(शाहपुर) मॉनिटरिंग के नाम पर रस्म अदायगी किसे पडे़गी भारी , - जनपद पंचायत शाहपुर के अंतर्गत आने वाली अधिकतर पंचायतों में भारी अनियमितताओं का बोलबाला, - इसकी मूल वजह कहीं विभागीय अधिकारी-कर्मचारियों की मिलीभगत तो नहीं ?, कलेक्टर-सीईओ जिला पंचायत से स्वतः संज्ञान लेकर उचित कार्रवाई की माँग
शाहपुर (हेडलाईन)/ अंकुश-मिश्रा। जनपद पंचायत शाहपुर के अंतर्गत आने वाली अधिकतर ग्राम पंचायतों में स्वीकृत मुख्यमंत्री आवास व शौचालय चीख चीख कर खुदबखुद अपनी कहानियां बयाँ कर रहे हैं कि किस कदर पंचायतों में शासन से ग्रामीणों को मिलने वाली शासकीय योजनाओं को पंचायत के सरपंच सचिव, सहायक सचिव खानापूर्ति कर कागजों में कार्य को पूर्ण दिखाकर राशि आहरित कर चुके हैं । वहीं विभाग के वरिष्ट व जिम्मेदार अधिकारी व कर्मचारियों के ऊपर भी शक की सुई घूमना जायज है क्योंकि क्या इन अधिकारियों या कर्मचारियों ने कभी फील्ड पर पहुंचकर औचक निरीक्षण किया है या फिर आफिस में ही बैठे हुए पंचायतों की विजिट बता देते हैं या फिर दाल में कुछ काला है । तभी तो अब ग्राम के जागरूक ग्रामीणों को बमुशकिल जानकारी एकत्रित कर अपनी-अपनी पंचायतों में हुए भारी भ्रष्टाचार की पोल खोलनी पड़ रही है। जबकि पिछले दिनो ग्राम पंचायत मूढ़ा में हुए फर्जी आवासों का मामला सुर्खियों में रहा वहीं अब ग्राम पंचायत काजली का मामला सामने आ गया है जबकि मूढ़ा पंचायत के मामले में विधायक की दखल अंदाजी के बाद दोषियों पर एफ आई दर्ज हो पाई है ।अब देखने वाली बात यह है कि काजली पंचायत शासकीय राशि के हेरा फेरी के मामले को ग्रामीणों ने जनपद सीईओ को शिकायत कर सामने लाया है । वहीं कुछ ग्रामीणों ने बताया कि ग्राम पंचायत काजली के मेढाखेड़ा गांव के बजरी पिता रंगलाल के नाम प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत हुआ था जिसकी राशि हितग्राही ने पूरी निकाल ली है और वहीं लिस्ट में दिनाकं 20-02-2020 को कार्य पूर्ण दिखाया गया जबकि मौके पर मकान के नाम पर सिर्फ प्लंथ ही डली है इससे सहज अदाजा लगाया जा सकता कि शासकीय राशि को सरकारी नुमाईंदे अपने चुनिंदा हितग्राहीयों से साठगांठ कर हजम कर रहे है । वहीं इस मामले में जब जनपद पंचायत सीईओ से उनकी प्रतिक्रिया लेने के लिये उनके मोबाइल पर संपर्क करने की कोशिश की तो उन्होंनेे हमेशा की तरह काल रिसीव करना तक उचित नहीं समझा।
इससे अनुमान लगाया जा सकता है कि जिम्मेदार अधिकारी अपने कार्य के प्रति कितने लापरवाह हैं। पंचायतों के जागरूक ग्रामवासियों ने कलेक्टर एवम् जिला पंचायत सीईओ से इस प्रकरण में अपने स्तर से हस्तक्षेप कर उचित कार्रवाई करने की बात कही है।
नवल-वर्मा-हेडलाईन-बैतूल 29 दिसम्बर 2022