(बैतूल) जेल में एक माह रह चुके डॉ मुकेश राव वागद्रे की नियुक्ति पर सवाल , - कथित पीडि़त पत्नि ने कई स्तर पर शिकायत कर पूरे मामले से कराया अवगत
बैतूल(हेडलाइन)/नवल वर्मा । नवनिर्मित सिविल अस्पताल आमला में पदस्थ डॉ. मुकेश राव वागद्रे की नियुक्ति को लेकर एक उच्च स्तरीय शिकायत हुई है। इस शिकायत में बताया गया कि उन पर गंभीर आरोप है और इन आरोपों को लेकर वे एक माह जेल में भी रह चुके है। ऐसी स्थिति में उनकी नियुक्ति की जाना ही अवैधानिक है। जो शिकायत की गई है उसमें बताया गया है कि उन पर यह मामला उनकी कथित पत्नि द्वारा दर्ज कराया गया था। मामले को लेकर जानकारी इस तरह है कि सागर रायल होम्स होशंगाबाद रोड भोपाल निवासी आराधना ने सीएमएचओ बैतूल, बीएमओ आमला, कलेक्टर बैतूल, स्वास्थ्य मंत्री सहित क्षेत्रीय विधायक आमला को एक लिखित शिकायत की है। जिसमें बताया गया कि उसके पति डॉ. मुकेश राव वागद्रे उसे शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताडि़त करते थे और उनके खिलाफ भोपाल के मिसरोद थाने में धारा 498 ए, 406, 323, 506, 377 एवं 120 बी भादवि के तहत प्रकरण दर्ज हुआ था और इस मामले में 14 फरवरी 2023 से उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। जहां वे लगभग एक माह तक जेल के अंदर रहे और 14 मार्च 2023 को जेल से रिहा हुए ।
उक्त महिला का कहना है कि उनका पति एक माह जेल में रहा, इसके बावजूद उसे पद से पृथक नहीं किया गया है। महिलाओं के प्रति असंवेदनशील और आपकृतिक कृत्य करने वाले व्यक्ति को सिविल अस्पताल में डॉक्टर के रूप में नियुक्ति देना अवैधानिक है, क्योंकि प्रकरण दर्ज होने और एक माह की जेल काटने के बाद यह नियुक्ति दी गई है। डॉ. मुकेश वागद्रे की नियुक्ति को लेकर पीडि़त महिला का आरोप है कि यह गैर कानूनी है, इसे तत्काल हटाया जाए। इस मामले में वहीं मामले को लेकर सीएमएचओ डॉ. सुरेश बौद्ध का कहना है कि डॉ. मुकेश वागद्रे की नियुक्ति भोपाल से हुई है। यहाँ उन्होंने केवल ज्वाईनिंग ली है। सारी प्रक्रिया भोपाल से हुई है। इसलिए इस संबंध में मैं कुछ नहीं कर सकता। जो कुछ होगा भोपाल से होगा और जिस शिकायत की बात है तो उन तक कोई शिकायत नहीं आई है।
वहीं बीएमओ आमला का कहना है कि यह उनका व्यक्तिगत मामला है। इसलिए हम लोग कुछ नहीं कर सकते। इधर वरिष्ठ अधिवक्ता अजय दुबे का कहना है कि यदि किसी पर अपराधिक प्रकरण दर्ज है तो उसे शासकीय सेवा में नियुक्ति नहीं दी जा सकती है। उनका कहना है यदि शिकायत हुई तो अधिकारियों की नैतिक जिम्मेदारी है कि वे पूरे मामले को पूरा वैरीफाई करें, केवल व्यक्तिगत बोलकर बचे नहीं ।
नवल वर्मा हेडलाइन बैतूल 05 जुलाई 2023