बैतूल(हेडलाईन) / नवल-वर्मा । महिला एवं बाल विकास परियोजना आमला के सीडीपीओ चयेन्द्र बुड़ेकर को लोग भुट्टाचोर यूँ ही नहीं कहते, बल्कि इनके जो कारनामे हैं उसके आधार पर उन्हें भुट्टाचोर पुकारा जाता है। उनके द्वारा जो फर्जी आहरण किए गए है और उसमें जो आरोप लगे हैं उस पर जो जवाब दिए गए हैं वह भी कम आश्चर्यजनक नहीं है। खुला झूठ बोला गया। आरोपों में दिए गए जवाब की यदि बारिकी से जांच होती तो बुड़ेकर के सफेद झूठ का पुलिंदा खुलकर सामने आ जाता। उच्च अधिकारियों ने अज्ञात कारणों से बुड़ेकर पर लगे आरोपों में उसके द्वारा प्रस्तुत जवाब को बिना पुष्टिकरण के ही मान लिया। नतीजा यह है कि बुड़ेकर पूरे ठसल के साथ आमला में अंगद की तरह पैर जमाकर बैठा है। जिस तरह की उसकी विवादित वर्किंग है उसे देखते हुए कबसे उसका विदाई समारोह हो जाना था पर ऐसा नहीं हुआ है। वहीं वर्तमान ईमदानदार कलेक्टर और जिला पंचायत के सीईओ के रहते हुए भी ऐसा न होना पाना और आश्चर्यजनक है।

- यह लगा बुड़ेकर पर फर्जी बिल से आहरण का आरोप...
सीडीपीओ चयेन्द्र बुड़ेकर को आयुक्त नर्मदापुरम संभाग द्वारा जो आरोप पत्र दिया गया उसमें आरोप क्रमांक 3 में यह कहा गया कि चयेन्द्र बुड़ेकर परियोजना अधिकारी आमला द्वारा बैतूल ऑटो मोबाईल के देयक क्रमांक 10265 दिनांक 20 फरवरी 2016 के माध्यम से 11 हजार 950 रूपये का फर्जी आहरण किया गया है।

- जवाब में भी फर्जीवाड़ा करने से बाज नहीं आए बुडे़कर...
सीडीपीओ ने जो जवाब प्रस्तुत किए हैं उसमें बताया कि वेल्डिंग कार्य उमेश धोटे जो कि छोटी सी दुकान लगाकर वेल्डिंग कार्य करते हैं उनके द्वारा किया गया। इस कार्य में 20 दिन का समय लगा और वाहन चालक गणेश शेलकर की निगरानी में हुआ। उमेश धोटे ने छोटी-छोटी वेल्डिंग की सामग्री बैतूल ऑटोमोबाईल से खरीदी की।

- झूठ की पोल इस तरह वेल्डर बताए गए उमेश धोटे ने खोली...
 सीडीपीओ के जवाब में जिस उमेश धोटे का जिक्र किया गया है उनका कहना है कि उसकी कोई वेल्डिंग वर्कशॉप ही नहीं है। उनका कहना है कि यह सब क्या है उन्हें जानकारी नहीं है। दूसरा सबसे बड़ा झूठ यह है कि बैतूल ऑटोमोबाईल से वेल्डिंग की सामग्री खरीदी जबकि वहां ऐसी कोई सामग्री कभी बेची ही नहीं गई?
नवल-वर्मा-हेडलाईन-बैतूल 07 जनवरी 2023