बैतूल(हेडलाईन)/नवल-वर्मा । जिस तरह के आर्थिक अनियमितता और भ्रष्टाचार के आरोप आमला में पदस्थ सीडीपीओ चयेन्द्र बुड़ेकर पर लगते हैं उन आरोपों के आधार पर लोग उन्हें भुट्टाचोर बुलाने से भी नहीं चूकते हैं। हालाकि इस तरह की संज्ञा आम लोगों द्वारा चौक-चौराहों की चर्चा में दी जाती है। इस संज्ञा के बावजूद आमला के लोग यह मानते हैं कि वे बहुत पावरफुल हैं। उनके पावरफुल होने का उदाहरण 2018 के कलेक्टर के एक आदेश के आधार पर दिया जाता है। कलेक्टर के इस आदेश में चयेन्द्र बुड़ेकर को हटाए जाने की सिफारिश की गई थी, लेकिन इसके बावजूद उन्हें हटाया नहीं गया और आज तक वे आमला में ही उसी पद पर तैनात हैं। उनके खिलाफ विभागीय जांच के आदेश हुए थे और जांच के लिए टीम भी बना दी गई थी, लेकिन फिर भी उनका बाल बांका नहीं हुआ। यह सब स्थितियां देखकर ही लोग यह कहते हैं कि भले ही चयेन्द्र बुड़ेकर की हरकतें भुट्टाचोर वाली है, लेकिन हैं  तो बहुत पावरफुल अधिकारी ! इसलिए तो उनका कोई बिगाड़ नहीं पाता है? हालांकि लोगों को भी उन्हें भुट्टाचोर नहीं कहना चाहिए, लेकिन जिस तरह  पर उन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगते हैं उसे देखकर ही यह संज्ञा दी गई है।  हालांकि समाचार पत्र इस तरह की संज्ञा और आरोपों का कतई समर्थन नहीं करता है।

- भर्ती में अनियमितता के आरोप जांच में सिद्ध पाए जाने पर कलेक्टर ने की थी तबादला किए जाने की सिफारिश...
23 जुलाई 2018 को आमला में तैनात सीडीपीओ का तबादला अन्यत्र किए जाने के लिए तात्कालीन कलेक्टर शशांक मिश्रा ने आयुक्त महिला एवं बाल विकास विभाग को सिफारिश की थी। उन्होंने स्पष्ट रूप से लिखा था कि माह जुलाई 2015 से दिसम्बर 2017 के मध्य आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका की नियुक्तियां की गई थी। इन नियुक्तियों को लेकर कलेक्टर के आदेश पर मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत ने 06 नवम्बर 2017 को जांच समिति गठित की। इस जांच समिति द्वारा 30 मई 2018 को अपनी जांच रिपोर्ट प्रस्तुत की गई। इस जांच रिपोर्ट में यह पाया गया कि बुड़ेकर द्वारा बतौर सीडीपीओ अनियिमतताएं की गई हैं। ऐसी स्थिति में उनका परियोजना अधिकारी आमला के रूप में पदस्थ रहना उचित नहीं है, इसलिए इनका तबादला अन्यत्र किया जाए।

- कमिश्रर नर्मदापुरम को भी कलेक्टर ने विभागीय जांच कराए जाने के लिए भी कलेक्टर ने की थी सिफारिश...
तात्कालीन कलेक्टर बैतूल शशांक मिश्रा ने 23 जुलाई 2018 को ही आमला के सीडीपीओ चयेन्द्र कुमार बुड़ेकर के खिलाफ विभागीय जांच कराए जाने और अनुशानात्मक कार्रवाई करने के लिए एक सिफारिश पत्र लिखा था जिसमें उन्होंने 06 नवम्बर 2017 को गठित जांच दल की जानकारी देते हुए उस जांच दल की रिपोर्ट और निष्कर्ष भी कमिश्रर नर्मदापुरम संभाग को भेजा था। उनका कहना था कि आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका की भर्ती में तीन सदस्यीय जांच दल द्वारा 30 मई 2018 को जांच रिपोर्ट प्रस्तुत की गई है जिसमें चयेन्द्र कुमार बुड़ेकर द्वारा गंभीर अनियमितता किया जाना पाया गया है। इसलिए बुड़ेकर के खिलाफ विभागीय जांच होना आवश्यक है। कलेक्टर का कहना था कि बुड़ेकर के खिलाफ कार्रवाई करने और विभागीय जांच के आदेश का अधिकार संभागीय आयुक्त को है, इसलिए उन्होंने सिफारिश की थी।
नवल-वर्मा-हेडलाईन-बैतूल 02 जनवरी 2023