतूल(हेडलाईन)/नवल-वर्मा । बैतूल के सराफा बाजार में ग्राहकी में बहुत तेजी नहीं है, लेकिन सोने चांदी के भाव में तेजी देखी जा रही है। इस तेजी का कारण सराफा व्यवसायियों ने यह बताया कि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में सोने की खरीदी जबरदस्त स्तर पर हो रही है। बैंकर्स सोना खरीद रहे हैं। वहीं दूसरा कारण यह बताया कि रूपया गिरने से भी सोने के भाव में राष्ट्रीय स्तर पर तेजी आती है। सराफा व्यवसायी नितिन पगारिया ने बताया कि पिछले 15 दिनों में सोना 53 हजार रूपये पर पहुंच गया है। उन्होंने बताया कि यह तेजी आगे भी रह सकती है। उनका जो फीडबैक है उसके आधार पर उनका आंकलन है कि सोना 56 हजार रूपये पर अपना रिकार्ड ब्रेक कर सकता है। जो भी हो लेकिन सोना और चांदी में तेजी जब आ रही है जब कोविड फिर हलचल मचाने की तैयारी में है और चौथी लहर का डर सता रहा है।
2020 में सोना एक समय 35 से 38 हजार था ...
साल 2020 तो सभी को याद ही होगा, जब मार्च के महीने में सोने के दाम 35 हजार से 38 हजार प्रति दस ग्राम के बीच थे। अगस्त का महीना आते-आते गोल्ड के दाम 56 हजार से ज्यादा हो गए थे। इसका मतलब है कि पांच महीनों में सोने के दाम में 18 हजार रुपये प्रति दस ग्राम का इजाफा देखने को मिला था। तब जानकारों ने कहा था कि निवेशकों ने कोविड के डर से सेफ हैवन यानी गोल्ड में निवेश करना शुरू करने से डिमांड बढ़ी और दाम में इजाफा हो गया। एक बार फिर से वही माहौल पैदा हो गया है। चीन में कोविड की चौथी लहर सामने आ चुकी है। दुनिया में मंदी का साया है। दोनों ही कारण गोल्ड की कीमत को सपोर्ट करते हैं। ऐसे में जनवरी से लेकर मार्च तक का महीना गोल्ड के निवेशकों के लिए काफी अहम रहने वाला है। जानकारों की मानें तो जनवरी में सोने के दाम मौजूदा लेवल से करीब 1600 रुपये और मार्च तक 3000 रुपये तक बढ़ सकते हैं। इसका मतलब है ढाई साल के बाद सोने का लाइफ टाइम रिकॉर्ड जनवरी में टूटता हुआ दिखाई दे सकता है।
- कोविड कहर से मिलेगा सपोर्ट...
कोविड की चौथी लहर शुरू हो गई है, जिसका असर चीन में शुरू भी हो गया है। जानकारों की मानें तो कोविड के इस नए वैरिएंट का असर भारत समेत पूरी दुनिया में जल्द देखने को मिल सकता है। जिसकी वजह से दुनियाभर में निवेशकों ने अपने पैसों को इक्विटी मार्केट और दूसरे असेट्स से निकालकर गोल्ड में निवेश करना शुरू कर दिया है। इस तरह की क्राइसिस में गोल्ड को सेफ हैवन के रूप में देखा जाता है। जिसकी वजह से गोल्ड की डिमांड में इजाफा होता है और कीमतों में तेजी देखने को मिलती है। बीते कुछ दिनों में विदेशी बाजारों के साथ भारत में भी सोने और चांदी के दाम में तेजी देखने को मिली है।
- सोना निखरना हुआ शुरू...
दिसंबर के महीने में कोविड और मंदी का असर सोना और चांदी की कीमत में दिखना भी शुरू हो गया है। दिसंबर के महीने में सोने की कीमत में 1,643 रुपये प्रति दस ग्राम का इजाफा हो चुका है। 30 नवंबर को सोने के दाम वायदा बाजार में 52,931 रुपये प्रति दस ग्राम रुपये प्रति दस ग्राम थे, जो 54,574 रुपये प्रति दस ग्राम पर पहुंच गए हैं। इसी तरह से चांदी की कीमत में 5,572 रुपये प्रति किलोग्राम की तेजी देखने को मिल चुकी है। 30 नवंबर को चांदी के दाम 63,461 रुपये प्रति किलोग्राम थे जो बीते आखिरी कारोबारी दिन 69,033 रुपये प्रति किलोग्राम पर आ गए थे।
- जनवरी में टूट सकता है रिकॉर्ड...
जानकारों की मानें तो जनवरी के महीने में सोना और चांदी के दाम का रिकॉर्ड टूट सकता है। सोने का लाइफ टाइम हाई प्राइस 56200 रुपये प्रति दस ग्राम है, जो जनवरी के आखिरी हफ्ते को पार कर सकता है। इसका मतलब है कि अगले एक महीने में सोने के दाम मतें 1,600 रुपये प्रति दस ग्राम की तेजी देखने को मिल सकती है। अगर ऐसा हुआ तो जनवरी के महीने में ढाई साल के बाद सोने का रिकॉर्ड टूटता हुआ दिखाई दे सकता है। वहीं चांदी की कीमत में 75,000 रुपये प्रति किलोग्राम के लेवल पर पहुंच सकते हैं, लेकिन रिकॉर्ड टूटने थोड़ा वक्त लग सकता है। चांदी का लाइफ टाइम रिकॉर्ड प्राइस 79980 रुपये प्रति किलोग्राम था।
- मंदी के साए में भी निखरता है सोना...
दूसरी ओर साल 2023 में मंदी आने की संभावना है। अमेरिकी मंदी आने का असर पूरी दुनिया देने लगेगा। बीते एक साल से इसका असर भी पहले से ही दिखना शुरू हो गया। जानकारों की मानें तो मंदी के माहौल में सोना और भी निखरता है। इस दौरान बाकी असेट्स में गिरावट का माहौल बन जाता है और सोने की कीमत में तेजी देखने को मिलती है। इसी मरह का माहौल हमने साल 2020 के मिड टेन्योर में भी देखा था। तब दाम रिकॉर्ड हाई पर पहुंच गए थे।
नवल-वर्मा-हेडलाईन-बैतूल 25 दिसम्बर 2022