बैतूल (हेडलाईन)/नवल-वर्मा । आमला विकासखण्ड के महिला बाल विकास विभाग में पदस्थ एक सीडीपीओ कई तरह के फर्जीवाड़े करते आ रहे हैं। उनके फर्जीवाड़ों की लम्बी दास्तान अब सामने आने लगी है। इन्होंने जिस लेबल पर और जिस तरह से फर्जीवाड़ा किया यदि उसकी विभागीय जांच करा ली जाए तो यह सीडीपीओ शासन के साथ धोखाधड़ी करने के मामले में सीधे जेल जाएंगे? यह बात हम नहीं कह रहे बल्कि उपलब्ध दस्तावेज चीख-चीखकर कह रहे हैं। इनके द्वारा किए गए फर्जीवाडे़ का पूरा हिसाब-किताब यह बताता है कि इन्होंने आमला के महिला बाल विकास विभाग में अपनी पदस्थापना के दौरान लाखों रूपयों का गोलमाल प्रतिवर्ष किया है। किस लेबल पर यह फर्जीवाड़ा करते थे इसका एक नमूना यह है कि 290 रूपये के बिल को वे 8 हजार 827 रूपये का बिल लगाकर शासन से पैसा भी निकाल चुके हैं। यह तो सिर्फ  एक उदाहरण है कि इनका फर्जीवाड़ा किस लेबल का है। जो जानकार हैं उनका कहना है कि कलेक्टर को तत्काल एक टीम बनाकर इनके पूरे कार्यकाल की बिंदुवार जांच कराना चाहिए। यदि कलेक्टर इनके कार्यकाल की जांच करवाते है तो राष्ट्रीय दिव्य दुनिया के पास उपलब्ध तमाम दस्तावेज और साक्ष्य जांच दल को बिना किसी शर्त के उपलब्ध करवायेगा।


- तीन स्टेप में समझे फर्जीवाड़े का खेल :-

- फर्जीवाड़ा स्टेप : 01...
- 290 का नगद भुगतान...
जो बिल उपलब्ध है उसके अनुसार सीडीपीओ चयेन्द्र कुमार बुड़ेकर ने 12 अगस्त 2016 को बैतूल ऑटो मोबाईल में टू-व्हीलर से संबंधित किसी काम या पार्टस के लिए बिल नंबर 1137 राशि 290 रूपये का नगद भुगतान कर बिल हासिल किया। 

- फर्जीवाड़ा स्टेप : 02...
- उसी बिल में 6 हजार अतिरिक्त जोड़े ...
1137 नंबर इस बिल पर ओव्हर राईटिंग कर चयेन्द्र कुमार बुड़ेकर ने 290 के आगे 6 लिखकर इस बिल को 6 हजार 290 रूपये का फोर व्हीलर के स्पेयर पार्ट्स और सर्विसिंग का बना दिया गया। इस तरह से इस बिल में 6 हजार रूपये अतिरिक्त जोड़ लिए गए। 

- फर्जीवाड़ा स्टेप : 03...
- ओव्हर राईट कर 2537 और जोड़ लिए गए...
इसी 1137 नंबर के बिल पर ही फिर से ओव्हर राईटिंग करते हुए एक अतिरिक्त पार्टस या सर्विस का चार्ज जोड़ा और इसके लिए 2537 रूपये फोर व्हीलर के स्पेयर पार्ट्स और सर्विसिंग का पुनः अलग से जोड़े गए। इस तरह 290 के बिल को कुल मिलाकर दूसरी बार भी 8 हजार 827 रूपये का बनाकर शासन से भुगतान लिया गया। 

- बाक्स में ...
- वर्षों से चल रहा खुला फर्जीवाड़ा...
बताया गया कि आमला के महिला बाल विकास में जबसे चयेन्द्र कुमार बुढ़ेकर पदस्थ हुए हैं तबसे इस तरह के कई फर्जीवाडे़ निरंतर जारी है। जिले में कई डीपीओ आए और चले गए, लेकिन इस सीडीपीओ की कार्यप्रणाली में कहीं कोई बदलाव नहीं आया। जो भी डीपीओ आता था वे उसे खुश करने में यह कोई कोर कसर बाकी नहीं रखते थे। वहीं इन पर चारित्रिक मामले को लेकर भी कई तरह के आरोप लग रहे हैं! जिनके प्रमाण भी सामने आ सकते हैं?

- सीधे एफआईआर का बनता है मामला...
जो जानकार है उनका कहना है कि सिविल सर्विस नियमों के तहत जिस तरह का फर्जीवाड़ा सीडीपीओ बुड़ेकर ने किया है उसे देखते हुए उन्हें तत्काल सस्पेंड किया जाना चाहिए। फिर उनके खिलाफ विभागीय जांच सूक्ष्मता से होना चाहिए, यदि जांच होती है तो तय माना जा रहा है कि उनके खिलाफ एफआईआर भी होगी। जिस तरह के साक्ष्य सामने आ रहे हैं उसमें तो शीशे की तरह साफ दिख रहा है कि गोलमाल छोटा मोटा नहीं है काफी लंबा चौड़ा है यहा बस आवश्यकता है कि पूरे मामले की जांच निष्पक्ष तरीके से कलेक्टर स्वयं अपनी निगरानी में करवाएं।

- इनका कहना...
यह 7 वर्ष पुराना मामला है, बिल देखने के बाद ही कुछ कह पाउंगा। फिलहाल इस संबंध में कुछ ध्यान नहीं है। मैं बिल देखने के बाद आपसे बात करूंगा ।
- चयेन्द्र कुमार बुड़ेकर, सीडीपीओ, महिला एवम् बाल विकास विभाग , आमला ।
नवल-वर्मा-हेडलाईन-बैतूल  28 दिसम्बर 2022