(बैतूल) सौर ऊर्जा का उपयोग हर क्षेत्र में संभव : डॉ. चेतन सिंह सोलंकी . - सोलर ऊर्जा मध्यप्रदेश के ब्राण्ड ऐम्बेसेडर पहुंचे भारत भारती
- जलवायु परिवर्तन विषय पर आयोजित हुई कार्यशाला
बैतूल (हेडलाईन)/नवल-वर्मा । सोलर मेन के नाम से प्रसिद्ध आईआईटी मुम्बई के प्राध्यापक डॉ. चेतन सिंह सोलंकी की 11 वर्ष के लिये निकाली जा रही सोलर एनर्जी स्वराज यात्रा आज बैतूल पहुँची। इसके अन्तर्गत भारत भारती आवासीय विद्यालय में आयोजित कार्यक्रम में डॉ. सोलंकी ने भारत भारती विद्यालय, ज्ञानकृति विद्यालय के छात्र-छात्राओं, शिक्षकगण और नागरिक बंधुओं को सम्बोधित किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता जनजाति क्षेत्र की शिक्षा के राष्ट्रीय सहसंयोजक बुधपाल सिंह ठाकुर ने की ।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि चेतन सिंह सोलंकी (प्रोफेसर,आई.आई.टी. मुम्बई) ने इस अवसर पर उपस्थित सभी को सम्बोधित करते हुए कहा कि मनुष्य ने आधुनिकता की दौड़ में प्रकृति के साथ बुरा व्यवहार किया। हमने प्रकृति से शुद्ध हवा, जल, रोशनी, ऊर्जा प्राप्त की लेकिन इसे बचाना हमें नहीं आया। इन प्रकृति प्रदत्त उपहारों के उपयोग के संबंध में उन्होंंने गांधी जी की बात दोहराते हुए कहा कि ‘संसाधनों का उपयोग जरूरत के लिए हो, लालच के लिए नहीं’ ।
श्री सोलंकी ने कहा कि जब से हमने कोयला, पेट्रोल, गैस आदि ईंधन का अत्याधिक उपयोग प्रारंभ किया, तब से प्रकृति के संरचना में बदलाव और दुष्प्रभाव सामने आने लगे हैं। वर्षा, शीत, और गर्मी केे असंतुलन हमारे सामने जीवन्त उदाहरण हैं। समूचा विश्व पृथ्वी के बढ़ते तापमान से चिंतित है। ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका के जंगलों में लगी आग इसका एक और उदाहरण है। विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO.) की रिपोर्ट के अनुसार पृथ्वी के तापमान में 1 प्रतिशत की बढोतरी हो चुकी है और अगले कुछ वर्षों में पृथ्वी का तापमान 1.5 डिग्री तक बढ़ सकता है जो भयावह स्थिति निर्मित कर सकता है। इस प्राकृतिक असंतुलन को रोकने वैश्विक स्तर पर प्रयास किये जा रहे हैं। विश्व भ्रमण के दौरान ध्यान में आया है कि केवल सरकार के प्रयासों से हम इस विकट परिस्थिति से निजात नहीं पा सकते। हमें व्यक्तिगत तौर पर प्रयास करने होंगे । हमें कार्बन उत्सर्जन कम करने के लिए सोलर ऊर्जा पर आना होगा ।
श्री सोलंकी ने कहा कि हम सौर ऊर्जा के उपयोग को बढ़ाकर अन्य ईंधनों की खपत बहुत हद तक कम कर सकते हैं, । यह कार्य कठिन नहीें है। खरगौन जिले में संचालित ऐज्यूकेशन पार्क स्कूल में 2015 से बिना विद्युत कनेक्शन के सभी आधुनिक उपकरणों का उपयोग सौर ऊर्जा की सहायता से किया जा रहा है।
हम प्रकृति का समुचित दोहन करें, इसका संरक्षण करें और संसाधनों के सही उपयोग के द्वारा प्रकृति की रक्षा में सहभागी बनें। इसके लिए हमें एक सूत्र अपनाना होगा- एवॉइड, मिनिमाइज और जनरेट। इसके अन्तर्गत बिजली की अत्याधिक आवश्यकता को टालने का प्रयास करें, कम बिजली से चलने वाले संसाधनों का उपयोग करें और आवश्यकता के अनुसार बिजली स्वयं उत्पादित करने का प्रयास करें। उम्मीद है कि आप सभी प्रण लेकर इस यात्रा के संकल्प को पूरा करेंगे।
भारत भारती शिक्षा समिति के सचिव मोहन नागर ने अपने आभार अभिभाषण में कहा कि डॉ. चेतन सिंह सोलंकी पिछले दो वर्षों से एनर्जी स्वराज यात्रा के माध्यम से सम्पूर्ण भारत को ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने हेतु 11 वर्षों की यात्रा पर हैं। भारत के लोग आज भी सूर्य को जल चढाते हैं, सूर्य का पूजन और नमस्कार करते हैं। सूर्य से प्राप्त ऊर्जा के नये उपयोग और ऊर्जा सृजन कर हम विकास के नये द्वार खोल सकते हैं। इस दिशा में सभी को जागरूक करने की आवश्यकता है। श्री सोलंकी के मार्गदर्शन से प्रेरणा लेकर हमारा परिसर भी ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनेगा।
कार्यक्रम का संचालन जीतेन्द्र तिवारी ने किया। इस अवसर पर भारत भारती आवासीय विद्यालय के प्राचार्य गोविन्द कारपेंटर , ज्ञान कृति विद्यालय के प्राचार्य प्रदीप राठौर, छात्र-छात्राएँ और शिक्षणगण उपस्थित थे।
नवल-वर्मा-हेडलाईन-बैतूल 07 जनवरी 2023