(बैतूल) ग्रीन टाईगर्स ने कर्बला विसर्जन घाट पर चलाया स्वच्छ्ता अभियान - लगभग 2 क्विंटल अपशिष्ट सामग्री नदी से निकाली
- बैतूल गौरव सप्ताह के रूप में मना रहे पुनर्जीवन के लिए उत्सव ,
- 25 दिसबंर से 31 दिसम्बर तक नदी के विभिन्न घाटों पर स्वच्छता सफाई और जल शुद्धि के किए जा रहे सतत प्रयास ,
- बैतूल का गौरव माचना नदी का संरक्षण अभियान
बैतूल (हेडलाईन)/नवल-वर्मा । प्रकृति पर्यावरण और जल संरक्षण के लिए कार्य कर रहे ग्रीन टाइगर्स द्वारा 25 दिसबंर से माचना नदी संरक्षण और पुनर्जीवन के लिए जल स्वच्छ्ता सफाई और नदी के घाटों से अपशिष्ट पदार्थों को हटाने का कार्य किया जा रहा है । संस्था के सक्रिय सदस्यों द्वारा आज बैतूल शहर के सबसे बड़े विसर्जन घाट पर स्वच्छ्ता अभियान चलाया जिसमें संस्था के 20 सदस्यों द्वारा माचना नदी के जल में से लगभग 2 क्विंटल पॉलीथिन , कपड़े , डिस्पोजल , खाली बोतले और अन्य अपशिष्ट पदार्थों को बाहर निकाला । प्रायः देखने में आ रहा है कि स्थानीय लोगों द्वारा लगातार नदी का उपभोग करने का ही कार्य किया जा रहा है जिससे वहां नदी जल काफी हद तक दूषित हो गया है। नदी के जल के ठहराव के बाद अब उसमें से बदबू ओर अन्य जाले बनने लगे हैं जो शनैःशनैः चायनीज़ झालर का रूप लेकर स्थाई तौर पर प्रदूषण के घेरे में आ जायेगा । ग्रीन टाइगर्स के संस्थापक तरुण वैध ने बताया कि पिछले कई वर्षों से हमारी टीम के द्वारा शहरी क्षेत्र में लगभग 6 किमी की नदी की लंबाई तक किनारों पर पौधारोपण कर नदी जल के लिए अस्थाई गहरीकरण कर नदी बचाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं किंतु जनजागरूकता के अभाव में पुनः स्तिथि बिगड़ जाती है। नदी किनारे शौच करना , अपने घर की अपशिष्ट सामग्री ले जाकर नदी में फेंकना , पॉलीथिन प्लास्टिक बोतल ओर डिस्पोजल जहरीली वस्तुओं का विसर्जन नदी में करना जैसे अमानवीयता कर्म करने से नदी अपने मूल अस्तित्व को खोते जा रही है । संस्था द्वारा स्थानीय जिला प्रशासन को भी नदी संरक्षण के लिए विभिन्न विषयों पर ध्यानाकर्षण कराते हुए लिखित आवेदन भी दिया है जिसमें नदी के मुहानों को अतिक्रमण मुक्त कराने से लेकर स्थाई घाटों के निर्माण के लिए कहा गया है जो अभी तक विचारणीय है । चूंकि माचना नदी लगभग आधे बैतूल जिले के आमला, बैतुल , चिचोली, भैंसदेही , शाहपुर , घोड़ाडोंगरी ब्लॉक में लगभग 85 किमी बहते हुए कृषि ,पशुपालन ,उधोग और अन्य सभी जनहित के कार्यों में उपयोगी होने के साथ साथ पूरे शहर को पेयजल आपूर्ति भी करती है । इसलिए इस ओर समाज के सभी नागरिकों के साथ जिला प्रशासन को भी संस्था ग्रीन टाइगर्स के साथ माचना नदी संरक्षण में एकजुट होकर प्रयास करने होंगे। जिससे माचना नदी जल स्वच्छ और निर्मल रूप से एक समान निरंतर प्रवाहित होता रहे ।
नवल-वर्मा-हेडलाईन-बैतूल 29 दिसम्बर 2022