बैतूल (हेडलाइन)/नवल वर्मा । जिला जनसपंर्क विभाग जिसे पत्रकारों के बीच सरकारी भोपू के नाम से जाना जाता है वह अपना काम ठीक से नहीं कर रहा है। यह बात बैतूल के मीडियाकर्मियों में चर्चा का विषय बनी है। लोगोंं का कहना है कि पूरे चुनाव के दौरान सूचनाएं उपलब्ध कराने के मामले में भी पीआरओ ने एक तरह से कुछ किया ही नहीं है। छोटी-छोटी जानकारी के लिए मीडियाकर्मियों को हैरान-परेशान होना पड़ा। हालत यह थी कि मतगणना के दिन मतदान का प्रतिशत अपडेट कराने के मामले में पीआरओ फिसड्डी साबित हुए। जबसे इनकी पोस्टिंग हुई है तब से बैतूल के मीडियाकर्मियों को महसूस हो रहा है कि पीआरओ ऑफिस भगवान भरोसे चल रहा है। पीआरओ अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करते हुए भी मीडियाकर्मियों को नजर नहीं आ रहे है। एमसीएमसी कमेटी में भी पीआरओ ने अपनी भूमिका का ईमानदारी से पालन नहीं किया। वर्तमान पीआरओ  की स्थिति को देखकर लोग पूर्व के पीआरओ सुरेन्द्र तिवारी को याद कर रहे है क्योंकि वे त्वरित रूप से समय पर सूचनाएं उपलब्ध कराते थे । वर्तमान पीआरओ तो इस मामले में नकारा साबित हुए है। यह बात एक वरिष्ठ पत्रकार ने अनौपचारिक चर्चा के दौरान कही। उनका कहना है कि इतना लचर सिस्टम बैतूल में पीआरओ का कभी नहीं देखा गया जैसा वर्तमान में चल रहा है। उनकी जबसे पोस्टिंग हुई है तबसे पीआरओ ऑफिस से व्यवस्थित तरीके से सूचनाएं और जानकारियां ही उपलब्ध नहीं हो रही है। 

- फोन ही अटेंड नहीं करते...
वर्तमान पीआरओ को लेकर मीडियाकर्मियों की बड़ी शिकायत यह है कि वे मीडियाकर्मियों के फोन ही अटेंड नहीं करते है। इस वजह से मीडियाकर्मी सूचनाओं को लेकर हैरान परेशान रहते है। चुनाव जैसे मौके पर भी पीआरओ ने फोन अटेंड करना जरूरी नहीं समझा।

- एमसीएमसी में नकारापन...
एमसीएम कमेटी के कर्ताधर्ता पीआरओ ही है, लेकिन इसके बावजूद एमसीएम कमेटी में पैड न्यूज आदि को लेकर कोई व्यवस्थित काम ही नहीं किया। हालत यह है कि कुछ भी होता रहा, लेकिन पीआरओ ने इस संबंध में अपने नैतिक उत्तरदायित्वों का पालन ही नहीं किया।

- सूचना देने में रहे नाकाम...
चुनाव के दौरान नामांकन प्रक्रिया से लेकर मतदान तक सामान्य सूचनाएं उपलब्ध कराने में भी पीआरओ नाकाम रहे। प्रत्याशियों द्वारा अपने नामांकन पत्र में क्या जानकारियां दी, यह तक उन्होंने उपलब्ध नहीं कराया। मतदान को लेकर भी कोई अपडेट उन्होंने नहीं दिया।
नवल वर्मा हेडलाइन बैतूल 19 नवंबर 2023