- स्वतंत्रता सेनानियों व उनके परिजनों का सम्मान मोदी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता : गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र,

- शहीदी दिवस पर कांस्टीट्यूशन क्लब पहुंचे अनेक सांसद और स्वाधीनता सेनानी
             
नई दिल्ली (हेडलाइन)। आज राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के संसद क्षेत्र स्थित कांस्टीट्यूशनल क्लब के स्पीकर हॉल में शहीद भगत सिंह, राजगुरु एवं सुखदेव के बलिदान दिवस पर एक पावन स्मरण /श्रद्धांजलि सभा का आयोजन अखिल भारतीय स्वतंत्रता सेनानी संगठन (रजि.), स्वतंत्रता सेनानी उत्तराधिकारी परिवार समिति (रजि.) तथा शहीद स्मृति चेतना समिति के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया गया।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में  भारत सरकार के सूचना प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर उपस्थित हुए। विशिष्ट अतिथि के रूप में अजय कुमार मिश्र 'टेनी', गृह राज्यमंत्री स्वतंत्रता सेनानी प्रभाग विशेष रूप से मौजूद रहे। श्रद्धांजलि सभा में उत्तर प्रदेश से लोकसभा सांसद जगदंबिका पाल, उत्तराखण्ड से सांसद रानी माला राज्यलक्ष्मी शाह तथा हरियाणा से सांसद राम चन्द्र जांगड़ा विशेष रूप से उपस्थित रहे।कार्यक्रम की शुरुआत राष्ट्रगीत वन्देमातरम से की गई। तत्पश्चात सभी अतिथियों तथा आगंतुकों द्वारा तीनों शहीदों भगत सिंह, राजगुरु तथा सुखदेव के साथ ही अखिल भारतीय स्वतंत्रता सेनानी समिति के पूर्व अध्यक्ष स्व. श्री एन.आर. मथाड, स्व. श्री कृष्ण कांत लहकर, कोषाध्यक्ष स्व. श्री विक्रम चोपड़ा एवं शहीद स्मृति चेतना समिति के संस्थापक स्व. श्री रवि चंद्र गुप्ता के चित्रों पर भी पुष्पांजलि अर्पित की। इस अवसर पर स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लेने वाले स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों तथा शहीदों का स्मरण कर सभी ने श्रद्धांजलियां अर्पित कीं। 

भारत सरकार के मंत्रीद्वय के समक्ष स्वाधीनता संग्राम सेनानियों तथा उनके परिवारजनों की विभिन्न समस्याओं एवं राष्ट्रहित में उनके गौरव की प्रतिष्ठा हेतु महत्वपूर्ण सुझाव बिन्दु प्रस्तुत करते हुए स्वतंत्रता सेनानी संगठन के राष्ट्रीय महासचिव जितेन्द्र रघुवंशी ने बताया कि देश भर के लगभग 40 से अधिक स्वतंत्रता सेनानियों के संगठन मिलकर अपने स्वतंत्रता सेनानियों और शहीदों की स्मृति में प्रत्येक माह के प्रथम रविवार को 10 बजे 10 मिनट शहीदों के नाम कार्यक्रम चला रहे हैं, जिसमें भारी संख्या में लोग एकत्रित होकर प्रत्येक माह के प्रथम रविवार को अपने स्वतंत्रता सेनानियों /शहीदों को श्रद्धा सुमन अर्पित करते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि देश भर में स्वतंत्रता सेनानियों के संगठन अपने स्तर पर प्रत्येक स्वतंत्रता सेनानी/शहीदों के स्मारकों तथा जन्म स्थान पर जाकर उनकी पद-रज यानी चरण-धूलि एकत्रित कर रहे हैं, जिसको जनपदवार कलशों में संग्रहीत किया जा रहा है। उन्होंने देश भर में जनपदवार स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों/ शहीदों के फोटो सहित स्मारिकाओं को प्रकाशित कराने की भी जानकारी दी। 

श्री रघुवंशी ने इस बात पर आक्रोश जाहिर किया कि देश भर के स्वतंत्रता सेनानियों के संगठनों द्वारा कई बार भारत सरकार को प्रतिवेदन देकर दिल्ली में एक "राष्ट्रीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानी मेमोरियल" बनाने की मांग की गई है, लेकिन आज तक केन्द्र सरकार ने उदासीनता ही दिखाई है। उन्होंने कहा कि अब देश भर के स्वतंत्रता सेनानियों के संगठनों ने यह निर्णय लिया है कि देश भर से जनपदवार स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों/शहीदों के पद रज कलश एवं स्मारिकाओं को लेकर भारी संख्या में स्वतंत्रता सेनानी और उत्तराधिकारीगण अक्टूबर माह में दिल्ली में इकट्ठा होंगे और तब तक धरना प्रदर्शन करेंगे जब तक सरकार दिल्ली में राष्ट्रीय स्वतंत्रता सेनानी मेमोरियल में इन पद रज कलशों तथा स्मारिकाओं को सम्मान पूर्वक स्थापित नहीं कर देगी।
         
कार्यक्रम का समन्वयन व संचालन कर रहे अखिल भारतीय स्वतंत्रता सेनानी संगठन के संस्थापक नित्यानंद शर्मा ने इस बात पर अफसोस जताया कि देश भर के स्वतंत्रता सेनानी संगठन कई वर्षों से सरकार से यह मांग करते चले आ रहे हैं कि स्थानीय स्तर पर पाठ्यक्रम में स्वतंत्रता सेनानियों/शहीदों की जीवनियों को शामिल किया जाए, लेकिन सरकार ने अभी तक इस ओर कोई निर्णय नहीं लिया है।
             
केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्र ने स्वाधीनता सेनानियों एवं परिजनों को संबोधित करते हुए कहा कि केन्द्र सरकार स्वतंत्रता सेनानियों एवं शहीदों के मान सम्मान में किसी भी प्रकार की कोई कोताही नहीं करेगी। कहा कि देश को आजादी दिलाने वाले सेनानियों एवं उनके परिवारीजनों का सम्मान और उनके मान सम्मान की रक्षा मोदी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने आश्वासन दिया कि स्वतंत्रता सेनानी संगठनों द्वारा इस कार्यक्रम के माध्यम से अथवा ज्ञापनों के माध्यम से जिन-जिन बिंदुओं की ओर ध्यान आकृष्ट किया गया है, गृह मंत्रालय उनके निस्तारण के लिए सभी प्रयास करेगा। उन्होंने स्वयं व्यक्तिगत रूप से इस ओर ध्यान देने का आश्वासन सभी को दिया। 

सूचना प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने अपने श्रद्धा सुमन शहीदों को अर्पित करते हुए कहा कि देश स्वतंत्रता सेनानियों/शहीदों के बलिदान को कभी नहीं भुला सकता है। उन्होंने स्वतंत्रता सेनानी संगठनों द्वारा उठाए गए बिन्दुओं पर शीघ्र ही विचार करके समुचित निर्णय कराने का भरोसा दिलाया। उन्होंने कहा कि राजधानी दिल्ली में राष्ट्रीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानी मेमोरियल की स्थापना के लिए हर संभव प्रयास किये जायेंगे।
आयोजन की अध्यक्षता कर रहे महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्व. श्री हरे कृष्ण महताब के सुपुत्र लोकसभा सांसद भर्तृहरि महताब ने अपने संबोधन में कहा कि अब निश्चित रूप से स्वतंत्रता सेनानी संगठनों द्वारा संगठित रूप से उठाई गई आवाज को दबाया नहीं जाना चाहिए। हम यथासंभव शीघ्रातिशीघ्र केन्द्र सरकार से इस विषय पर चर्चा करके स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के सम्मान तथा उनके उत्तराधिकारियों के अस्तित्व की रक्षा के लिए हर संभव प्रयास करेंगे।
          
श्रद्धांजलि सभा को लोकसभा सांसद जगदंबिका पाल तथा सांसद रामचंद्र जांगड़ा ने भी संबोधित किया। स्वतंत्रता सेनानी उत्तराधिकारी परिवारों की ओर से प्रेम कुमार शुक्ल, रमेश कुमार मिश्र, कपूर सिंह दलाल, राम महेश मिश्र, सुरेश चंद्र बबेले, अशोक कुमार रायचा, रमेश चन्द्र सविता, राजेश प्रताप सिंह, अवधेश पन्त,  महंथ प्रजापति, सूर्य प्रकाश पाण्डेय ने भी अपने विचार व्यक्त किए।
         
कार्यक्रम में उत्तर भारत, दक्षिण भारत, मध्य भारत तथा पूर्वोत्तर राज्यों से आये स्वतंत्रता सेनानियों एवं शहीदों के वंशजों तथा वीरांगनाओं की भारी संख्या में उपस्थिति उल्लेखनीय रही। आयोजन में देश भर से जो स्वतंत्रता संग्राम सेनानी तथा उनके उत्तराधिकारीगण उपस्थित हुए, उन्होंने अपने विचार प्रकट करते हुए भारत सरकार की इस बात के लिए तो सराहना की कि अमृत महोत्सव में सरकार ने देश के स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों तथा शहीदों को श्रद्धापूर्वक याद  किया है तथा उनके उत्तराधिकारी परिवारों को भी सम्मान दिए जाने का प्रयास किया है, लेकिन इस बात पर अपना एतराज भी जताया कि अभी भी शासन और प्रशासन द्वारा देश भर में स्वतंत्रता सेनानियों तथा उनके उत्तराधिकारियों की अनदेखी की जा रही है तथा उनके साथ उपेक्षा पूर्ण व्यवहार किया जा रहा है। 
हरिद्वार से दिल्ली पहुंचे स्वतंत्रता संग्राम सेनानी भारत भूषण विद्यालंकार ने इस अवसर पर कहा कि सरकार को स्वतंत्रता सेनानियों के आर्थिक रूप से बेहद कमजोर परिवारों को प्राथमिकता के आधार पर आर्थिक मदद देकर उन्हें सरकारी योजनाओं के अंतर्गत स्वरोजगार शुरू करने हेतु बढ़ावा देना चाहिए। उन्होंने अपने संबोधन में इस बात पर जोर दिया कि सरकार को संवैधानिक संस्थाओं तथा स्थानीय निकायों में स्वतंत्रता सेनानियों / शहीदों के परिवारों को नामित करना चाहिए।  
इस अवसर पर वरिष्ठ स्वतंत्रता संग्राम सेनानी सर्वश्री ले.आर. माधवन,  पांडुरंग गणपति शिंदे, आनंद सिंह बिष्ट, राम विचार पांडेय, अवतार सिंह पटियाला, भगवान पुरी, नन्द किशोर मांझी, बाबू साहब के अलावा देश के वरिष्ठतम स्वाधीनता सेनानियों के उत्तराधिकारी सलीमुद्दीन फारूखी, कृष्णा सोम चौधरी, प्रेम देवी, गीता देवी, सरस्वती देवी ने भी अपने विचार रखे। श्रद्धांजलि कार्यक्रम राष्ट्रगान के साथ सम्पन्न हुआ।
राम महेश मिश्र, नईदिल्ली हेडलाइन 23 मार्च 2023