(बैतूल) बैतूल विधानसभा में गुट विशेष का समाज विशेष के नेताओं को हासिए पर धकेलने का खेल कांग्रेस को पड़ेगा महंगा ,
- कांग्रेस प्रत्याशियों के सोशल मीडिया स्टीकर में हेमंत वागद्रे और डॉ. देशमुख की फोटो न होने से समाज विशेष में देखा जा रहा असंतोष
बैतूल (हेडलाईन)/नवल-वर्मा । बैतूल विधानसभा में कांग्रेस की राजनीति में एक गुट विशेष अपना प्रभुत्व दिखाने के लिए किसी भी हद तक तैयार है और उसका नतीजा यह है कि एक प्रभावशाली समाज में कांग्रेस की इस तरह की राजनीति को लेकर असंतोष देखा जा रहा है। हाल ही में जो जिला पंचायत के कुछ वार्डों के रूझान सामने आए है उससे भी यह गुट कोई सबक नहीं ले रहा है और बैतूल विधानसभा में जो कुन्बी समाज के प्रभावशाली सम्मानित नेता कांग्रेस में है उन्हें नजर अंदाज करने का प्रयास किया जा रहा है। इसका एक बड़ा नमूना बैतूल नगरपालिका क्षेत्र में कांग्रेस प्रत्याशियों के प्रचार-प्रसार में देखा जा रहा है। प्रत्याशी और उनके सहयोगी फेसबुक आदि सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर जो प्रचार स्टीकर चला रहे है उसमें जिला कांग्रेस के कार्यवाहक अध्यक्ष और नगरपालिका के पूर्व अध्यक्ष भले मानूस डॉ. राजेन्द्र देशमुख की फोटो गायब की जा रही है। यह स्टीकर कुन्बी समाज में चर्चा का विषय बने हुुए है और इन स्टीकर के माध्यम से गुट विशेष की कुन्बी समाज के नेताओं को हासिये पर लाने या उन्हें दरकिनार करने की रणनीति का अंदाजा लगा रहे है। यह सब होना चुनाव में कांग्रेस के लिए तगड़ा नुकसानदायक होगा।

- नपा में भाजपा के मुकाबले कम को टिकिट...
बैतूल नपा चुनाव में भाजपा के मुकाबले कांग्रेस में कम कुन्बी समाज के उम्मीदवारों को टिकिट दी है। हालत यह है कि जहां कुन्बी बाहुल्य है वहां भी कुन्बी समाज के प्रत्याशी को टिकिट नहीं दी। जैसे भगत सिंह वार्ड है। यहां पर यादव समाज के व्यक्ति को टिकिट दे दी, इसलिए कुन्बी समाज का व्यक्ति निर्दलीय लड़ रहा है।

- जिला पंचायत में भी कांग्रेस ने किया नजर अंदाज...
जिला पंचायत के चार वार्ड बैतूल विधानसभा में आते है, लेकिन यहां पर भी बहुसंख्यक लोन्हारी कुन्बी समाज को खुलकर नजर अंदाज किया गया। हालत यह है कि दो वार्ड ऐसे है थे जहां कुन्बी समाज को टिकिट दी जा सकती थी, लेकिन नहीं दी गई। वार्ड क्रमांक 2 में ढोलेवार कुन्बी समाज को दी तो वार्ड क्र 20 में मराठा को दी।

- खेड़ी में समाज ने दिखाई अपना स्वाभिमान...
खेड़ी पंचायत में जिस तरह से सरपंच के लिए उलटफेर हुआ उसको लेकर स्पष्ट मैसेज था कि कुन्बी समाज ने अपने स्वाभिमान की ताकत दिखाई है, लेकिन इससे भी कोई सबक नहीं लिया जा रहा है। सुभाष राठौर के हार के पीछे की जो कहानी है जो समाज विशेष के स्वाभिमान को उकसाने का मामला बताया जा रहा है।

- तमाम प्रत्याशी के स्टीकर एक ही जगह से बने...
जिस तरह के स्टीकर सोशल मीडिया पर प्रत्याशी चला रहे है और जिस तरह के पम्पलेट सामने आए हैं उससे स्पष्ट नजर आ रहा है कि वह एक ही जगह से बने हैं और स्वाभाविक है कि साधन संपन्न गुट विशेष में ही यह सब प्रायोजित किया है और जानबूझकर कार्यवाहक अध्यक्ष और पूर्व नपा अध्यक्ष को प्रचार सामग्री से बाहर रखा है।

- आमला वाले समझदार इसलिए लगा रहे गुट...
 जहां बैतूल विधानसभा में हेमंत वागद्रे और डॉ देशमुख का स्पष्ट प्रभाव है वहां उनकी फोटो प्रचार में उपयोग करने से रोका जा रहा है। वहीं दूसरी ओर आमला में प्रत्याशी फोटो लगा रहे है। क्योंकि उन्हें समाज विशेष और इन नेताओं का प्रभाव का असर पता है।

- प्रत्याशी समझदार है तो अलग स्टीकर चला रहा...
जो प्रत्याशी हेमंत वागद्रे और डॉ राजेन्द्र देशमुख की प्रतिष्ठा और विश्वसनीयता को जानता समझता है वह अलग से भी अपना स्टीकर चला रहा है और उसमें फोटो लगा रहा है, लेकिन जो प्रत्याशी केवल एक गुट के प्रति निष्ठा रखता है वह एक जैसे स्टीकर चला रहा है। शायद चाहकर भी वह ऐसा करने से नहीं रोक पा रहा है।
नवल-वर्मा-हेडलाईन-बैतूल  28 जून 2022